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राजस्थान (Rajasthan) के सबसे प्रतिष्ठित माने जाने वाले ग्रेटर नगर निगम जयपुर महापौर पद पर काबिज होने के लिए कांग्रेस और बीजेपी ने पार्षदों की लग्जरी होटलों में बाड़ेबंदी कर रखी है. 150 पार्षदों वाले इस निगम के मेयर का यह पद पहले बीजेपी के कब्जे में था. बीजेपी पार्षद सौम्या गुर्जर इस पद पर 2020 में चुनी गई थी. लेकिन सौम्या गुर्जर पर तत्कालीन निगम आयुक्त यज्ञमित्र देव के साथ मारपीट करने का आरोप था.
कांग्रेस को फायदा? बीजेपी की गुटबाजी और फूट का फायदा उठाकर कांग्रेस इस सीट को जीत कर अपनी सरकार के पक्ष में मैसेज देना चाहती है.
कौन है उम्मीदवार? ओबीसी महिला के लिए आरक्षित इस पद के लिए बीजेपी ने रश्मि सैनी को अपना प्रत्याशी बनाया है, वहीं कांग्रेस की तरफ से हेमा सिंघानियों को उतारा गया. पद के लिए 10 नवंबर को वोट डाले जाएंगे, लेकिन पांच दिन पहले से ही दोनों पार्टियों ने अपने पार्षदों को लग्जरी रिजॉर्ट में बंद कर रखा है.
किसके पास कितने पार्षद? इधर बीजेपी खेमे से महापौर चुनाव को संभाल रहे विधायक और पार्टी प्रवक्ता रामलाल शर्मा कहते है कि पार्टी के पास बहुमत के आंकड़े से भी ज्यादा पार्षद हैं, कांग्रेस के जोड़-तोड़ के मंसूबे कायमयाब नहीं होंगे. शर्मा का दावा है कि उनके प्रत्याशी को 100 से ज्यादा वोट मिलेंगे. साल 2020 में हुए ग्रेटर नगर निगम के 150 वार्डों के चुनावों में 88 वार्ड में बीजेपी, 49 में कांग्रेस और 13 निर्दलीय जीते थे. आयुक्त से विवाद मामले में तीन बीजेपी, एक निर्दलीय पार्षद निलंबित हो चुके हैं. इसलिए अब बीजेपी के 85, कांग्रेस के 49 और निर्दलीय 12 पार्षद रहे हैं.
जयपुर ग्रेटर की दलीय स्थिति
बीजेपी - 85
कांग्रेस - 49
निर्दलीय- 12
(इनपुट- पंकज सोनी)
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