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कांग्रेस ने संकेत दिए हैं कि 5 दिसंबर को होने वाले कर्नाटक विधानसभा उपचुनाव में सत्तारूढ़ बीजेपी को बहुमत के लिए जरूरी सीटें ना मिल पाने की स्थिति में वो एक बार फिर जेडीएस से हाथ मिलाने के खिलाफ नहीं है. न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, जेडीएस ने भी संकेत दिए हैं कि पार्टी ऐसी संभावनाओं के लिए तैयार है.
बता दें कि कांग्रेस और जेडीएस कर्नाटक में 14 महीने तक गठबंधन सरकार चला चुकी हैं और दोनों ने मिलकर लोकसभा चुनाव लड़ा था. हालांकि, 17 विधायकों की बगावत के बाद जुलाई में कांग्रेस-जेडीएस के गठबंधन वाली एचडी कुमारस्वामी सरकार गिर गई थी. अब दोनों पार्टियां अलग-अलग उपचुनाव चुनाव लड़ रही हैं.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, ‘‘संविधान, लोकतंत्र की रक्षा के लिए और धर्मनिरपेक्ष सिद्धांतों के साथ सामाजिक न्याय के लिए जब स्थिति पैदा होगी, हम अपने सहयोगियों और यूपीए भागीदारों के साथ चर्चा के बाद जरूरी कदम उठाएंगे.’’
उन्होंने कहा, ‘‘देखते हैं भविष्य में क्या होता है...हमारा ध्यान 15 सीटें जीतने पर है...हम आपको बताएंगे. हम 9 दिसंबर को असली तस्वीर बता पाएंगे. हम आपको अच्छी खबर देंगे.’’
उन्होंने कहा, ‘‘आपको हकीकत बताऊं, हमारी अध्यक्ष (सोनिया गांधी) इसके पक्ष में नहीं थीं और चाहती थीं कि हम विपक्ष में रहें लेकिन लोगों, दलों और प्रगतिशील सोच वालों ने हमें बीजेपी को सत्ता से बाहर रखने पर ध्यान देने को कहा. ’’
कांग्रेस के एक अन्य नेता जी परमेश्वर ने भी कहा कि अगर हालात पैदा होते हैं तो कांग्रेस और जेडीएस के साथ आने की संभावना है, हाई कमान को इस बारे में विचार और फैसला करना है. उन्होंने कहा, ‘‘9 दिसंबर को नतीजे के बाद अगर कांग्रेस को ज्यादा और बीजेपी को कम सीटें मिलती हैं, तो सरकार गिर जाएगी. इसके बाद हमारे पास दो विकल्प होंगे. एक सरकार नहीं बनाने और बाहर रहने का, दूसरा फिर से जेडीएस के साथ गठबंधन सरकार बनाने के लिए हाथ मिलाने का.''
जेडीएस नेता कुमारस्वामी ने भी कहा था कि उपचुनाव के बाद राज्य में स्थिर सरकार होगी, हालांकि जरूरी नहीं है कि यह बीजेपी की हो. उन्होंने मीडियाकर्मियों से 9 दिसंबर को उपचुनाव के नतीजों तक इंतजार करने को कहा था.
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