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गुजरात कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष हार्दिक पटेल (Hardik Patel) ने बीजेपी में शामिल होने की अटकलों को खारिज कर दिया. एनडीटीवी के मुताबिक उन्होंने कहा कि अफवाहें राजनीति का हिस्सा हैं और राज्य में पार्टी के मामलों के बारे में उनकी शिकायतें आंतरिक मुद्दे हैं और उन्हें जल्दी ही सुलझा लिया जाएगा.
इस दौरान पटेल ने कहा कि राहुल गांधी (Rahul Gandhi), प्रियंका गांधी वाड्रा और सोनिया गांधी से उन्हें कोई समस्या नहीं है. उन्होंने कहा कि सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि पार्टी बिना पक्षपात के उन नेताओं को जिम्मेदारी देती है जो लोगों के प्रति सच्चे हैं और जमीन काम करना चाहते हैं.
एनडीटीवी के मुताबिक उन्होंने कहा कि हम एक अलग प्रकार के राजनेता हैं, क्योंकि हम राजनीतिक परिवार से नहीं आते हैं. हमने कड़ी मेहनत की है. गुजरात में अपनी पहचान बनाई है. हम चुनाव से पहले नेतृत्व पर आकर्षक पद पाने के लिए दबाव नहीं बनाना चाहते हैं.
एनडीटीवी के मुताबिक पटेल ने स्पष्ट रूप से परिभाषित नेतृत्व की भूमिका के लिए अपना पक्ष रखते हुए कहा कि मैंने लोगों के बीच यात्रा की है और उनकी आशाओं और आकांक्षाओं को समझने की कोशिश की है. मैंने 8,000 गांवों की यात्रा की है.
उन्होंने यह इशारा किया कि कांग्रेस ने 1990 के बाद पहली बार राज्य में 80 से अधिक सीटें जीती हैं. पटेल ने सुझाव दिया कि ऐसे समय में पार्टी में शामिल होने के लिए जब बहुत अधिक नहीं थे, और लाखों पटेल मतदाताओं को मजबूत करने से कांग्रेस को मजबूत समर्थन मिला.
पटेल ने कहा कि राहुल गांधी ने करीब 15 दिन पहले उन्हें संदेश भेजकर पूछा था कि मामला क्या है और उन्होंने इसे खुलकर साझा किया. हालांकि आलाकमान की ओर से कोई जवाब नहीं आया. हार्दिक पटेल ने कहा कि वह हाल ही में गुजरात में थे, लेकिन मुझे लगता है कि वह बहुत व्यस्त थे.
राहुल गांधी के गुजरात दौरे के दौरान उनसे व्यक्तिगत रूप से नहीं मिलने पर पटेल ने कहा कि उनके पास समय नहीं था, क्योंकि उन्हें समुदाय के नेताओं के साथ पांच से छह घंटे के भीतर बहुत सारी बैठकें करनी थीं.
वहीं, पटेल ने राजस्थान के उदयपुर में पार्टी के चिंतन शिविर में भी बहुत आशा व्यक्त की और कहा कि विचार-मंथन सत्र से बहुत सारे नए विचार और स्पष्टता की उम्मीद है, जो गुजरात की पहेली को भी संबोधित करेगा.
उधर, बीजेपी की ओर से उनके खिलाफ मामला वापस लिए जाने पर पटेल ने कहा कि चुनावों को ध्यान में रखते हुए यह हमेशा की तरह राजनीति है. उन्होंने कहा कि गुजरात में उनका समुदाय बहुत मजबूत है और बीजेपी सरकार ने सिर्फ उनके नहीं बल्कि सैकड़ों मामले वापस ले लिए हैं.
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