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जीतन राम मांझी के बयान पर घमासान, कांग्रेस की प्रतिक्रिया और बीजेपी ने पूछे सवाल

Jitam Ram Manjhi ने कहा कि जो पंडित शराब पीते हैं और मांस खाते हैं, ऐसे पंडितों का हम विरोध करते हैं.

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बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी 
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बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी 
(फाइल फोटोः IANS)

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बिहार (Bihar) के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी (Jitan Ram Manjhi) ने बीजेपी के हिंदू कार्ड के विरोध में बड़ा बयान दिया है. मांझी ने गया स्थित अपने पैतृक आवास पर दिए इस बयान में कहा कि हम हिंदू बन कर 75 साल से गुलाम बने चले आ रहे हैं. अब उनका हिंदू कार्ड नहीं चलेगा.

जीतन राम मांझी ने बीजेपी पर धर्म के जरिए समाज को बांटने का आरोप तो लगाया ही साथ ही ब्राह्मणों को भी कटघरे में खड़ा किया. मांझी के इस बयान पर कांग्रेस बीजेपी और जेडीयू ने भी अपनी-अपनी प्रतिक्रिया दी है.

मनुवादियों का विरोध और अंबेडकर के साथ

मांझी ने कहा कि जाति के नाम पर हमारे साथ लंबे समय से भेदभाव किया जा रहा है. हम मनुवादियों का विरोध करते हैं और अंबेडकर के साथ हैं. उन्हीं के बताए रास्ते पर आगे चल रहे हैं. उन्होंने पूजा के साथ कथित आडंबर पर सवाल उठाते हुए कहा कि

"पंडित ठीक से पूजा नहीं कराते हैं, जो पूजा कराते हैं, वे शराब पीते हैं और मांस खाते हैं. ऐसे पंडितों का हम विरोध करते हैं और लगातार इस बात का प्रचार कर रहे हैं. गांव-गांव ये बात प्रचारित हो गई है. उनका हिंदू कार्ड नहीं चल रहा है."
जीतन राम मांझी, पूर्व मुख्यमंत्री, बिहार

'मोकामा, गोपालगंज में महागठबंधन की जीत होगी'

उन्होंने कहा कि हमें ‘कंफर्म विश्वास’ है कि दोनों जगहों से महागठबंधन की जीत पक्की है. उन्होंने कहा कि मैं चुनाव प्रचार में अपने पैरों की समस्या की वजह से शामिल नहीं हो सका, लेकिन हमारा लड़का संतोष मांझी जो HAM का राष्ट्रीय अध्यक्ष है, वह मोकामा गया था और गांव-गांव घूमा था. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि "नीतीश कुमार चोट की वजह से चुनाव प्रचार में नहीं गए. उनकी जान बच गई यही बड़ी बात है. उन्हें पेट में चोट आई है, जिसकी वजह से वह चुनाव प्रचार में शामिल नहीं हो सके."

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कांग्रेस ने क्या कहा?

मांझी के बयान पर कांग्रेस के प्रवक्ता अशित नाथ तिवारी ने कहा कि भारत के हर व्यक्ति को अपने अर्जित ज्ञान और अनुभव के आधार पर धर्म और पंत के चयन का पूरा अधिकार है. कौन-किस धर्म, पंत के साथ रहना चाहता है वो उसका पूरा अधिकार है और होना ही चाहिए. उन्होंने कहा कि

"जीतन राम मांझी इस सवाल को बार-बार उठाते रहे हैं. धर्म के ठेकेदार और साधू-संत उनके सवालों का जवाब क्यों नहीं दे रहे...उन लोगों से सवाल करना चाहिए कि क्या आप केवल एक राजनैतिक दल का प्रचार करने के लिए भगवा लेकर घूमते रहते हैं."

JDU ने क्या कहा?

मांझी के बयान पर जेडीयू प्रवक्ता अभिषेक झा ने कहा कि भारत एक लोकतांत्रिक देश है और संविधान ने सभी को समान अधिकार दिए हैं, पिछड़ों के लिए आरक्षण की व्यवस्था भी की है. कुछ लोग ऐसे व्यक्तिगत बयान देते हैं जिससे समाज में द्वेष फैलता है और तनाव बढ़ता है...जिम्मेदार पद पर रहे व्यक्तियों को ऐसे बयानों से बचना चाहिए.

बीजेपी ने क्या कहा?

बीजेपी की तरफ से मृत्युंजय तिवारी ने मोर्चा संभाला और मांझी के बयान पर कटाक्ष किया. उन्होंने कहा कि जिस मांझी समाज से वे आते हैं उस समाज में भी पंडित होता है जो कर्मकांड करवाता है, पहले ये अपने समाज की चिंता करें. उन्होंने रामायण का उदाहरण देते हुए कहा कि ब्राहम्ण समाज ने उन ग्रंथों को भी स्वीकार किया जो कथित निचले समाज ने लिखे या तैयार किए थे...मांझी हिंदू संस्कृति को धूमिल कर रहे हैं.

उन्होंने ये भी कहा कि नीतीश कुमार सत्ता में बैठकर ऐसे लोगों को पोषित कर रहे हैं जो सामाजिक समरसता को नुकसान पहुंचा रहे हैं, यदि उनपर कार्रवाई नहीं होती तो नेतृत्व पर भी सवाल उठेंगे.

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