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एक के बाद एक चुनावों में लगातार करारी हार का सामना कर रही कांग्रेस (Congress) को अपने ही नेताओं का तंज झेलना पड़ रहा है. कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल (Kapil Sibal) ने उत्तर प्रदेश समेत 5 राज्यों के विधानसभा चुनावों में हुई पार्टी की हार के बाद खुलकर अपनी बात कही.
उन्होंने कहा कि नजीतों से वो बिल्कुल भी हैरान नहीं हैं. उन्होंने इंडियन एक्सप्रेस को दिए इंटरव्यू में शीर्ष नेतृत्व की आलोचना की और कहा कि कोई सुनने के लिए तैयार नहीं है.
कपिल सिब्बल ने कहा कि हम 2014 से नीचे की ओर जा रहे हैं. हमने राज्य दर राज्य खोया है. जहां हम सफल हुए वहां भी सबको एक साथ नहीं रख पाए. 2022 के विधानसभा चुनाव में भी नेतृत्व के करीबी लोगों ने साथ छोड़ दिया. 2014 से अब तक लगभग 177 सांसद और विधायक और 222 उम्मीदवार कांग्रेस छोड़ चुके हैं.
14 मार्च को कांग्रेस पार्टी ने अपनी CWC मीटिंग में एक बार फिर चिंतन शिविर में जाने का फैसला किया है. इसपर भी कपिल सिब्बल ने कहा कि हार के कारणों का पता लगाने के लिए हमारे पास एक चिंतन शिविर होगा. आठ साल तक एक राजनीतिक दल और इसके नेतृत्व को पतन के कारणों के बारे में पता नहीं है. इसके लिए अब चिंतन शिविर का इंतजार किया जा रहा है. हम अपनी आंखें उस वास्तविकता से बंद कर रहे हैं जो हमारे सामने है.
इस सवाल के जवाब में कि क्या कांग्रेस के टॉप लीडरशिप को अब खुद ही साइड हो जाना चाहिए, कपिल सिब्बल ने कहा,
इस सवाल पर कि कई लोगों ने कहा है कि राहुल गांधी को फिर से सत्ता की बागडोर संभालनी चाहिए सिब्बल ने कहा, मुझे यह बिल्कुल समझ में नहीं आता है. ऐसा कहने वालों ने स्पष्ट रूप से इस पर विचार नहीं किया है. अब हम मान रहे हैं कि राहुल गांधी कांग्रेस के अध्यक्ष नहीं हैं और सोनिया गांधी हैं. राहुल गांधी पंजाब गए और घोषणा की कि चरणजीत सिंह चन्नी मुख्यमंत्री होंगे. उसने ऐसा किस हैसियत से किया? वह पार्टी के अध्यक्ष नहीं हैं, लेकिन वे सभी निर्णय लेते हैं. वह पहले से ही वास्तविक अध्यक्ष हैं. तो उनसे क्यों कह रहे हैं कि उन्हें अध्यक्ष की बागडोर वापस लेनी चाहिए.
इनपुट-इंडियन एक्सप्रेस
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