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कांग्रेस (Congress) नेता गुलाम नबी आजाद (Ghulam Nabi Aazad) के पार्टी से इस्तीफे ने सबको हैरान कर दिया है. कोई अब उनकी तीखी आलोचना कर रहा है तो कोई कांग्रेस के लिए खराब वक्त बता रहा है. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) को भी आजाद के इस फैसल से काफी हैरानी हुई.
गहलोत ने गुलाम नबी आजाद की तरफ से इस्तीफे को लेकर राहुल गांधी को लिखे पत्र पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि आजाद आज दूसरों को चापलूस बता रहे हैं, वे खुद भी कभी संजय गांधी के चापलूस कहे जाते थे.
गहलोत ने गुलाम नबी आजाद को घेरने में कोई कसर नहीं छोड़ा. उन्होंने कहा कि आजाद साइकोफेंट माने जाते थे. उस वक्त कई नेता कहते थे कि संजय गांधी चापलूसों से घिरे हुए हैं. संजय गांधी ने परवाह नहीं की. आजाद इतने बड़े नेता बने. उस वक्त संजय गांधी अगर दबाव में आकर हटा देते तो आज गुलाम नबी आजाद का नाम देश के लोग नहीं जानते. उन्होंने आगे कहा कि,
गहलोत ने कहा कि आजाद संजय गांधी के बहुत करीब रहे हैं. उस समय मेरी तरह देश के कई नेताओं के संजय गांधी से विचार मेल नहीं खाते थे, वे विरोधी थे, फिर भी मैं एमपी बना. कई पदों पर मौका मिला. आज राहुल गांधी आए हैं, वे अपनी सोच से कांग्रेस पार्टी को आगे ले जाना चाहते हैं. गहलोत ने कहा कि उन्हें आजाद के पत्र से सदमा लगा है. संजय गांधी के साथ शुरुआत करने वाले नेता 40 साल से राज कर रहे हैं. आजाद मेरे मित्र रहे हैं. पार्टी ने 42 साल तक आजाद को पार्टी में रखा.
गहलोत ने कहा पहले सोनिया गांधी बीमार थीं तो आजाद ने लेटर लिखा. उस पर कई नेताओं ने गुस्सा जताया था. अब वो इलाज के लिए अमेरिका गई हैं तब आप पत्र लिखकर क्या मैसेज देना चाहते हैं? हमारी नेता हमारे दबाव की वजह से राजनीति में आईं. वे तो राजनीति में आना ही नहीं चाहती थीं. उनकी बीमारी के समय इस तरह लिखना मानवीय संवेदना के खिलाफ है.
कांग्रेस से इस्तिफा देने के बाद गुलाम नबी आजाद ने अपनी नई पार्टी बनाने का ऐलान किया है. उन्होंने समाचार एजेंसी पीटीआई से कहा कि जम्मू-कश्मीर में चुनावों को देखते हुए वे जल्द ही नई राजनैतिक पार्टी की घोषणा करेंगे.
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