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मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में एमबीबीएस (MBBS) स्टूडेंट्स के लिए इसी सत्र से आरएसएस (RSS) के संस्थापक डॉ बलराम हेडगेवार और BJP के दीन दयाल उपाध्याय को पढ़ना जरूरी कर दिया गया है. इसके बाद से राजनीति गर्मा गई है.
कांग्रेस मध्यप्रदेश सरकार पर छात्रों के ऊपर बीजेपी और RSS की विचारधारा थोपने का आरोप लगा रही है. जबकि बीजेपी इसे मूल्यों (Ethics) के लिए पढ़ना जरूरी बता रही है.
मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के जनरल सेक्रेटरी और मीडिया प्रभारी केके मिश्रा ने मध्य प्रदेश सरकार के इस फैसले की आलोचना की. उन्होंने सरकार पर तंज कसते हुए कहा,
पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरुण यादव ने भी ट्वीट करके तंज कसा. उन्होने कहा 'अकेले हेडगेवार - दीनदयाल ही क्यों सावरकर के माफीनामे के बारे मे भी पढ़ाएं.'
मध्य प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने इस फैसले के बाद कहा, "डॉक्टरों को पढ़ाई में एथिक्स का पाठ पढ़ाना जरूरी है. डॉक्टर्स में वेल्यूस होनी चाहिए, डॉक्टर हेडगेवार देश को समर्पित थे आजादी में अहम योगदान दिया. इसके साथ अरविंद चरक, स्वामी विवेकानंद, दीनदयाल उपाध्याय, बीआर अम्बेडकर का पाठ भी बढ़ाया जाएगा."
उन्होंने आगे कहा कि जब भी महापुरूषों को महिमामण्डित करने की बात होती है तो कांग्रेस को तकलीफ होती है.
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता कमलनाथ शिवराज सरकार के फैसले के बाद जमकर बरसे. उन्होंने BJP सरकार पर मेडिकल के छात्रों पर अपनी विचारधारा थोपने का आरोप लगाया.
कमलनाथ ने कहा, "BJP शुरू से ही अपनी विचारधारा और अपने खास एजेंडे को लोगों पर थोपने का काम करती रहती है , चाहे शिक्षा का क्षेत्र हो या अन्य क्षेत्र हो, अब मध्यप्रदेश में एमबीबीएस के छात्रों को जनसंघ व आरएसएस के संस्थापकों के विचार पढ़ाये जाएँगे."
कमलनाथ ने पूछा कि BJP सरकार स्पष्ट करें कि इन लोगों ने देश की आजादी के संघर्ष से लेकर देश के विकास में ऐसे कौन से उल्लेखनीय कार्य किए हैं जो इनके विचारों से पवित्र स्वास्थ्य के पेशे के छात्रों को अवगत कराया जाए?
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