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देश में बढ़ती मॉब लिंचिंग की घटना पर पीएम मोदी को चिट्ठी लिखने वाली हस्तियों पर FIR को लेकर सरकार की काफी आलोचना हो रही है. इस आलोचना के बाद केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर ने कहा है कि सरकार ने इस मामले में कोई केस दर्ज नहीं कराया है. प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्रकाश जावडेकर ने कहा कि पीएम मोदी को चिट्ठी लिखने वाली 49 हस्तियों पर सरकार ने केस दर्ज नहीं कराया है.
ओझा ने 27 जुलाई को कोर्ट में याचिका दायर की थी. अपनी याचिका में ओझा ने हस्तियों पर आरोप लगाया है कि असिहष्णुता को लेकर पीएम की चिट्ठी के बारे में मीडिया में बताकर उन्होंने देश का नाम खराब किया है.
मुजफ्फरपुर के सदर पुलिस स्टेशन में इन 49 हस्तियों के खिलाफ IPC की धारा 124A, 153B, 160, 190, 290, 297 और 504 के तहत मामला दर्ज किया गया है.
श्याम बेनेगल, मणिरत्नम, अनुराग कश्यप, सौमित्र चटर्जी, अपर्णा सेन, अदूर गोपालकृष्णन और शुभा मुद्गल समेत 49 मशहूर हस्तियों ने इसी साल जुलाई में प्रधानमंत्री को चिट्ठी लिखी था. अपनी चिट्ठी में सभी ने कहा था कि मुस्लिमों, दलितों और दूसरे अल्पसंख्यकों की मॉब लिंचिंग को तुरंत रोकने के लिए सरकार कड़े कदम उठाए. इसके साथ ही लिखा गया था कि असहमति के बगैर लोकतंत्र की कल्पना मुश्किल है.
FIR अपर्णा सेन, श्याम बेनेगल, स्वरा भास्कर समेत कई सोशल मीडिया यूजर्स ने गुस्सा जाहिर किया है.
डायरेक्टर श्याम बेनेगल ने क्विंट से बात करते हुए हैरान थे कि इन बातों को भी देशद्रोही माना जा सकता है. उन्होंने कहा, ‘मुझे नहीं पता कि क्या कहना है, मुझे समझने के लिए एफआईआर को देखना होगा कि वास्तव में क्या कहा गया है. किसी ने मुझे यह कहते हुए लेटर भेजा था कि यह प्रधानमंत्री को एक खुला पत्र है और हम इस पर आपका हस्ताक्षर चाहेंगे और ऐसा करना सही लगता है, क्योंकि मॉब लिंचिंग ऐसी चीज है, जिसे आप लोकतांत्रिक समाज में सही नहीं कह सकते. अगर इसे राजद्रोह माना जाने वाला है, तो मुझे नहीं पता कि परिभाषाएं बदल गई हैं.’
ओझा इससे पहले पूर्व पीएम मनमोहन सिंह और सचिन तेंदुलकर (जब 2013 में क्रिकेटर को भारत रत्न से सम्मानित किया गया था), शाहरुख खान, सलमान खान, कैटरीना कैफ, अरविंद केजरीवाल, सहित कई मशहूर हस्तियों और राजनेताओं के खिलाफ कई मामले दर्ज करा चुके हैं. यहां तक कि अन्ना हजारे के खिलाफ भी.
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