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लोकसभा में दिल्ली एमसीडी अमेडमेंट बिल पास हो गया. इस दौरान लोकसभा में दिल्ली (Delhi) के MCD पर बोलते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने कहा कि पिछले दस साल के अनुभव का बारीक विश्लेषण और तथ्य जो सामने आए हैं उसको लेकर सरकार ने दिल्ली के तीनों निगमों का एकीकरण कर पहले जैसी स्थिति की जाए. यह बंटवारा आनन-फानन में किया गया था. अमित शाह ने आगे कहा कि मैं प्रस्ताव करता हूं कि दिल्ली नगर निगम अधिनियम 1957 का और संशोधन करने वाले विधेयक पर विचार किया जाए.
उन्होंने आगे कहा कि इन सभी बातों को दृष्टिगत रखते हुए सिविक सेवाओं की जिम्मेदारी का निर्वहन दिल्ली के तीनों कॉर्पोरेशन सही ढंग से कर पाएं वो बहुत जरूरी है. पहले यहां पर एक ही नगर निगम हुआ करता था, जिसका विभाजन करके तीन नगर निगम बनाए गए.
अमित शाह ने अपनी दलील देते हुए कहा कि 1883 से पंजाब डिस्ट्रक्ट बोर्ड एक्ट के तहत दिल्ली नगर निगम चल रहा था. 1957 में दिल्ली नगर निगम एक्ट के तहत स्थापना हुई, 1993 और 2011 में संशोधन हुए और उत्तरी नगर निगम दिल्ली, दक्षिणी नगर निगम दिल्ली और पूर्वी नगर निगम दिल्ली तीन निगमों में इसको बांटा गया.
गृहमंत्री ने कहा कि 2012 से 22 का अनुभव जो हमारे सामने आया है, इसको खंगालने पर जो तथ्य सामने आए हैं...उसके बाद ये सरकार इस निर्णय पर पहुंची है कि एक बार फिर से इन तीनों निगमों को एक करके पहले जैसा किया जाए. क्योंकि जो बंटवारा हुआ था वो आनन-फानन में किया गया था. इसके पीछे का कोई उद्देश्य नहीं नजर आता है, तो पता चलता है कि राजनीतिक उद्देश्य के चलते ही ऐसा हुआ था.
अमित शाह ने कहा कि तीनों निगमों के बीच में नीतियों के बारे में एकरूपता नहीं है, एक ही शहर के तीन हिस्सों में अलग-अलग नीतियों से निगम चलते हैं क्योंकि नीतियों को निर्धारित करने की शक्ति हर एक निगम को नहीं दी गई है. हर निगम के बोर्ड को अधिकार है कि वो अपने चलाने की नीतियों को तय करे.
उन्होंने आगे कहा कि इसलिए इस नए बिल के द्वारा तीनों नगर निगमों को एक करके फिर से एक बार दिल्ली नगर निगर को एक बनाया जाए, इसके बाद एक ही नगर निगम पूरे दिल्ली की सिविक सेवाओं का ध्यान रखेगा. नगर निगम की सेवाओं को और दक्षता व पारदर्शिता के साथ चलाने के लिए दिल्ली के पार्षदों की संख्या को 272 से घटाकर ज्यादा से ज्यादा 250 तक सीमित करने का भी प्रस्ताव है.
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