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पूर्वी दिल्ली से सांसद गौतम गंभीर आजकल काफी बिजी हैं, लेकिन क्रिकेटर से नेता बने गंभीर को अगर दिल्ली की अगुवाई करने की एक और बड़ी जिम्मेदारी दी जाए, तो वह इससे पीछे नहीं हटेंगे.
न्यूज एजेंसी IANS ने जब बीजेपी सांसद से पूछा कि क्या वह उत्तर प्रदेश जैसी व्यवस्था पर सहमति जताएंगे, जहां तत्कालीन सांसद योगी आदित्यनाथ को मुख्यमंत्री बनने के लिए कहा गया था? गंभीर ने कहा, "ये सम्मान की बात होगी. एक बड़ी जिम्मेदारी. यह एक मुक्कमल सपना होगा."
गंभीर फिलहाल अपने संसदीय क्षेत्र की चुनौतियों से निपटने में बिजी हैं. उन्होंने अपने क्षेत्र में कूड़े के पहाड़ की ऊंचाई को धीरे-धीरे कम करने का वादा किया है और इसी उद्देश्य से उन्होंने गुरुवार को एक 'बैलिस्टिक सेग्रीगेटर' का उद्घाटन भी किया. हालांकि गंभीर ने ये ईमानदारी से कहा कि वह इसके लिए कोई समयसीमा नहीं दे सकते, लेकिन उन्होंने कहा कि वह इस दिशा में काम कर रहे हैं.
बीजेपी सांसद ने पूर्वी दिल्ली में सीसीटीवी कैमरा लगवाया है और वह अपने क्षेत्र में और एंबुलेंस को तैनात करने के लिए काम कर रहे हैं. इसके साथ ही उन्होंने आम आदमी पार्टी के वादे को पूरा नहीं करने पर सवाल उठाए.
पूरी दिल्ली में वाईफाई लगाने और बसों में महिला यात्रियों के लिए मार्शलों की नियुक्ति करने के 'आप' के वादे पर उन्होंने कहा, "किसी को ऐसा वादा नहीं करना चाहिए, जिसे पूरा नहीं किया जा सके."
दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष मनोज तिवारी ने दिल्ली में भी नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजंस (NRC) को जल्द से जल्द लागू करने पर जोर दिया था, लेकिन गंभीर ऐसी कोई जल्दबाजी में नहीं हैं. उन्होंने कहा, "जब भी दिल्ली में एनआरसी लागू किया जाए, इसे बीजेपी सरकार की ओर से लागू किया जाना चाहिए"
राजनीति में शामिल होने से पहले गौतम गंभीर ने राष्ट्रवादी नजरिए से कई ट्वीट किए थे. उन्होंने पूर्व क्रिकेटर और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को उनके देश की सेना का एक 'पपेट' करार दिया था. आईएएनएस से बातचीत के दौरान, उन्होंने कहा कि हालिया संपन्न हुए यूएनजीए में खान जैसे स्पोर्ट्समैन को सभी को एकसाथ लेकर चलने की बात कहनी चाहिए थी और युद्ध जैसी बातें फैलाने को लेकर बात नहीं करनी चाहिए थी.
बीजेपी सांसद ने कहा कि भारत के हिस्से वाले कश्मीर में विकास कार्यो को देखकर पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के लोगों को एक दिन एहसास होगा कि उन्हें किन चीजों से वंचित रखा गया. उन्होंने इसके साथ ही कश्मीरी पंडितों को घाटी में बसाए जाने की बात कही.
लोकसभा चुनाव के दौरान, गंभीर पर उनकी प्रतिद्वंद्वी आतिशी के खिलाफ अपमानजनक पंप्लैट बांटने के आरोप लगे थे. गंभीर ने हालांकि आरोपों से इनकार किया था और उसके बाद से उन्होंने इस मुद्दे पर बात नहीं की थी.
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