ADVERTISEMENTREMOVE AD

महाराष्ट्र विधानसभा के मानसून सत्र से पहले लेटर वॉर, BJP-MVA में जमकर रार

Uddhav Thackeray और Devendra Fadnavis के सिपहसालारों ने खींची तलवारें, Amit Shah से लेकर गवर्नर Koshyari को लिखे खत

story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा

महाराष्ट्र में आगामी मानसून सत्र से पहले सत्ता पक्ष और विपक्ष का संघर्ष तेज होता जा रहा है. BJP, महाराष्ट्र विकास आघाडी (MVA) सरकार को घेरने की हर एक कोशिश करती नजर आ रही है.

पांच जुलाई को शुरू होने जा रहे दो दिवसीय मानसून सत्र (Maharashtra Monsoon Session) के चलते सरकार के मंत्रियों पर केंद्रीय एजेंसियां शिकंजा कस रही हैं. वहीं दूसरी ओर BJP की हर एक चाल को मात देने के लिए MVA के नेता रणनीति बनाने में लगे हैं.

इस बीच महाराष्ट्र के राजनीति में 'लेटर वॉर' छिड़ गया है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD
सीएम उद्धव ठाकरे और राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने विधानसभा अध्यक्ष के चुनाव और अन्य मुद्दों पर एक-दूसरे को लिखे लेटर के जरिये दो-दो हाथ करने शुरू कर दिए हैं. बीजेपी भी डिप्टी सीएम अजित पवार के खिलाफ घोटाले के आरोपों की जांच के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को खत लिखकर दबाव बनाने की रणनीति अपना रही है.

MVA बनाम् BJP- किन मुद्दों पर जारी है जंग

1) मनी लांड्रिंग मामले में ED ने महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख को तीसरी बार समन भेजकर 5 जुलाई और बेटे ऋषिकेश देशमुख को दूसरी बार समन भेजकर 6 जुलाई को पूछताछ के लिए बुलाया है. सूत्रों की मानें तो ED ने देशमुख के खिलाफ काफी सबूत जुटा लिए है. किसी भी समय देशमुख को हिरासत में लिया जा सकता है.

एमवीए सरकार के नेताओं के बीच बैठकों का सत्र शुरू है. देशमुख को किस तरह से कानूनी संरक्षण दिया जा सकता है, इस पर बड़े वकीलों के साथ बातचीत चल रही है. साथ ही, जरूरत पड़ने केंद्रीय एजेंसियों के राजनीतिक इस्तेमाल के खिलाफ कोर्ट का दरवाजा खटखटाने कीे तैयारी भी की गई है.

2) अब डिप्टी सीएम अजित पवार के खिलाफ बीजेपी ने मोर्चा खोल दिया है. अजित पवार से जुड़ी शुगर मिल पर ED ने कार्रवाई कर 65.75 करोड़ की संपत्ति जब्त की है. साथ ही बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने अंबानी बम धमकी मामले में गिरफ्तार पूर्व पुलिस एपीआई सचिन वझे के लेटर का हवाला देते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से अजित पवार की CBI जांच करने की मांग की है. इसके अलावा शनिवार अमित शाह को लिखे खत में 30 दूसरी शुगर मिलों की जांच कराने की भी मांग की गई है.

दरअसल, आरोपों के बाद हमेशा मीडिया से दूर भागनेवाले अजित पवार ने इस बार दूसरी रणनीति अपनाई है. उन्होंने तुरंत प्रेस कांफ्रेंस लेते हुए आरोपों का खंडन किया. साथ ही शुगर मिल खरीदने की पूरी प्रक्रिया को समझाते हुए, विपक्ष को चुनौती देते हुए पूछा है कि- 'घोटाला कहां हुआ है.

3) बीजेपी के प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल भगतसिंह कोश्यारी को निवेदन देते हुए विधानसभा स्पीकर के चुनाव की मांग की है. साथ ही सत्र के दिन बढ़ाने और ओबीसी आरक्षण देने की सिफारिश की. जिसके चलते 24 जून को राज्यपाल ने सीएम उद्धव को लेटर लिखकर इन मांगों पर सवाल उठाए.

ADVERTISEMENTREMOVE AD
उद्धव ने राज्यपाल को लेटर लिखते हुए सिलसिलेवार ढंग से सभी मांगों पर जवाब दिया. विधिमंडल के नियमों का हवाला देते हुए स्पीकर के चुनाव की मांग को उद्धव ने खारिज किया. वहीं कोरोना और केंद्र के अधिकारों का हवाला देते हुए गेंद केंद्र सरकार के पाले में डाले दी है.

4) बता दें कि विधानसभा स्पीकर के चुनाव को लेकर बीजेपी के साथ सत्ता में शामिल कांग्रेस भी दबाव बना रही है. जिसके लिए कांग्रेस से संग्राम थोपटे, सुरेश वरपुडकर और अमीन पटेल के नामों की चर्चा है. लेकिन बीजेपी द्वारा उम्मीदवारी करने पेर चुनाव करवाना पड़ सकता है. स्पीकर का चुनाव गुप्त मतदान या फिर आवाजी मतदान से होता है. ऐसे में स्पीकर को बहुमत से चुन कर लाना एमवीए सरकार के लिए किसी अग्निपरीक्षा से कम नही होगा. क्योंकि विपक्ष में होने के बावजूद बीजेपी सिंगल लार्जेस्ट पार्टी है.

एमवीए ने मानसून सत्र से दो दिन पहले ही व्हिप जारी कर दिया है. ताकि चुनाव करवाने की नौबत आने पर सभी सदस्य सदन में उपस्थित रहे. सूत्रों की माने तो शिवसेना नेता संजय राउत भी दिल्ली में कांग्रेस के आला नेताओं से मिलने के लिए चक्कर काट रहे थे. इस सत्र में स्पीकर चुनाव न करवाने की मांग को लेकर वो कांग्रेस नेताओं से मिलने पहुंचे थे. हालांकि रविवार की कैबिनेट की बैठक में सरकार स्पीकर के चुनाव पर औपचारिक फैसला लेगी. जिसके बाद राज्यपाल को प्रस्ताव भेजा जाएगा.

5) इस सब के अलावा बीजेपी ने एमवीए सरकार पर कोरोना प्रबंधन मे भ्रष्टाचार के आरोप लगाए है. कोरोना से हुई मौतों के आकड़े छिपाने पर भी फड़नवीस ने जांच की मांग की है.

लेकिन एमवीए सरकार सभी आंकड़ो के साथ अपनी उपलब्धियां गिनाने के लिए तैयार है. भले ही महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा कोरोना का कहर देखनो को मिला. लेकिन उससे निपटने में सरकार ने कैसे काम किया, इसका पूरा ब्योरा सरकार के पास तैयार है.

कुल मिलाकर देखा जाए तो बीजेपी एमवीए सरकार पर हमला बोलने के लिए पूरी तैयारी में है. लेकिन एमवीए भी इसका डट कर सामना करने के इरादे दिखा रहा है. पश्चिम बंगाल के चुनाव में ममता बनर्जी द्वारा बीजेपी को धूल चखाने के बाद अब महाराष्ट्र में भी एमवीए सरकार के हौसले बुलंद नजर आ रहे है.

पढ़ें ये भी: संडे व्यू:भारत में बढ़ रही धार्मिकता,COVID पर कौन लेगा जिम्मेदारी?

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
×
×