मेंबर्स के लिए
lock close icon
Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Politics Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019हैदराबाद मुक्ति दिवस VS एकता दिवस, KCR और अमित शाह के बीच क्यों छिड़ा विवाद?

हैदराबाद मुक्ति दिवस VS एकता दिवस, KCR और अमित शाह के बीच क्यों छिड़ा विवाद?

Hyderabad: KCR ने मनाया 'तेलंगाना राष्ट्रीय एकता दिवस' तो Amit Shah और बीजेपी ने इसे 'हैदराबाद मुक्ति दिवस' नाम दिया

आशुतोष कुमार सिंह
पॉलिटिक्स
Published:
<div class="paragraphs"><p>हैदराबाद मुक्ति दिवस VS एकता दिवस, KCR और अमित शाह के बीच क्यों छिड़ा विवाद?</p></div>
i

हैदराबाद मुक्ति दिवस VS एकता दिवस, KCR और अमित शाह के बीच क्यों छिड़ा विवाद?

(फोटो- ट्विटर)

advertisement

हैदराबाद के भारतीय संघ में विलय को आज 74 साल पूरे हो गए. हालांकि इस ऐतिहासिक मौके को अलग-अलग आयाम देते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) और सूबे के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव या KCR आमने सामने थे. जहां हैदराबाद में मुख्यमंत्री KCR ने शनिवार, 17 सितंबर को 'तेलंगाना राष्ट्रीय एकता दिवस' (Telangana National Integration Day) के रूप में मनाया, वहीं कुछ किलोमीटर दूर अमित शाह ने इसे निजामों से आजादी का नाम देते हुए 'हैदराबाद मुक्ति दिवस' (Hyderabad Liberation Day) के रूप में मनाया.

आइए देखते हैं कि अमित शाह और KCR के बीच एकता दिवस बनाम मुक्ति दिवस का यह विवाद कैसे शुरू हुआ और आखिर आज से 74 साल पहले वास्तव में हैदराबाद रियासत के साथ क्या हुआ था?

'एकता दिवस बनाम मुक्ति दिवस'

गृह मंत्री अमित शाह 17 सितंबर को हैदराबाद में ‘हैदराबाद मुक्ति दिवस’ मना रहे थे तो दूसरी तरफ तेलंगाना सरकार ने 17 सितंबर को तेलंगाना राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाया. सीएम KCR भारत सरकार द्वारा आयोजित कार्यक्रम में न्योता के बावजूद नहीं गए. यहां केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने राष्ट्रीय ध्वज फहराया और केंद्रीय अर्धसैनिक बलों द्वारा एक कलरफुल परेड की समीक्षा की.

बता दें कि तत्कालीन हैदराबाद रियासत तेलंगाना और महाराष्ट्र और कर्नाटक के कुछ हिस्सों में फैला हुआ था. इसलिए आज जब पहली बार भारत सरकार ने इस अवसर को चिन्हित करने के लिए आधिकारिक समारोह का आयोजन किया तो केंद्रीय पर्यटन और संस्कृति मंत्री जी. किशन रेड्डी ने इस आयोजन के लिए तीनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों को आमंत्रित किया था.

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और कर्नाटक के परिवहन मंत्री बी. श्रीरामुलु ने इस कार्यक्रम में तो भाग लिया लेकिन तेलंगाना सरकार की ओर से कोई नहीं पहुंचा. ध्यान रहे महाराष्ट्र और कर्नाटक में बीजेपी सरकार में है.

कांग्रेस और AIMIM ने भी इस अवसर को मनाने के लिए कार्यक्रम आयोजित किए. खास बात है कि पहली बार AIMIM ने भी इस अवसर को 'भारतीय संघ के साथ हैदराबाद के एकीकरण' के रूप में मनाया है.

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

अमित शाह का निशाना, कहा- “वोट बैंक के कारण हैदराबाद मुक्ति दिवस मनाने का साहस नहीं किया”

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को कहा कि कुछ राजनीतिक दल 17 सितंबर को हैदराबाद मुक्ति दिवस मनाने में शर्म महसूस करते हैं क्योंकि उनके मन में अभी भी रजाकारों का डर है. उन्होंने किसी का नाम लिए बगैर इन पार्टियों से अपने मन से डर दूर करने को कहा और कहा कि 75 साल पहले आजाद हुए इस देश में रजाकार फैसले नहीं ले सकते.

“दुर्भाग्य से जो लोग 75 साल से सत्ता में थे, उन्होंने वोट बैंक की राजनीति के कारण मुक्ति दिवस मनाने की हिम्मत नहीं की.”
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह

अमित शाह ने यह भी टिप्पणी की है कि जो लोग इसे मुक्ति दिवस कहने में शर्म महसूस करते हैं, उन्हें पता होना चाहिए कि वे हजारों लोगों की शहादत के कारण सत्ता का आनंद ले रहे हैं. यदि आप उन्हें श्रद्धांजलि नहीं दे रहे हैं, तो आप उन्हें धोखा दे रहे हैं.

KCR का पलटवार, कहा- अमित शाह यहां बांटने की राजनीति कर रहे हैं

तेलंगाना के मुख्यमंत्री KCR ने आज केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर "बांटने की राजनीति करने" का आरोप लगाया. उन्होंने तेलंगाना में आदिवासियों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण को सहमति देने के लिए बीजेपी की अगुवाई वाली केंद्र सरकार से मांग करते हुए यह बात कही.

"बिल केंद्र के पास लंबित है. मैं अमित शाह से मांग कर रहा हूं, जो यहां विभाजनकारी राजनीति कर रहे हैं. मैं हाथ जोड़कर पीएम नरेंद्र मोदी से मांग कर रहा हूं, जिनका आज जन्मदिन है, कृपया उस बिल को मंजूरी दें.. भारत के राष्ट्रपति से भी मांग कर रहा हूं जो एक आदिवासी महिला हैं. वह इसे नहीं रोकेंगी."
मुख्यमंत्री KCR

मुख्यमंत्री KCR ने यह भी आरोप लगाया कि “इतिहास को तोड़-मरोड़ कर पेश करने की साजिश हो रही है और हमें इससे सावधान रहना चाहिए. राजनीतिक हितों के लिए राज्य में शांति और सद्भावना को भंग किया जा रहा है.”

गृह मंत्री अमित शाह का  हैदराबाद दौरा खास क्यों?

गृह मंत्री के हैदराबाद दौरे के अपने राजनीतिक मायने निकाले जा रहे हैं. तेलंगाना में अमित शाह की यह राजनीतिक चहलकदमी इसलिए भी अहम है क्योंकि अभी एक कमजोर कांग्रेस यहां KCR के नेतृत्व वाली तेलंगाना राष्ट्र समिति को चुनौती देने में असमर्थ दिख रही है और बीजेपी को तेलंगाना में एक शानदार अवसर दिखाई दे रहा है.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

अनलॉक करने के लिए मेंबर बनें
  • साइट पर सभी पेड कंटेंट का एक्सेस
  • क्विंट पर बिना ऐड के सबकुछ पढ़ें
  • स्पेशल प्रोजेक्ट का सबसे पहला प्रीव्यू
आगे बढ़ें

Published: undefined

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT