बिहार (Bihar) में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के एक प्रमुख सहयोगी ने भगवान राम पर टिप्पणी करते हुए सत्तारूढ़ं गठबंधन के नेताओं को चौंका दिया है. पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी (Jitan Ram Manjhi) ने बयान देते हुए कहा कि मैं राम में यकीन नहीं रखता, वो भगवान नहीं थे. राम तुलसीदास और वाल्मीकि द्वारा अपना संदेश फैलाने के लिए बनाए गए एक कैरेक्टर थे.
मांझी ने कहा कि उनके द्वारा लिखे गए रामायण और लेखन में कई अच्छे सबक हैं. हम उस पर विश्वास करते हैं. हम तुलसीदास और वाल्मीकि में विश्वास करते हैं, राम में नहीं.
बता दें कि जीतन राम मांझी के बेटे संतोष मांझी बिहार सरकार में नीतीश कुमार के मंत्रिमंडल का हिस्सा हैं.
बीजेपी के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन का एक हिस्सा हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (HAM) के प्रमुख मांझी भीमराव अंबेडकर की जयंती के अवसर पर एक कार्यक्रम में बोल रहे थे, इस दौरान उन्होंने ये बात कही.
मांझी ने स्पष्ट रूप से देश में जाति विभाजन का जिक्र करते हुए कहा...
यदि आप राम में विश्वास करते हैं, तो हमने हमेशा यह कहानी सुनी है कि राम ने शबरी का फल खाया था. आप वह फल नहीं खाएंगे जिसे हम काटते हैं, लेकिन कम से कम जो हम छूते हैं उसे खाएंगे. इस दुनिया में सिर्फ दो ही जातियां हैं- अमीर और गरीब.
उन्होंने ब्राह्मणों पर दलितों के साथ भेदभाव करने का आरोप भी लगाया. मांझी की टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब देश के कुछ राज्यों में रामनवमी के दौरान निकले जुलूस के दौरान विवाद हुए हैं.
गुजरात, मध्य प्रदेश, झारखंड और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में रामनवमी समारोह के दौरान झड़पें हुईं, इन घटनाओं में दो व्यक्तियों की मौत हो गई और कई घायल हो गए.
मध्य प्रदेश के खरगोन में शहर के मुस्लिम बहुल हिस्से से गुजरने वाले रामनवमी जुलूस में मुसलमानों के खिलाफ भड़काऊ गाने बजाने पर कथित पथराव, आगजनी और हिंसा हुई. राज्य की बीजेपी सरकार ने तब से 94 लोगों को गिरफ्तार किया है और जुलूस पर कथित रूप से पथराव करने वालों को निशाना बनाकर घर विध्वंस अभियान शुरू किया है.
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