मेंबर्स के लिए
lock close icon
Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Politics Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019जानिए कौन हैं हेमंत सोरेन,जो दूसरी बार बन सकते हैं झारखंड के CM 

जानिए कौन हैं हेमंत सोरेन,जो दूसरी बार बन सकते हैं झारखंड के CM 

बड़े भाई दुर्गा सोरेन की मौत के बाद झामुमो की कमान संभालने वाले हेमंत सोरेन राज्य में आदिवासी राजनीति का चेहरा हैं

क्विंट हिंदी
पॉलिटिक्स
Updated:
जेएमएम नेता हेमंत सोरेन 
i
जेएमएम नेता हेमंत सोरेन 
(फोटोः Twitter/@HemantSorenJMM)

advertisement

वीडियो एडिटर: मोहम्मद इरशाद आलम

झारखंड के चुनाव में झारखंड मुक्ति मोर्चा, कांग्रेस और आरजेडी को बहुमत मिली. हेमंत सोरेन राज्य के अगले मुख्यमंत्री होंगे क्योंकि वो गठबंधन के सीएम फेस हैं. वो दूसरी बार झारखंड के सीएम बनेंगे.

बड़े भाई के निधन के बाद संभाली झामुमो की कमान

हेमंत सोरेन झामुमो के संस्थापक और झारखंड के पूर्व सीएम शिबू सोरेन के छोटे बेटे हैं. रामगढ़ के नेमरा गांव में पैदा हेमंत अब अपने पिता शिबू की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं. बड़े भाई दुर्गा सोरेन के निधन और शिबू सोरेन की बढ़ती उम्र की वजह से हेमंत ने झामुमो की राजनीति को आगे बढ़ाने का जिम्मा लिया. हेमंत के नजदीकी सहयोगी दावा करते हैं कि उन्होंने मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की है. लेकिन 2005 और 2009 का चुनावी पर्चा दाखिल करने के वक्त उन्होंने अपनी शिक्षा इंटरमीडिएट तक बताई थी.

हेमंत ने पहली बार 2005 में दुमका विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा था. हालांकि वह पार्टी से बगावत कर मैदान में उतरी स्टीफन मरांडी से हार गए. 24 जनवरी, 2009 से लेकर 4 जनवरी 2010 तक थोड़े वक्त के लिए हेमंत राज्यसभा के भी सदस्य रहे.

बीजेपी, झारखंड मुक्ति मोर्चा, जेडीयू और आजसू की गठबंधन सरकार में हेमंत उप मुख्यमंत्री भी रहे. इस सरकार की अगुआई बीजेपी के अर्जुन मुंडा कर रहे थे.
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

2013 में बने झारखंड के सबसे कम उम्र के सीएम

2013 में वह राज्य के सबसे कम उम्र के मुख्यमंत्री बने और दिसंबर 2014 तक इस पद पर रहे. राज्य में बीजेपी के लंबे शासन के बाद हेमंत सोरेन की वापसी मुश्किल लग रही थी. लेकिन जनवरी में उन्होंने कांग्रेस, जेवीएम-पी और कांग्रेस के गठबंधन को शक्ल देने में अहम भूमिका निभाई. विपक्ष में रहते हुए हेमंत सोरेन ने छोटानागपुर टेनेंसी एक्ट में संशोधन के लिए आंदोलन चलाया और 70 हजार अस्थायी शिक्षकों को रेगुलर करने की मुहिम को समर्थन दिया. हेमंत ने राज्य में शराब बिक्री की नीति के खिलाफ विपक्ष के आंदोलन का नेतृत्व किया. साथ ही उन्होंने राज्य में सरकारी स्कूलों को बंद करने के खिलाफ भी आवाज उठाई .

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

अनलॉक करने के लिए मेंबर बनें
  • साइट पर सभी पेड कंटेंट का एक्सेस
  • क्विंट पर बिना ऐड के सबकुछ पढ़ें
  • स्पेशल प्रोजेक्ट का सबसे पहला प्रीव्यू
आगे बढ़ें

Published: 23 Dec 2019,01:15 PM IST

Read More
ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT