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Gujarat Election: नरेश पटेल कौन हैं जो बीजेपी,कांग्रेस,AAP...सबके लिए बने जरूरी

Naresh Patel ने हाल ही में पीएम मोदी से मुलाकात की, उससे पहले केजरीवाल में खोडलधाम पहुंचे थे.

वकार आलम
पॉलिटिक्स
Published:
<div class="paragraphs"><p>Gujarat Election: नरेश पटेल कौन हैं जो बीजेपी,कांग्रेस,AAP...सबके लिए बने जरूरी</p></div>
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Gujarat Election: नरेश पटेल कौन हैं जो बीजेपी,कांग्रेस,AAP...सबके लिए बने जरूरी

फोटो- Altered by quint

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गुजरात विधानसभा चुनाव (Gujarat Assembly Election 2022) नजदीक हैं, केवल ऐलान होना बाकी है. बीजेपी (BJP), कांग्रेस (Congress) और आम आदमी पार्टी (AAP) दोनों ने कमर कस ली है और मैदान में उतर गई हैं. पूरे राज्य में इस वक्त चुनाव की चर्चा है. लेकिन नेताओं से भी ज्यादा इस वक्त गुजरात में एक ट्रस्टी की चर्चा है. जिनका नाम है नरेश पटेल.

नरेश पटेल ने हाल ही में पीएम मोदी से मुलाकात की है. उससे पहले आम आदमी पार्टी और कांग्रेस भी उन पर डोरे डालती रही हैं. लेकिन एक सवाल अभी भी गुजरात से दिल्ली तक गूंज रहा है कि, नरेश पटेल आखिर किसके हैं. उनकी इतनी अहमियत क्यों है और वो किस तरफ जा रहे हैं. ये भी बताएंगे लेकिन पहले जान लीजिए कि नरेश पटेल हैं कौन.

नरेश पटेल कौन हैं?

नरेश पटेल एक पाटीदार नेता हैं, अगर आप गुजरात और वहां की राजनीति में जरा भी रुचि रखते हैं तो समझ सकते हैं कि गुजरात में पाटीदार नेता होने का क्या मतलब है. नरेश पटेल एक बिजनेसमैन हैं और श्री खोडलधाम ट्रस्ट (SKT) के चेयरमैन हैं. खोडलधाम गुजरात में बसे लेउवा पटेलों के लिए मुख्य संस्थान है. इसकी स्थापना 2017 में नरेश पटेल ने की थी. इनकी दो बेटी और एक बेटा है. सौराष्ट्र यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन करने वाले नरेश पटेल अब खोडलधाम न्यास के साथ-साथ अपना बिजनेस चला रहे हैं. खोडलधाम में जो मंदिर बनाया गया है उसे भारत के सबसे बड़े मंदिरों में से एक माना जाता है.

नरेश पटेल गुजरात में इतने अहम कैसे?

नरेश पटेल गुजरात के पाटीदार समाज से आते हैं. जिससे हार्दिक पटेल आते हैं. वो लेउवा पटेल हैं, जिनका असर गुजरात के कच्छ इलाके में सबसे ज्यादा है. इसके अलावा राजकोट, जामनगर, अमरेली, भावनगर, जूनागढ़, पोरबंदर और सुरेंद्रनगर जिलों में बड़ा प्रभाव है. सौराष्ट्र के 11 जिलों के अलावा सूरत में पाटीदार अच्छी खासी संख्या में हैं. हालांकि नरेश पटेल पाटीदार समाज की एक उपजाति लेउवा से संबंध रखते हैं. जो इन ऊपर दिये जिलों में प्रभावी संख्या रखती है.

गुजरात के इस वक्त मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल हैं. जो पटेल समुदाय की कडवा उपजाति से संबंध रखते हैं. पटेल समुदाय की यही दो उपजातियां कडवा और लेउवा. ये दोनों ही भगवान राम के पुत्र लव और कुश के वंशज होने का दावा करते हैं.  

गुजरात में पटेल कुल आबादी का करीब 15 प्रतिशत यानी डेढ़ करोड़ हैं. और 182 में से 70 विधानसभा सीटों पर असर रखते हैं.
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बीजेपी के पास भूपेंद्र पटेल हैं तो नरेश पटेल पर डोरे क्यों डाल रही?

यहां एक सवाल और पैदा होता है कि जब बीजेपी के पास पटेल समुदाय से ही भूपेंद्र पटेल हैं जो उनके सीएम भी हैं और अब हार्दिक पटेल भी उनके पास हैं तो नरेश पटेल पर वो डोरे क्यों डाल रही है. दरअसल भूपेंद्र पटेल कडवा पाटीदार हैं जो मूलतः उत्तरी गुजरात के निवासी हैं और नरेश पटेल लेउवा पाटीदार हैं. सौराष्ट्र और मध्य गुजरात में बसे हैं. दोनों ही समुदाय शुरू से कृषि से जुड़े हैं और इनके पास पहले पट्टे हुआ करते थे इसीलिए इन्हें पाटीदार भी कहा गया.

नरेश पटेल आखिर किसके हैं?

याद कीजिए मई जून में खबरें चल रही थीं कि नरेश पटेल कांग्रेस में शामिल होने वाले हैं. अरविंद केजरीवाल ने भी खोडलधाम में जाकर गरबा में हिस्सा लिया था और तीन दिन पहले नरेश पटेल ने पीएम मोदी से मुलाकात की है. हालांकि जून में ही नरेश पटेल ने ये साफ कर दिया था कि वो सक्रिय राजनीति का हिस्सा अभी नहीं बनने जा रहे हैं. लेकिन उनके समुदाय का साथ हर कोई चाहता है. इसीलिए, खोडधाम के चक्कर लगाये जा रहे हैं. लेकिन नरेश पटेल ने अभी तक अपने पत्ते नहीं खोले हैं. वो तीनों पार्टियों से नजदीकी बनाए रखे हुए हैं, जिससे कहा जा रहा है कि क्या वो नीतीश कुमार की तरह सबके हैं.

खोडलधाम ट्रस्ट क्या है?

खोडलधाम की स्थापना नरेश पटेल ने 2017 में की थी. जिसमें भारत के सबसे बड़े मंदिरों में से एक मंदिर बना है. जो पाटीदार समाज के लेउवा समुदाय के लिए काफी अहम है और लोग इसमें आस्था रखते हैं. इस खोडलधाम कोरिडोर में कई और मंदिर भी बने हैं. जो श्रद्धा का केंद्र हैं.

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