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कर्नाटक: बागी विधायकों के ऊपर मंडरा रहा है ये बड़ा खतरा

बागी विधायकों ने स्पीकर से मांगा 4 हफ्ते का वक्त

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कांग्रेस-जेडीएस के 15 विधायक दे चुके हैं इस्तीफा
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कांग्रेस-जेडीएस के 15 विधायक दे चुके हैं इस्तीफा
(फोटो: PTI) 

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कर्नाटक विधानसभा में 23 जुलाई को हुए फ्लोर टेस्ट में बहुमत साबित ना कर पाने के चलते कांग्रेस-जेडीएस सरकार सत्ता से बाहर हो गई. यह सरकार गठबंधन के जिन 15 बागी विधायकों की वजह से बहुमत के आंकड़े से पीछे चली गई, अब उन विधायकों के ऊपर एक बड़ा खतरा मंडरा रहा है. यह खतरा संविधान की अनुसूची 10 के तहत विधानसभा की सदस्यता से अयोग्य ठहराए जाने का है.

अंग्रेजी अखबार द टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, बागी विधायकों में से कई विधायक बीजेपी की नई सरकार में मंत्री बनना चाहते हैं. अखबार ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि केंद्रीय नेतृत्व से मुख्यमंत्री पद संभालने की हरी झंडी मिलने का इंतजार कर रहे बीजेपी नेता बीएस येदियुरप्पा मंत्रिमंडल गठन के पहले चरण में 5 बागी विधायकों और 5 बीजेपी विधायकों को मंत्री बना सकते हैं. हालांकि ऐसा तब होगा, जब बागी विधायक अयोग्य ठहराने जाने से बच जाएं. इस बात को समझने के लिए हमें आर्टिकल 164-1(बी) के प्रावधान को समझना होगा. इस प्रावधान में कहा गया है-

‘’किसी भी राजनीतिक पार्टी का विधानसभा या विधान परिषद का कोई सदस्य, जिसे 10वीं अनुसूची के दूसरे पैराग्राफ के तहत सदन के सदस्य के तौर पर अयोग्य ठहरा दिया गया हो, वह मंत्री बनने के लिए भी तब तक अयोग्य होगा, जब तक कि उसकी सदस्यता का कार्यकाल पूरा ना हो जाए या वह सदन में दोबारा चुनकर ना आ जाए.’’

ऐसे में अगर बागी विधायक संविधान की अनुसूची 10 के तहत अयोग्य ठहरा दिए जाते हैं, तो फिलहाल नई सरकार में वे मंत्री नहीं पाएंगे. बता दें कि इन विधायकों में से 12 विधायक कांग्रेस के हैं, जबकि 3 जेडीएस के हैं. इनमें से 13 विधायक मुंबई के एक होटल में ठहरे हुए हैं.

बागी विधायकों ने स्पीकर से मांगा 4 हफ्ते का वक्त

अभी तक बागी विधायकों के (विधानसभा की सदस्यता से) इस्तीफे पर भी फैसला नहीं हुआ है. उधर, इनकी पार्टियों ने इन्हें अयोग्य ठहराने की मांग भी की है. ऐसे में कर्नाटक विधानसभा स्पीकर केआर रमेश कुमार ने बागी विधायकों को 24 जुलाई तक उनके सामने पेश होने के लिए कहा था. हालांकि इन विधायकों ने स्पीकर से और वक्त मांगा है. हुनसुर से जेडीएस विधायक एएच विश्वनाथ ने कहा, ''हां, हमने विधानसभा स्पीकर से 4 हफ्ते का समय मांगा है. हमने उनसे अपने वकील के माध्यम से संपर्क किया है.’’

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Published: 24 Jul 2019,08:47 AM IST

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