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राष्ट्रीय लोक दल के उपाध्यक्ष जयंत चौधरी ने कहा है कि क्षेत्रीय पार्टियों के वर्चस्व वाले यूपी में कांग्रेस को 2019 के चुनाव में सीट-बंटवारे के दौरान सहायक भूमिका निभानी चाहिए. हालांकि जहां कांग्रेस मुख्य पार्टी हो वहां क्षेत्रीय दलों को यह भूमिका निभानी चाहिए. और जहां क्षेत्रीय पार्टियां मजबूत हों वहां कांग्रेस सहायक भूमिका निभाए.
जयंत चौधरी ने माना कि सीटों का बंटवारा कठिन काम है लेकिन उनका कहना है कि अगर बीजेपी को रोकना है तो गठबंधन की सभी पार्टियों को उदारता दिखानी होगी. जिन राज्यों में कांग्रेस मजबूत है वहां क्षेत्रीय पार्टियों को उसे सपोर्ट करना होगा वहां जहां क्षेत्रीय दल मजबूत है वहां कांग्रेस उन्हें मदद करे. अगर सभी को एक साथ जोड़े रखना है तो ये फॉर्मूला अपनाना होगा. कांग्रेस को इस स्ट्रेटजी पर अपना रुख साफ करना होगा. हालांकि गठबंधन के ज्यादातर सहयोगी इस रुख से इत्तेफाक से रखते हैं.
जयंत ने कहा
जयंत चौधरी ने कहा है कि उनकी पार्टी पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हिंदू-मुस्लिम नहीं होने देगी. पश्चिम उत्तर प्रदेश में इस तरह की कोशिश को सामाजिक गठबंधन के जरिये नाकाम कर दिया जाएगा. जयंत ने कैराना और नूरपुर में साझा विपक्षी उम्मीदवारों की जीत को‘विपक्ष की एकजुटता के लिए जनता का संदेश' करार दिया. उन्होंने यह भी कहा कि विपक्ष में अनुभवी लोग हैं और उनको पता चल गया है कि जनता क्या चाहती है.
जयंत ने कहा, जिसे अपना राजनीतिक दायरा बनाना है और बरकरार रखना है, उसे इस गठजोड़ में आना होगा. दूसरा कोई रास्ता नहीं है. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के नेतृत्व करने की संभावना को लेकर आरएलडी नेता ने कहा, मैंने उनके साथ काम किया है. उनको राजनीति का लंबा अनुभव हो चुका है. पहले कांग्रेस को तय करना है और फिर विपक्षी दल के नेता मिलकर तय करेंगे.
उन्होंने बीजेपी पर सांप्रदायिक ध्रुवीकरण की राजनीति का आरोप लगाया और कहा कि उत्तर प्रदेश में एसपी, बीएसपी, कांग्रेस और उनकी पार्टी एकजुट होंगी और सीटों के तालमेल को लेकर किसी तरह की दिक्कत नहीं आएगी.
फूलपुर, गोरखपुर और कैराना में बीजेपी की हार के बाद यूपी में विपक्षी दलों को नई मजबूती मिली है. कैराना में आरएलडी की उम्मीदवार तब्बसुम हसन ने बीजेपी की उम्मीदवार मृगांका सिंह को हराया. मृंगाका उन हुकुम सिंह की बेटी हैं, जिनके निधन से यह सीट खाली हुई थी. कैराना में आरएलडी की जीत उसकी गिरती साख को ऊपर ले आई है और इससे पार्टी में एक जोश का संचार हुआ है. पश्चिम उत्तर प्रदेश आरएलडी का गढ़ रहा है. आरएलडी चीफ चौधरी अजित सिंह और उनके बेटे जयंत चौधरी मिल कर पार्टी को इस इलाके में फिर मजबूत करने में जुट गए हैं.
इनपुट - पीटीआई, भाषा
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Published: 03 Jun 2018,02:12 PM IST