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ज्योतिरादित्य सिंधिया के बाद 'खानदानी' कांग्रेस के रहे जितिन प्रसाद बीजेपी में पहुंच गए हैं. पार्टी में शामिल होकर वो उम्मीदों पर खरा उतरने की बात कर रहे हैं. इस बीच जितिन के पार्टी छोड़ने के बाद कांग्रेस से कई तरह की प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता वीरप्पा मोइली का कहना है कि पार्टी को अब बड़ी सर्जरी की जरूरत है. ऐसे लोगों क्षमता वाले हैं और जो लोगों में मशहूर हैं उन्हें अलग-अलग राज्यों का प्रभार सौंपा जाना चाहिए. वहीं वीरप्पा मोइली ने जितिन प्रसाद को एक जातिवादी नेता बताते हुए कहा कि हमेशा से उनपर संदेह रहा है.
वहीं कपिल सिब्बल का का कहना है जितिन प्रसाद ने जो किया वो उसके खिलाफ नहीं हैं क्योंकि कोई न कोई वजह रही होगी. लेकिन बीजेपी में जान समझ से बाहर.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सिब्बल ने ये भी कहा कि पार्टी लीडरशिप को दिक्कतें पता होंगी और लीडरशिप इन दिक्कतों को सुन भी रहा होगा.
उत्तराखंड कांग्रेस के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने जितिन के बीजेपी में शामिल होने को दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण बताया.
9 जून को जितिन प्रसाद बीजेपी में शामिल हो गए. पिछले कई महीनों से उनके बीजेपी में जाने के कयास लगाए जा रहे थे. पार्टी में शामिल होने के वक्त उन्होंने कहा कि ये फैसला उन्होंने सोच समझकर लिया है. बता दें कि यूपी में अगले साल विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं.
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