मेंबर्स के लिए
lock close icon
Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Politics Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019जौनपुर से धनंजय सिंह की पत्नी की दावेदारी वापस: बीजेपी से हुआ बैकडोर समझौता?

जौनपुर से धनंजय सिंह की पत्नी की दावेदारी वापस: बीजेपी से हुआ बैकडोर समझौता?

Jaunpur Lok Sabha Seat: बीएसपी ने श्रीकला रेड्डी की जगह अब मौजूदा सांसद श्याम सिंह यादव को अपना प्रत्याशी घोषित किया है.

पीयूष राय
पॉलिटिक्स
Updated:
<div class="paragraphs"><p> बीएसपी ने श्रीकला रेड्डी की जगह अब मौजूदा सांसद श्याम सिंह यादव को अपना प्रत्याशी घोषित किया है.</p></div>
i

बीएसपी ने श्रीकला रेड्डी की जगह अब मौजूदा सांसद श्याम सिंह यादव को अपना प्रत्याशी घोषित किया है.

(फोटो: क्विंट हिंदी)

advertisement

उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की जौनपुर (Jaunpur) की राजनीति में बड़ा उलटफेर हुआ है. नामांकन प्रक्रिया खत्म होने के चंद घंटे पहले बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) ने पूर्व में घोषित अपने प्रत्याशी धनंजय सिंह (Dhananjay Singh) की पत्नी और जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीकला रेड्डी की जगह अब मौजूदा सांसद श्याम सिंह यादव को अपना प्रत्याशी घोषित किया है.

श्रीकला रेड्डी के चुनाव न लड़ने को लेकर अटकलों का बाजार गर्म था. इन अटकलों पर विराम लगाते हुए बीएसपी के जोनल कोऑर्डिनेटर घनश्याम खरवार ने मीडिया में बयान दिया था कि श्रीकला रेड्डी मजबूत उम्मीदवार हैं उनकी पार्टी से चुनाव लड़ रही. हालांकि, घनश्याम खरवार के इस बयान के कुछ घंटे बाद ही मायावती के एक फोन कॉल ने जौनपुर का समीकरण बदल दिया है.

बीएसपी सुप्रीमो का देर रात आया फोन

अपने नाम के आधिकारिक ऐलान के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए जौनपुर के मौजूदा सांसद श्याम सिंह यादव ने बताया कि इस बार उनका चुनाव लड़ने का कोई उद्देश्य नहीं था और अपने किसी निजी काम से शहर के बाहर जाने की तैयारी कर रहे थे. श्यामसिंह यादव के अनुसार 5 मई की रात उनके पास बीएसपी सुप्रीमो मायवती का फोन आया और बतौर पार्टी प्रत्याशी एक बार फिर चुनावी मैदान में उतरने का निर्देश मिला. नामांकन के चंद घंटे पहले इस बदलाव ने जौनपुर का समीकरण पूरी तरीके से बदल कर रख दिया है.

एनडीए और इंडिया गठबंधन से टिकट नहीं मिलने के बाद जौनपुर के पूर्व सांसद और माफिया धनंजय सिंह ने निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया था. हालांकि, उसी बीच अपहरण और रंगदारी के एक पुराने मामले में धनंजय सिंह को 7 साल की सजा हो गई. धनंजय सिंह के जेल जाने के बाद उनकी पत्नी श्रीकला रेड्डी ने चुनावी ताल ठोकी. बीएसपी का टिकट मिलने के बाद श्रीकला रेड्डी की उम्मीदवारी और मजबूत हुई.

चुनावी विश्लेषकों ने जौनपुर में मुकाबला त्रिकोणीय घोषित कर दिया. इस मुकाबले में पहले से ही यहां कमजोर बीजेपी का पलड़ा और हल्का होता हुआ नजर आ रहा था. हालांकि, श्रीकला रेड्डी की दावेदारी वापस होने और श्याम सिंह यादव के दोबारा उम्मीदवार बनने से समीकरण एक बार फिर बीजेपी के पक्ष में नजर आ रहा है. चर्चा का विषय यह बना हुआ है कि पिछले एक-दो दिनों में ऐसा क्या हुआ की धनंजय सिंह कैंप ने चुनावी रण से दूरी बना ली.

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

बीजेपी से हुआ बैकडोर समझौता?

बीएसपी से टिकट मिलने के बाद श्रीकला रेड्डी क्षेत्र में लगातार प्रचार कर रही थीं. चाहे नुक्कड़ सभा हो, रैली या फिर डोर टू डोर कैंपन, श्रीकला रेड्डी ने लोगों के बीच अपनी उपस्थिति बनाई थी.

फिर ऐसा क्या हुआ कि पार्टी ने ऐन मौके पर अपना प्रत्याशी बदल दिया या यू कहें श्रीकला रेड्डी ने अपनी दावेदारी वापस ले ली. धनंजय सिंह को बेल मिलने के बाद उम्मीद की जा रही थी श्रीकला रेड्डी के चुनावी कैंपेन को और धार मिलेगी, लेकिन उसकी जगह कुछ अप्रत्याशित हुआ. इसके कारणों को लेकर कई कयास और चर्चाएं चल रही हैं.

सूत्रों की माने तो एक केंद्रीय एजेंसी द्वारा अपराधिक मामले में की जा रही जांच में धनंजय सिंह को राहत मिल सकती है. इसका आश्वासन बीजेपी से मिलने के बाद ही धनंजय सिंह की पत्नी श्रीकला रेड्डी ने बीएसपी जोनल कोऑर्डिनेटर को फोन कर अपनी उम्मीदवारी वापस लेने की सूचना दे दी थी. इसके बाद आनन-फानन में बीएसपी ने मौजूदा सांसद श्याम सिंह यादव को अपना उम्मीदवार बनाया.

श्याम सिंह यादव की उम्मीदवार बनने से बीजेपी को फायदा

जौनपुर सीट पर 2 लाख 20 हजार से ज्यादा मुस्लिम वोटर और तकरीबन 2 लाख 30 हजार अनुसूचित जाति के वोटर हैं. यहां पर यादव वोटरों की संख्या भी 2 लाख से ऊपर है. ऐसे में मौजूदा सांसद श्याम सिंह यादव बीएसपी के टिकट पर मजबूती से चुनाव लड़ते हैं तो वह मुस्लिम, यादव और अनुसूचित जाति के वोटरों में सेंध लगाने में सफल रहेंगे. इस स्थिति में बदले हुए समीकरण का सीधा फायदा बीजेपी प्रत्याशी कृपा शंकर सिंह को मिलेगा.

श्रीकला रेड्डी की दावेदारी वाले समीकरण में बीजेपी की स्थिति कमजोर होती नजर आ रही थी. जौनपुर लोकसभा सीट पर तकरीबन 2 लाख क्षत्रिय मतदाता हैं. इसके अलावा धनंजय सिंह के जेल जाने के बाद स्थानीय लोगों और समर्थकों के सहानुभूति का राजनीतिक फायदा भी श्रीकला रेड्डी को मिलता हुआ नजर आ रहा था. विशेषज्ञ दावा कर रहे थे कि श्रीकला रेड्डी अगर चुनाव न भी जीतीं तो उनकी दावेदारी से बीजेपी का खेल जरूर बिगड़ता.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

अनलॉक करने के लिए मेंबर बनें
  • साइट पर सभी पेड कंटेंट का एक्सेस
  • क्विंट पर बिना ऐड के सबकुछ पढ़ें
  • स्पेशल प्रोजेक्ट का सबसे पहला प्रीव्यू
आगे बढ़ें

Published: 06 May 2024,05:46 PM IST

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT