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लोकसभा चुनाव 2024 (Lok Sabha Election) को लेकर बीजेपी ने अब 405 उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है. लेकिन बीजेपी की सूची में कई ऐसे उम्मीदवार भी हैं जिन्होंने लोगों का ध्यान खींचा है. इनमें से एक हैं बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत (Kangana Ranaut). बीजेपी ने अपनी पांचवी लिस्ट में कंगना रनौत को हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) की मंडी लोकसभा सीट से प्रत्याशी बनाया है.
कंगना रनौत हिमाचल प्रदेश से ताल्लुक रखती हैं. देश-दुनिया के मुद्दों पर वह अपनी मुखरता के लिए जानी जाती हैं. उन्हें मौजूदा केंद्र सरकार की विचारधारा के समर्थक के तौर पर भी देखा जाता रहा है. हालांकि अब तक उन्होंने आधिकारिक तौर बीजेपी ज्वाइन नहीं किया है.
आइए जानते हैं कि बीजेपी ने मंडी लोकसभा सीट से कंगना रनौत को क्यों मौका दिया और इसके पीछे पार्टी की क्या रणनीति है?
लेकिन इससे पहले मंडी लोकसभा सीट का इतिहास और समीकरण समझ लेते हैं.
मंडी लोकसभा सीट हिमाचल प्रदेश की चार लोकसभा सीटों में से एक है. 12 लाख मतदाताओं की आबादी वाले इस जिले में 17 विधानसभा क्षेत्र हैं. ये सीट कांग्रेस का गढ़ मानी जाती है, लेकिन 2014 और 2019 में मोदी लहर में ये सीट बीजेपी के पाले में गई थी.
साल 2014 में इस सीट से रामस्वरूप शर्मा ने जीत हासिल की थी. वहीं 2019 के लोकसभा चुनाव में भी रामस्वरूप शर्मा ने जीत हासिल की थी. लेकिन साल 2021 में उनके निधन के बाद इस सीट पर हुए उपचुनाव में हिमाचल प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह ने जीत दर्ज की. बता दें कि प्रतिभा सिंह पूर्व मुख्यमंत्री और दिवंगत कांग्रेस नेता वीरभद्र सिंह की पत्नी हैं.
2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को 50.4 फीसदी वोट मिले थे. जबकि कांग्रेस की प्रतिभा सिंह को 44.9 फीसद वोट मिले थे. साल 2019 लोकसभा चुनाव में बीजेपी का वोट प्रतिशत बढ़कर 69.1 प्रतिशत हो गया, वहीं प्रतिभा सिंह का वोट प्रतिशत सिर्फ 25.8 प्रतिशत रहा.
लेकिन ब्रिगेडियर खुशाल ठाकुर ने 2021 लोकसभा उपचुनाव में प्रतिभा देवी सिंह को कड़ी टक्कर दी थी. वीरभद्र सिंह के निधन के बाद कांग्रेस के पक्ष में उमड़ी सहानूभूति और 7 साल तक बीजेपी के सांसद रहने के बावजूद बीजेपी को सिर्फ 1 प्रतिशत कम वोट शेयर मिला.
इस चुनाव में बीजेपी को उम्मीदवार ब्रिगेडियर खुशाल ठाकुर को 3 लाख 62 हजार वोट मिले थे, जबकि प्रतिभा सिंह को 3 लाख 69 हजार वोट मिले थे.
मंडी लोकसभा सीट में किन्नौर जिला का पूरा इलाका, चंबा जिले का कुछ इलाका, कुछ हिस्सा शिमला जिले का पड़ता है, इसके अलावा मंडी जिले का भी कुछ हिस्सा इस निर्वाचन क्षेत्र में पड़ता है.
2011 की सामाजिक-आर्थिक जनगणना के मुताबिक इस सीट पर मुस्लिम वोटर की संख्या 1.4 प्रतिशत है. वहीं एससी वोटर 27.8 प्रतिशत हैं, जबकि एसटी वोटर 9.5 प्रतिशत हैं.
बौद्ध- 5.86 प्रतिशत
ईसाई- 0.1 प्रतिशत
जैन- 0.01 प्रतिशत
सिख- 0.38 प्रतिशत
कांग्रेस की ओर से मंडी लोकसभा सीट पर उम्मीदवार का ऐलान नहीं हुआ है. फिलहाल कयास लगाए जा रहे हैं कि प्रतिभा सिंह को इस सीट से फिर से टिकट मिल सकता है. अगर कंगना रनौत के सामने प्रतिभा सिंह को टिकट मिलता है तो इस सीट पर मुकाबला टक्कर का हो सकता है.
हालांकि, 2014 और 2019 के चुनाव में प्रतिभा सिंह की हार के बाद कांग्रेस इस सीट पर किसे उतारेगी इसे लेकर किसी नाम पर अब तक मुहर नहीं लगी है.
कंगना ने CAA, राम मंदिर जैसे कई मुद्दों पर बीजेपी का समर्थन किया था. इसलिए मंडी सीट पर बीजेपी वीरभद्र सिंह के राजघराने के सामने बीजेपी स्टारडम को विकल्प के तौर पर पेश कर रही है.
कंगना रनौत का जन्म मंडी के सरकाघाट में हुआ है. जाहिर है कि उनके इस जुड़ाव की वजह से बीजेपी ने उन्हें यहां से टिकट दिया है. लेकिन सिर्फ यहीं वजह नहीं है. इसके अलावा बीजेपी को इस सीट पर कोई दमदार उम्मीदवार चाहिए था जो प्रतिभा सिंह (अगर चुनाव लड़ती हैं तो) को कड़ी टक्कर दे सके. प्रतिभा सिंह का कद हिमाचल की राजनीति में बड़ा है.
ऐसे में बीजेपी की कोशिश है कि उनके सामने किसी महिला उम्मीदवार को मैदान में उतारे जिसकी ख्याति प्रतिभा सिंह के टक्कर की हो. देश-दुनिया में कंगना रनौत किसी पहचान की मोहताज नहीं हैं लेकिन घरेलू राजनीति में उनकी क्या पहचान है ये चुनाव परिणामों में ही सामने आ सकेगा.
हिमाचल को कवर करने वाले पत्रकारों के बीच एक आम राय है कि मंडी लोकसभा सीट पर 2021 के उपचुनाव में बीजेपी की ओर से उतारे गए उम्मीदवार ब्रिगेडियर खुशाल ठाकुर की हार के बाद पार्टी ने किसी बड़ी हस्ती को इस सीट से उतारने का प्लान किया हुआ था, लंबे समय से बात भी चल रही है थी कि कंगना रनौत को टिकट मिल सकता है.
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