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कर्नाटक का सियासी ड्रामा थमने का नाम नहीं ले रहा है. यहां सरकार गिराने और बनाने को लेकर रोज कोई न कोई बवाल जरूर सामने आ रहा है. खतरे के भंवर में फंसी कांग्रेस-जेडीएस सरकार को एक और बड़ा झटका लगा है. अब निर्दलीय विधायक नागेश ने सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया है. जिसके बाद सरकार गिरने का खतरा काफी ज्यादा बढ़ गया है.
कर्नाटक में कांग्रेस और जेडीएस अपनी सरकार बचाने की हर कोशिश में जुटे हैं. 13 विधायकों के इस्तीफे के बाद नेताओं के बीच बैठकों का दौर जारी है. इस्तीफा दे चुके विधायकों को किसी भी तरह वापस बुलाए जाने की बात हो रही है. जानकारी के मुताबिक विधायकों को मंत्री पद भी ऑफर किया जा रहा है. लेकिन इस कोशिश के बीच एक और इस्तीफे ने कहीं न कहीं कर्नाटक सरकार के पैरों के नीचे की जमीन खिसका दी है.
कर्नाटक में एक बार फिर बीजेपी कमल खिलाने का काम कर सकती है. कर्नाटक की मौजूदा स्थिति में बीजेपी सरकार बनाने और बहुमत तक पहुंचने के एक कदम दूरी पर है. कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन से एक इस्तीफा और होने पर सरकार अल्पमत में आ जाएगी. जिसके बाद बीजेपी यहां सरकार बनाने का दावा पेश कर सकती है.
कर्नाटक विधानसभा में कुल 224 सीटें हैं. फिलहाल बहुमत का आंकड़ा 115 है, लेकिन अगर सरकार से 15 विधायक इस्तीफा दे देते हैं तो सदन में कुल 209 सीटें रह जाएंगी. इस स्थिति में 105 सीटों के साथ बीजेपी के पास बहुमत आ जाएगा और वो सरकार बनाने का दावा कर सकती है. अभी तक 14 विधायक इस्तीफा दे चुके हैं.
कर्नाटक का मुद्दा सोमवार से शुरू हो रहे संसद सत्र में भी उठने के आसार हैं. कांग्रेस ने इसके लिए स्थगन प्रस्ताव नोटिस जारी किया है. कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि बीजेपी कर्नाटक में सरकार गिराने की कोशिश कर रही है. कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा, हम संसद में कर्नाटक का मुद्दा उठाने की कोशिश करेंगे.
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