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मनोहरलाल खट्टर के इस्तीफे के बाद हरियाणा (Haryana) में बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष नायब सिंह सैनी (Nayab Singh Saini) ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली है. नायब सिंह के साथ चार अन्य बीजेपी नेताओं और एक निर्दलीय विधायक ने मंत्री पद की थपथ ली है. कैबिनेट मंत्री के पद के लिए कंवरपाल गुर्जर, मूलचंद शर्मा, जेपी दलाल, डॉ बनवारी लाल और निर्दलीय विधायक रणजीत सिंह ने शपथ ली है.
आइए एक नजर कैबिनेट मंत्रियों पर डालते हैं.
यमुनानगर जिले की जगाधरी से विधायक कंवरपाल गुर्जर बीजेपी के दिग्गज नेताओं में शामिल हैं. वे शिक्षा मंत्री और वन मंत्री रह चुके हैं. इससे पहले 2019 में भी इन्होंने मंत्री पद की शपथ ली थी. वहीं 2014 में कंवरपाल विधानसभा के अध्यक्ष बनाए गए थे.
कंवरपाल गुर्जर की राजनीतिक शुरुआत 1990 में पहली बार बीजेपी में शामिल होकर हुई थी. साल 1991 में उन्हें छछरौली से पहली बार विधानसभा चुनाव का टिकट मिला था लेकिन वे चुनाव हार गए थे. 2019 में गुर्जर तीसरी बार विधायक बने हैं.
हरियाणा के बल्लभगढ़ से बीजेपी विधायक मूलचंद शर्मा खट्टर सरकार में परिवहन और खनन मंत्री रहे हैं. शर्मा ने एक बार फिर मंत्री पद की शपथ ली. वह लगातार अपनी सीट से दूसरी बार विधायक बने थे. शर्मा के पास खान और भूविज्ञान, कौशल विकास और औद्योगिक प्रशिक्षण का विभाग भी है. मूलचंद हरियाणा के ब्राह्मण चेहरा हैं.
मूलचंद शर्मा 1996 और 2009 का चुनाव हार गए थे, इसी के बाद वे बीजेपी में शामिल हुए और 2014 का चुनाव जीते.
जय प्रकाश दलाल लोहारू सीट से विधायक हैं जिन्होंने मंत्री पद की शपथ ली है. दलाल 2014 में ही बीजेपी में शामिल हुए थे और तब उन्हें प्रदेश उपाध्यक्ष का पद दिया गया था. वे बीजेपी किसान सेल के प्रभारी, जींद जिला प्रभारी जैसे कई पदों पर रह चुके हैं. वह हरियाणा सरकार में कृषि और किसान कल्याण, पशुपालन और डेयरी मत्स्य पालन, कानून और विधायी कैबिनेट मंत्री रहे हैं.
जाट नेता जय प्रकाश जलाल 2009 में निर्दलीय चुनाव लड़े थे और हार गए थे. इसके बाद वे बीजेपी में शामिल हुए थे लेकिन फिर से चुनाव हार गए थे.
डॉ बनवारी लाल बावल से विधायक हैं और एक बार फिर उन्होंने मंत्री पद की शपथ ली है. बनवारी लाल सहकारिता एवं जन स्वास्थ्य मंत्री रह चुके हैं. डॉ बनवारी लाल हरियाणा सरकार में एक दलित चेहरा हैं.
हरियाणा के रनिया से विधायक रणजीत सिंह चौटाला पहले भी मंत्री रहे हैं. वह ऊर्जा और बिजली मंत्री रह चुके हैं. फिलहाल रणजीत सिंह ऐसे विधायक हैं जो निर्दलीय हैं और जिन्होंने मंत्री पद की शपथ ली है. 2019 में वे अपने पोते दुष्यंत चौटाला के साथ खट्टर सरकार में शामिल हुए थे. रणजीत सिंह पूर्व उप प्रधानमंत्री देवीलाल के बेटे और आईएनएलडी के प्रमुख ओमप्रकाश चौटाला के भाई हैं. 2019 में रणजीत सिंह काफी लंबे अरसे के बाद चुनाव जीते थे. वे पहले भी मंत्री रह चुके हैं.
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Published: 12 Mar 2024,08:51 PM IST