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हिमाचल विधानसभा चुनाव में जीत हासिल करने के लिए वैसे तो कांग्रेस और बीजेपी के लिए हर एक सीट महत्वपूर्ण है. लेकिन इन सभी सीटों में एक सीट ऐसी है, जिसे बीजेपी का गढ़ कहा जाता है.
68 सदस्यीय विधानसभा में हमीरपुर विधानसभा सीट अकेली ऐसी सीट है, जहां बीजेपी का हमेशा से दबदबा रहा है. लेकिन कांग्रेस इस बार बीजेपी के इस किले में सेंध लगाने की फिराक में जी-जान से जुटी है.
पिछले 12 विधानसभा चुनावों में इस सीट पर ज्यादातर बीजेपी का कब्जा रहा है. 1967 से लेकर अब तक 12 विधानसभा चुनाव में केवल तीन बार यहां का शासन कांग्रेस के हाथ लगा है, जबकि बीजेपी ने यहां आठ बार और एक बार भारतीय जन संघ ने इस सीट पर कब्जा जमाया था.
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हमीरपुर विधानसभा सीट पर फिलहाल बीजेपी के दिग्गज नेता और दो बार मुख्यमंत्री रह चुके प्रेम कुमार धूमल का कब्जा है. लेकिन इस चुनाव में धूमल ने इस विधानसभा सीट को छोड़कर सुजानपुर से नामांकन दाखिल किया है.
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हमीरपुर विधानसभा में जहां बीजेपी उम्मीदवार नरेंद्र ठाकुर पर अपने पिता की विरासत को आगे बढ़ाने का भार होगा. वहीं कांग्रेस, बीजेपी के इस अभेद्य किले में दोबारा से सेंध लगाने की जद्दोजहद कर रही है. अब ये तो नतीजे ही बताएंगे की इस सीट पर जनता दोबारा से अपनी पसंदीदा पार्टी पर भरोसा जताती है या फिर बदलाव की मांग करते हुए ‘हाथ’ थामती है.
हिमाचल प्रदेश का यह इकलौता ऐसा निर्वाचन क्षेत्र है, जहां महिलाओं की संख्या पुरुषों से ज्यादा है. हमीरपुर में प्रति 1000 पुरुषों पर 1095 महिलाएं हैं. इतना ही नहीं प्रदेश में हमीरपुर के अंदर सबसे ज्यादा साक्षरता दर है. जो इस क्षेत्र की सूरते हाल बयां करता है.
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