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हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) में सत्तारूढ़ कांग्रेस (Congress) को राज्यसभा की एक सीट के लिए अपने छह विधायकों द्वारा क्रॉस वोटिंग के वजह से अपमानजनक हार का सामना करना पड़ा. वहीं बीजेपी (BJP) 68 सदस्यीय विधानसभा में केवल 25 विधायक होने के बावजूद हिमाचल प्रदेश की एकमात्र राज्यसभा सीट पर अपने उम्मीदवार को जिताने में कामयाब रही. चुनाव के बाद बुधवार, 28 फरवरी को अगले वित्त वर्ष के लिए बजट पारित होना है.
इसी उठापटक के बीच बुधवार, 28 फरवरी को पूर्व सीएम जयराम ठाकुर (Jairam Thakur) ने 28 फरवरी की सुबह हिमाचल के राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला से मुलाकात की. इस मुलाकात में जयराम के संग बीजेपी के 9 विधायक भी शामिल रहे. विपक्ष के नेता और अन्य बीजेपी विधायकों ने राज्यपाल से राज्य बजट को ध्वनि मत के बजाय मत विभाजन से पारित करने की मांग की.
जयराम ठाकुर ने आगे कहा- "पिछले कुछ समय से विधानसभा में जो घटनाक्रम चल रहा है, उसकी जानकारी हमने राज्यपाल को दी है. राज्यसभा चुनाव में जो परिणाम आया, जो वर्तमान स्थिति है उसे देखें तो कांग्रेस को सत्ता में रहने का अधिकार नहीं है. कांग्रेस हमारी वजह से नहीं, अपनी वजह से संकट में है."'
उन्होंने कहा-
"हमने राज्यपाल को विधानसभा में जो कुछ हुआ, उसके बारे में सूचित किया है...विधानसभा में, जब हमने वित्तीय विधेयक के दौरान मत विभाजन की मांग की, तो इसकी अनुमति नहीं दी गई और सदन को दो बार स्थगित कर दिया गया. जिस तरह से मार्शलों ने हमारे विधायकों के साथ व्यवहार किया, वह ठीक नहीं था."
हिमाचल प्रदेश के विधायक जो 27 फरवरी को शिमला से पंचकुला के एक होटल में ठहरे थे. 6 कांग्रेस विधायकों को कड़ी सुरक्षा के बीच होटल में रुकवाया गया था. 28 फरवरी की सुबह सभी विधायक पंचकूला के सेक्टर 3 ताऊ देवीलाल स्टेडियम में पहुंचे, यहां से हेलीकॉप्टर के माध्यम से हिमाचल प्रदेश के लिए रवाना हो गए.
हिमांचल के 68 विधानसभा में कांग्रेस के 40 विधायक हैं और बीजेपी के पास 25 विधायक हैं. कांग्रेस उम्मीदवार अभिषेक मनु सिंघवी के आसानी से जीतने की उम्मीद थी विपक्ष में बीजेपी की तरफ से उम्मीदवार हर्ष महाजन थे. मंगलवार को एकमात्र राज्यसभा सीट के लिए मतदान के दौरान, छह कांग्रेस विधायकों और सरकार का समर्थन करने वाले तीन निर्दलीय विधायकों ने कथित तौर पर बीजेपी उम्मीदवार के लिए मतदान किया जिससे अभिषेक मनु सिंघवी के हार का सामना करना पड़ा.
25 विधायकों वाली बीजेपी हिमाचल में 34 वोट पाने में सफल रही. पूर्व सीएम और बीजेपी नेता जयराम ठाकुर ने कहा कि बहुमत के बाद भी कांग्रेस हार गई. इसके साथ ही पार्टी 34-34 के आंकड़े पर पहुंच गई है. कांग्रेस और बीजेपी दोनों उम्मीदवारों के पास 34-34 वोट थे. ऐसे में नतीजे का फैसला लॉटरी के जरिए हुआ.
परिणाम घोषित होने के बाद सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अपनी दार को सबक बताया और कहा और शायराना अंदाज में वापस लौटने की बात कही.
हिमाचल में सरकार पर संकट के बाद कांग्रेस एक्टिव है और सरकार बचाने की मुहिम शुरू में लगी हुई है. पार्टी ने डीके शिवकुमार और भूपेंद्र सिंह हुड्डा ऑब्जर्वर नियुक्त किया है. ये नेता नाराज विधायकों को मनाने 28 फरवरी को शिमला जाएंगे.
बीबीसी के अनुसार, जयराम ठाकुर कहा कि अगले दो दिन में कांग्रेस सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया जाएगा क्योंकि कांग्रेस के पास संख्या बल नहीं है.
कांग्रेस के बचे विधायक दल ना बदलें और क्रॉस वोटिंग करने वालों में से विधायक पार्टी में बने रहते हैं तब ही कांग्रेस के लिए सरकार बचाना आसान रहेगा.
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