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कर्नाटक के सियासी नाटक के बीच राजनीति कहां पहुंच गई है, इसका उदाहरण आप इस वाकये से समझ सकते हैं. कर्नाटक विधानसभा में फ्लोर टेस्ट होना था, जो भारी हंगामे की भेंट चढ़ गया. लेकिन जो नेताओं ने एक दूसरे पर आरोप लगाए वो संगीन थे. विधानसभा में कांग्रेस ने आरोप लगाया कि उसके विधायक श्रीमंत पाटिल को गठबंधन सरकार गिराने की कोशिशों के तहत अगवा कर लिया गया है.
कांग्रेस ने कहा कि पार्टी विधायकों के साथ एक रिजॉर्ट में होने के बाद पाटिल अचानक गायब हो गए और उसके बाद से वह किसी से संपर्क में नहीं हैं. विधानसभा में जब मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी के विश्वास प्रस्ताव पर चर्चा शुरू हुई तब वरिष्ठ नेता डी के शिवकुमार ने आरोप लगाया कि पाटिल को अगवा करके मुंबई के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
पाटिल का एक फोटोग्राफ सामने आया है जिसमें वो एक अस्पताल में लेटे और ईसीजी से जुड़ी जांच कराते दिख रहे हैं. इस मुद्दे को उठाते हुए शिवकुमार ने कहा,
कांग्रेस विधायकों ने एक स्वर में कहा कि विधायक डर के साए में रह रहे हैं. पाटिल को अगवा किया गया, एक कमरे में रखा गया,उन्हें स्पेशल फ्लाइट से ले जा कर एक अस्पताल में भर्ती कराया गया.
शिवकुमार ने कहा कि वे ऐसे कागजात दिखा सकते हैं, जिनसे साबित हो सकता है कि पाटिल को विधानसभा में आने से रोकने के लिए उन्हें जबरदस्ती अस्पताल में भर्ती कराया गया है. कांग्रेस के राज्य इकाई के अध्यक्ष दिनेश गुंडू राव ने आरोप लगाया कि पाटिल बुधवार तक उनके साथ थे और वह एक बैठक में भी शामिल हुए. तब तक उनकी सेहत ठीक थी. अचानक वे उस रिजॉट से लापता हो गए जहां उनके पार्टी के अन्य विधायक रह रहे थे. राव ने कहा-
उनकी इस टिप्पणी से बीजेपी के विधायक शोरगुल मचाने लगे. इसके बाद सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच बहस हुई.
अफरा तफरी के इस माहौल में कुमारस्वामी ने कहा,‘‘पाटिल के मामले में आपको बताना चाहिए कि उनकी फोटो व्हाट्सएप पर किसने भेजी. उनके साथ कौन विमान में यात्रा कर रहा था. विधायकों की रक्षा करना अध्यक्ष की जिम्मेदारी है क्योंकि मतदान में संख्या का महत्व है.’’ इस पर बीजेपी के सी टी रवि ने कहा कि पाटिल कांग्रेस सदस्यों की हिरासत में है और संख्या कम होने के कारण वह उनकी पार्टी पर आरोप लगा रहे हैं. घटनाक्रम से परेशान अध्यक्ष ने कहा-
उन्होंने सदन को बताया कि उन्हें कथित तौर पर पाटिल का एक लेटर मिला है जिसमें कहा गया है कि उन्हें सीने में दर्द है और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है. ये पत्र किसी लेटरहेड पर नहीं है. अध्यक्ष ने कहा,‘‘मेरे सामने जो साक्ष्य हैं वह सामान्य नहीं हैं....मैं परेशान हूं.’’ उन्होंने राज्य के गृह मंत्री एम बी पाटिल से मंत्री के परिजन से संपर्क करने,उनकी हालत के बारे में जानने और वापस अध्यक्ष को जानकारी देने को कहा.
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Published: 18 Jul 2019,08:11 PM IST