मेंबर्स के लिए
lock close icon
Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Politics Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019महाराष्ट्र: कांग्रेस विधायकों में फूट का खतरा? फ्लोर टेस्ट से उद्धव को 3 मैसेज

महाराष्ट्र: कांग्रेस विधायकों में फूट का खतरा? फ्लोर टेस्ट से उद्धव को 3 मैसेज

स्पीकर चुनाव के एक दिन बाद ही फ्लोर टेस्ट हुआ. एनवीए के 8 विधायकों के वोट और कम हो गए.

विकास कुमार
पॉलिटिक्स
Updated:
<div class="paragraphs"><p>महाराष्ट्र: उद्धव ठाकरे, एकनाथ शिंदे&nbsp;</p></div>
i

महाराष्ट्र: उद्धव ठाकरे, एकनाथ शिंदे 

फोटोः क्विंट

advertisement

महाराष्ट्र विधानसभा में जिसकी उम्मीद की जा रही है, वैसा ही हुआ. एनकाथ शिंदे फ्लोर टेस्ट में पास हो गए. प्रस्ताव के पक्ष में 164 और विरोध में 99 वोट पड़े. कांग्रेस के 11 और एनसीपी के 2 विधायकों ने वोट नहीं डाला. ऐसे में समझते हैं कि फ्लोर टेस्ट से कौन से 3 मैसेज निकले?

1- उद्धव की पकड़ लगातार कमजोर हो रही है

फ्लोर टेस्ट से एक बार फिर से साबित हो गया कि उद्धव ठाकरे राजनीति में लगातार मात खा रहे हैं. उनके विधायक ही साथ नहीं दे रहे हैं. महाराष्ट्र विधानसभा के स्पीकर चुनाव में बीजेपी के उम्मीदवार को 164 वोट मिले. जबकि महा विकास अघाड़ी को 107 वोट.

एक दिन बाद ही फ्लोर टेस्ट हुआ, जिसमें एमवीए का आंकड़ा 107 से घटकर 99 पर आ गया. 8 और विधायकों ने सरकार बचाने में साथ नहीं दिया. इससे ये लगता है कि कहीं न कहीं उद्धव ठाकरे की पकड़ लगातार कमजोर पड़ती जा रही है.
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

2- कांग्रेस के साथ सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है

एमवीए सरकार को बचाने में कांग्रेस के विधायकों ने भी पूरा साथ नहीं दिया. पूर्व सीएम अशोक चव्हाण सहित 11 कांग्रेस विधायकों ने वोट नहीं डाला. ये नाम प्रणति शिंदे, जितेश अंतापुरकर, विजय वड्डेतिवार, जीशान सिद्दीकी, धीरज देशमुख, कुणाल पाटिल, राजू आवाले, मोहन हम्बर्दे, शिरीष चौधरी और माधवराव जावलगांवकर के हैं.

महाराष्ट्र के प्रभारी एआईसीसी सचिव एच के पाटिल ने कहा, आठ विधायक देर से आए. वे लॉबी में इंतजार कर रहे थे. बारिश और ट्रैफिक में फंस गए होंगे. वहीं अशोक चव्हाण ने कहा, हम ट्रैफिक में फंस गए थे. हमें दो या तीन मिनट की देरी हुई. उन्होंने गेट बंद कर दिए.

अब सोचिए. जहां एक तरफ एमवीए की सरकार बचाने के लिए फ्लोर टेस्ट हो रहा है, वहां कांग्रेस के विधायक ट्रैफिक जाम में फंस जाते हैं. ये तर्क पचता है? शायद नहीं. इससे पहले विधानसभा अध्यक्ष के चुनाव में भी कुछ विधायक गायब थे. ऐसे में लगता है कि शिवसेना विधायकों की टूट के बाद कांग्रेस विधायकों में फूट के कयासो में कुछ न कुछ दम है. शायद आने वाले वक्त में कांग्रेस के कुछ विधायकों में भी फूड पड़ सकती है.

3- छोटे दलों ने भी नहीं दिया उद्धव का साथ

अखिलेश यादव के नेतृत्व वाली समाजवादी पार्टी के विधायक अबू आजमी, रईस शेख और AIMIM के विधायक शाह फारूक अनवर महाराष्ट्र विधानसभा में वोट डालने नहीं पहुंचे.

देवेंद्र फडणवीस ने विपक्ष के उन विधायकों को शुक्रिया कहा जिन्होंने वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया. उन्होंने कहा कि मैं उन सभी सदस्यों को धन्यवाद देता हूं जिन्होंने शिंदे सरकार में अपना विश्वास व्यक्त किया. मैं उन सभी को भी धन्यवाद देता हूं जिन्होंने सदन से बाहर रहकर अप्रत्यक्ष रूप से बीजेपी-शिंदे गठबंधन की मदद की.

सरकार बनाकर शिंदे ने जंग जीत ली है?

अभी इसका एक लाइन में जवाब है नहीं. शिंदे ने सरकार तो बना ली, लेकिन उद्धव ने कहा था कि वह शिवसेना के सीएम नहीं है. यानी अभी शिवसेना पर काबिज होने के लिए लड़ाई लड़नी होगी. उन्होंने इसकी शुरुआत भी कर दी है.

विधानसभा अध्यक्ष नार्वेकर ने उद्धव खेमे के अजय चौधरी को विधायक दल के नेता के पद से हटा दिया और शिवसेना मुख्य सचेतक के लिए शिंदे खेमे के भरत गोगावाले को नियुक्त किया. उद्धव खेमे के सुनील प्रभु की नियुक्ति को रद्द कर दिया. ऐसे में अब ये लड़ाई कोर्ट तक पहुंच सकती है.

शिवसेना के उद्धव ठाकरे खेमे ने पार्टी के लिए नए व्हिप (भरत गोगावाले) को मान्यता देने के विधानसभा के नए अध्यक्ष के फैसले के खिलाफ सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में एक नई याचिका दायर की. देश के शीर्ष अदालत ने इसे 11 जुलाई को महाराष्ट्र के राजनीतिक संकट पर अन्य लंबित याचिकाओं के साथ सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया है.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

अनलॉक करने के लिए मेंबर बनें
  • साइट पर सभी पेड कंटेंट का एक्सेस
  • क्विंट पर बिना ऐड के सबकुछ पढ़ें
  • स्पेशल प्रोजेक्ट का सबसे पहला प्रीव्यू
आगे बढ़ें

Published: 05 Jul 2022,08:31 AM IST

Read More
ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT