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कर्नाटक में कांग्रेस जीत तो गई है, लेकिन मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर खींचतान जारी है. हालांकि, ये अंदेशा पहले से ही जताया जा रहा था कि अगर प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनती है तो पार्टी दो खेमों में बंटती नजर आ सकती है. ये दो खेमा हैं, पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया का और प्रदेश अध्यक्ष डी.के शिवकुमार का. दोनों के कार्यकर्ता पीछे हटने के लिए तैयार नहीं हैं. दोनों की अपनी-अपनी दलीलें हैं. लेकिन, हम उसमें नहीं जाते हैं. हम आपको 14 मई को बैंगलुरु में हुई कांग्रेस की विधायक दल की मीटिंग के बारे बताएंगे कि आखिर वहां सीएम चुनने के लिए विधायकों के सामने क्या विकल्प रखे गए थे?
कांग्रेस के एक बड़े नेता ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि "मीडिया में जो खबरें चल रहीं है कि विधायकों का एक बड़ा तबका सिद्धारमैया के साथ है, वह गलत है. विधायक दल की बैठक में कांग्रेस आलाकमान ने ऐसी कोई बात नहीं की, जिससे ये लगे की विधायकों की संख्या सिद्धारमैया के साथ है. उन्होंने आगे कहा कि...
हालांकि, कई मीडिया रिपोर्ट में ये सामने आ रहा है कि सिद्धारमैया के पक्ष में विधायकों की संख्या ज्यादा है. 14 मई को जो कांग्रेस विधायक दल की बैठक हुई थी, उसमें ज्यादातर विधायकों ने सिद्धारमैया के पक्ष में वोट किया और कुछ विधायक डी.के शिवकुमार के पक्ष में खड़े नजर आए.
इस पर कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़ेगे के बेटे और चित्तपुर सीट से विधायक चुने गए प्रियांक खड़गे ने क्विंट हिंदी से बातचीत में बताया कि...
प्रियांक खड़गे ने आगे कहा कि हमको तीन ऑप्शन दिए गए थे.
पहला- सीएम के लिए आपकी क्या राय है?
दूसरा- सीएम चुनने का अधिकार आप आलाकमान पर छोड़ते हैं.
तीसरा- आपकी कोई राय नहीं है.
हालांकि, उन्होंने ये नहीं बताया कि सीएम के लिए उन्होंने किस ऑप्शन का चयन किया. लेकिन, उन्होंने ये जरूर कहा कि आलाकमान जो तय करेगा हमें मंजूर है और हम उसके नेतृत्व में काम करने के लिए तैयार हैं.
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ये पूछने पर की आपकी क्या राय है. इस पर उन्होंने कहा कि "मुझे तो दोनों नेता पसंद हैं, चाहे सिद्धारमैया हों या डी.के शिवकुमार दोनों प्रदेश के लिए अच्छे नेता हैं और प्रदेश को आगे लेकर जाएंगे."
कर्नाटक कांग्रेस में सीएम फेस पर चल रही गहमागहमी को लेकर कर्नाटक कांग्रेस के एक बड़े नेता ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि लोग डी.के शिवकुमार को चाहते हैं, लेकिन सिद्धारमैया को लेकर आलाकमान के मन में एक शॉफ्ट कॉर्नर है और यहीं पेंच फंस रहा है. उन्होंने बताया कि सबकुछ ठीक रहा तो कल दोपहर तक सब कुछ साफ हो जाएगा कि प्रदेश का अगल मुख्यमंत्री कौन होगा? इसके लिए कर्नाटक से लेकर दिल्ली तक बैठकें चल रही हैं.
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