advertisement
कर्नाटक की एचडी कुमारस्वामी सरकार पर संकट मंडरा रहा है. कांग्रेस और जेडीएस कुमारस्वामी सरकार को बचाने के लिए पूरा जोर लगा रहे हैं. वहीं, बीजेपी कर्नाटक में तख्तापलट की तैयारी में जुटी है. सरकार से नाराज कांग्रेस विधायक बेंगलुरु छोड़ मुंबई के एक होटल में ठहरे हुए हैं और इसी होटल के बाहर बैठकर कॉफी की चुस्कियां ले रहा एक शख्स कुमारस्वामी सरकार और तख्तापलट की कोशिशों के बीच डटकर खड़ा हुआ है. कर्नाटक सरकार और तख्तापलट की कोशिशों के बीच खड़े इस शख्स का नाम है डीके शिवकुमार, जिन्हें कर्नाटक की सियासत में कांग्रेस के ‘ट्रबलशूटर’ के नाम से जाना जाता है.
यही वजह है कि कांग्रेस ने एक बार फिर अपने 'ट्रबलशूटर' डीके शिवकुमार को नाराज विधायकों को मनाने की जिम्मेदारी सौंपी है.
कर्नाटक की कुमारस्वामी सरकार पर जब संकट आया, तब कुमारस्वामी विदेश में थे. लेकिन कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार ने ऐसे मुश्किल वक्त में खुद सक्रियता दिखाते हुए बागी विधायकों को साधने की कोशिश की.
इतना ही नहीं, जब बागी विधायक बेंगलुरु छोड़कर मुंबई में जा ठहरे. तो 9 जुलाई की शाम शिवकुमार ने ऐलान किया कि वे बागी विधायकों से मिलने मुंबई जाएंगे.
शिवकुमार जब मुंबई पहुंचे तो उन्हें होटल के गेट पर ही रोक लिया गया. इसके बाद शिवकुमार ने होटल के बाहर ही डेरा जमा लिया. मुंबई पुलिस ने उन्हें कॉफी ऑफर की. इस पर शिवकुमार ने कॉफी की चुस्कियां लेते हुए कहा कि वह विधायकों से मिलने के बाद ही वापस जाएंगे. इस दौरान बेंगलुरु में, बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं ने राज्यपाल को एक पत्र सौंपा, जिसमें दावा किया गया कि शिवकुमार से विधायकों को खतरा है.
इस बीच बुधवार को दो और कांग्रेसी विधायकों ने स्पीकर को इस्तीफा सौंप दिया. इसके साथ ही गठबंधन के लिए लड़ाई लगभग खत्म हो गई है, लेकिन डीके शिवकुमार इस लड़ाई में विजयी होकर उभरे हैं, जो बीजेपी से आखिरी समय तक लड़े.
बीती 6 जुलाई को जब 12 विधायकों ने स्पीकर को अपना इस्तीफा सौंपा, तो डीके शिवकुमार ही पहले नेता थे जो स्थिति को संभालने के लिए सबसे पहले विधानसभा पहुंचे थे. विधानसभा में जब विधायक इस्तीफा सौंपने के लिए स्पीकर का इंतजार कर रहे थे, तब डीके शिवकुमार ने विधायकों को अपना इस्तीफा वापस लेने के लिए मनाने की भी कोशिश की.
इस दौरान उन्होंने एक विधायक के इस्तीफा पत्र फाड़ भी दिया. बाद में उन्होंने मीडिया को बताया-
इसके बाद 9 जुलाई को जब कांग्रेस के बड़े नेता बैठकों में व्यस्त थे, तब डीके शिवकुमार ने खुद ही मुंबई जाने का फैसला किया. ऐसा कहा जा रहा है कि शिवकुमार ने इसके लिए पार्टी के बड़े नेताओं से सलाह भी नहीं ली.
विधायकों को मनाने मुंबई पहुंचे डीके शिवकुमार ने मीडिया से बातचीत में कहा-
मुंबई में ठहरे बागी विधायकों का कहना है कि वह डीके शिवकुमार का सम्मान करते हैं, लेकिन मौजूदा हालातों में वह डीके शिवकुमार से नहीं मिलना चाहते हैं. कांग्रेस के नेताओं का मानना है कि अगर नाराज विधायकों ने डीके शिवकुमार से बात कर ली, तो परिस्थितियां बदल सकती हैं.
ये पहला मौका नहीं है जब डीके शिवकुमार ने कांग्रेस के लिए ‘संकटमोचन’ की भूमिका निभाई है. इससे पहले डीके शिवकुमार ने साल 2002 में महाराष्ट्र सरकार को बचाने में अहम भूमिका निभाई थी.
महाराष्ट्र में कांग्रेस की सरकार बचाकर डीके शिवकुमार गांधी परिवार की नजरों में आ गए थे. इसके बाद से ही उन्हें कांग्रेस का ‘ट्रबलशूटर’ कहा जाने लगा.
महाराष्ट्र विधानसभा में फ्लोर टेस्ट के दिन विधायकों को मुंबई ले जाने और सरकार बचाने के लिए शिवकुमार ने महाराष्ट्र के विधायकों को अपने निर्वाचन क्षेत्र में ‘ईगलटन रिसॉर्ट’ में रखा था.
शिवकुमार के पास एक आलीशान रिसॉर्ट है, जिसके जरिए उन्होंने कई बार कांग्रेस की मदद की है. साल 2017 में राज्यसभा चुनाव में गुजरात से कांग्रेस ने अहमद पटेल को उम्मीदवार बनाया था. लेकिन इसी दौरान गुजरात में कांग्रेस के विधायक एक-एक कर बीजेपी में शामिल होने लगे.
ऐसी स्थिति में अहमद पटेल की जीत पर संकट मंडराने लगा. तब कांग्रेस के बचे 44 विधायकों को बेंगलुरु के पास ‘ईगलटन’ रिसॉर्ट में ठहराया गया था. ये रिजॉर्ट डीके शिवकुमार का ही था. इस बार भी डीके शिवकुमार की कोशिशें कामयाब हुई थीं, और अहमद पटेल राज्यसभा सदस्य चुन लिए गए थे.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)
Published: 10 Jul 2019,08:29 PM IST