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अजित के बहाने पवार परिवार पर शिकंजा,क्या है शुगर मिल पर ED की कार्रवाई का मामला?

ED ने हाल में Ajit Pawar से जुड़ी Sugar Mill को अटैच कर, उसकी संपत्ति जब्त कर ली थी

ऋत्विक भालेकर
पॉलिटिक्स
Published:
<div class="paragraphs"><p>अजित पवार और शरद पवार</p></div>
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अजित पवार और शरद पवार

(फोटो: क्विंट हिंदी) 

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महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के बाद अब डिप्टी सीएम अजित पवार एनफोर्समेंट डायरेक्टरेट ED के निशाने पर है. अजित पवार से जुड़ी शुगर मिल की करीब 65 करोड़ की संपत्ति सीज करते हुए ED ने पवार को बड़ा झटका दे दिया है.

लेकिन अजित पवार ने घोटाले के आरोपों का खंडन करते हुए केंद्रीय एजेंसी को जांच के अधिकार होने की बात कही है. पवार ने ये भी साफ किया कि इससे पहले भी इस मामले में CID, एन्टी करप्शन ब्यूरो और EOW की जांच में कुछ नही निकला.

बता दें, 2019 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों से पहले ED ने महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंक (MSCB) में कथित तौर पर 25,000 करोड़ रुपये के घोटाले के संबंध में एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार और अजीत पवार के खिलाफ मामला दर्ज किया था. इस संबंध में ED ने बड़ी कार्रवाई करते हुए सतारा स्थित जरंडेश्वर कॉपरेटिव शुगर मिल की संपत्ति, भवन और जमीन को जब्त कर लिया है.

ED ने करीब 65.75 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की है. इस सौदे में अजित पवार की कंपनी स्पार्कलिंग सॉयल प्राइवेट लिमिटेड का नाम सामने आ रहा है. कंपनी के ज्यादातर शेयर्स को देखते हुए कहा जा रहा है कि शक की सुई अजित पवार की पत्नी सुनेत्रा पवार तक पहुंच रही है.

क्या है पूरा मामला?

महाराष्ट्र के सतारा जिले के कोरेगांव में जरंडेश्वर शुगर मिल 2010 में शुरू की गई थी. लेकिन घाटे में आने के बाद महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंक द्वारा मिल की नीलामी की गई और गुरु कमोडिटी सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड को बेच दिया गया. ED का आरोप है नीलामी बाजार मूल्य से काफी कम दर पर हुई और प्रक्रिया में नियमों का पालन नहीं किया गया. उस समय अजीत पवार राज्य सहकारी बैंक के अध्यक्ष थे. हालांकि, यह मामला यहीं नहीं रुकता.

ED के मुताबिक, गुरु कमोडिटीज ने तुरंत शुगर मिल को जरंडेश्वर शुगर मिल्स प्राइवेट लिमिटेड को लीज पर दे दिया. इस कंपनी में स्पार्कलिंग सॉयल प्राइवेट लिमिटेड की हिस्सेदारी है. इसीलिए एक बार फिर अजित पवार का इस लेन-देन से संबंध जुड़ता है. स्पार्कलिंग सॉयल प्राइवेट लिमिटेड कंपनी में अजित पवार और उनकी पत्नी सुनेत्रा पवार के शेयर्स है.

ED को शक है कि गुरु कमोडिटी, जिसने जरंडेश्वर शुगर मिल को खरीदा था, एक डमी कंपनी है. इसकी भी जांच चल रही है कि जरंडेश्वर शुगर मिल का पुणे जिला सहकारी बैंक से 700 करोड़ रुपये का कर्जा लेने के लिए इस्तेमाल किया गया था या नहीं.

ED के आसपास महाराष्ट्र की राजनीति?

इस कार्रवाई के बाद बीजेपी के पूर्व सांसद किरीट सोमैया ने आरोप किए है कि महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंक के जरिये पवार परिवार ने कई शुगर कारखानों पर कब्जा जमा लिया है. विधायक रोहित पवार के बारामती एग्रो प्राइवेट लिमिटेड द्वारा कन्नड़ सहकारी शुगर मिल को कम दाम में खरीदने का आरोप करते हुए, किरीट ने ED को इसे भी जब्त करने की मांग की है.

वहीं संजय राउत ने कहा कि राज्य में सेना तैनात करने पर भी एमवीए सरकार नही टूटेगी. केंद्रीय एजेंसियों को राज्यों की सरकारें गिराने के लिए इस्तेमाल नही करना चाहिए. ED और CBI किस तरह से काम कर रहे हैं, ये सब जानते हैं.

हालांकि अजित पवार ने भी ED के जांच के लिए सहयोग करने की बात पुणे के प्रेस कॉन्फ्रेंस में कही. उन्होंने यह भी साफ किया कि बॉम्बे हाई कोर्ट के आदेश के बाद शुगर मिल खरीदा था.

बता दें 2019 के विधानसभा चुनाव से पहले इस मामले में शरद पवार पर मामला दर्ज हुआ था. जिसके बाद खुद शरद पवार ED के मुंबई स्थित कार्यालय जांच के लिए पहुंच गए थे. इस कदम के बाद महाराष्ट्र की राजनीति गरमा गई थी. अब फिर एक बार अजित पवार के जरिये पवार परिवार पर ED का शिकंजा कसता नजर आ रहा है.

पढ़ें ये भी: महाराष्ट्र विधानसभा के मानसून सत्र से पहले लेटर वॉर, BJP-MVA में जमकर रार

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