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महाराष्ट्र: विभाग बंटवारे पर विवाद, अजित को 'पावर' देने से शिंदे गुट को परहेज?

Maharashtra: सूत्रों का कहना है कि विवाद इस बात को लेकर है कि अजित वित्त समेत NCP के लिए प्रमुख मंत्रालय चाहते हैं.

ईश्वर
पॉलिटिक्स
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<div class="paragraphs"><p>महाराष्ट्र में विभागों पर फंसा पेंच</p></div>
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महाराष्ट्र में विभागों पर फंसा पेंच

(फोटो: चेतन बखुनी/द क्विंट)

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"हर कोई अजित पवार को वित्त मंत्रालय देने का विरोध कर रहा है. क्या होगा अगर वह वही करेंगे जो उन्होंने महा विकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार में वित्त मंत्री रहते हुए किया था?". यह सवाल प्रहार जनशक्ति पार्टी (PJP) के नेता बच्चू कडू ने पूछा. PJP सत्तारूढ़ महाराष्ट्र (Maharashtra) की गठबंधन सरकार का हिस्सा है.

गठबंधन में कहां फंसा पेंच?

एनसीपी के मंत्रियों के शपथ लेने और सत्तारूढ़ गठबंधन में शामिल होने के दस दिन बाद भी अभी तक विभागों का बंटवारा नहीं हुआ है.

एनसीपी के साथ आने को लेकर एकनाथ शिंदे की शिवसेना के भीतर स्पष्ट असंतोष के बाद, पिछले तीन दिनों से विभागों के आवंटन के लिए चली बैठकों का कोई सकारात्मक नतीजा नहीं निकला है.

सूत्रों का कहना है कि गतिरोध इस बात को लेकर है कि अजित पवार वित्त समेत एनसीपी के लिए प्रमुख मंत्रालय चाहते हैं.

सूत्रों के मुताबिक, सत्तारूढ़ गठबंधन के अधिकांश नेता, जिनमें बीजेपी के कुछ नेता भी शामिल हैं, अजित पवार को वित्त मंत्रालय मिलने का विरोध कर रहे हैं, जो वर्तमान में डिप्टी सीएम देवेंद्र फड़नवीस के पास है. लेकिन वित्त एकमात्र प्रमुख मंत्रालय नहीं है, जिसे एनसीपी पाने की उम्मीद कर रही है.

विभागों को लेकर बातचीत जारी

पिछले कुछ दिनों से जारी बातचीत के बीच अजित पवार और प्रफुल्ल पटेल के बुधवार को दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिलने की उम्मीद है.

लगातार तीन दिनों देर रात की बैठक हुईं, जिसमें एक बैठक मंगलवार को 1:30 बजे फडणवीस के आवास पर हुई. माना जाता है कि अजित पवार ने छगन भुजबल और दिलीप वलसे पाटिल सहित कई मंत्रियों की वरिष्ठता पर जोर दिया और प्रमुख मंत्रालयों की मांग की है.

सूत्रों के मुताबिक, एनसीपी वित्त, लोक निर्माण विभाग (PWD), आवास, सिंचाई और जल संसाधन सहित कई विभागों को लेकर इच्छुक है.

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सूत्रों का कहना है कि अब तक हुई सभी बैठकों में सीएम शिंदे और उनके मंत्रियों ने अजित पवार को वित्त मंत्रालय देना का कड़ा विरोध किया है. जब शिंदे ने पिछले साल विद्रोह का नेतृत्व किया और शिवसेना को तोड़ा, तो उनके गुट द्वारा दर्ज की गई एक प्रमुख शिकायत अजीत पवार द्वारा अन्य दलों के विधायकों के फंड को रोकने की थी.

कडू सहित अधिकांश नेताओं ने खुले तौर पर महाविकास अघाड़ी सरकार के दौरान कथित तौर पर जो हुआ उसे दोहराने की आशंका व्यक्त की है.

रविवार, 9 जुलाई, 2023 को मुंबई के शनमुखानंद हॉल में मुस्लिम अल्पसंख्यक समुदाय सम्मेलन के दौरान महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे अन्य लोगों के साथ. शिवसेना (शिंदे गुट) के नेता आनंदराव अडसुल भी साथ नजर आ रहे हैं.

(फोटो: PTI)

मंगलवार को मीडिया से बात करते हुए अजित पवार गुट के नेता सूरज चव्हाण ने कहा कि एनसीपी वित्त मंत्रालय संभालने में अनुभवी है.

विभागों पर अगले दो दिनों में फैसला किया जाएगा. एनसीपी के पास वित्त विभाग संभालने का अनुभव है. मुझे यकीन है कि फड़णवीस सहित सभी वरिष्ठ नेता इस पर विचार करेंगे.
सूरज चव्हाण, NCP नेता, अजित पवार (गुट)

गार्डियन मंत्री पद को लेकर भी खींचतान

सूत्रों का कहना है कि अजित पवार कथित तौर पर अपने मंत्रियों के लिए सतारा, सांगली और पुणे के गार्डियन मंत्री पद भी चाहते हैं, क्योंकि इन क्षेत्रों में पार्टी का प्रभाव है.

इस बीच, शिवसेना के भारतशेत गोगावले ने रायगढ़ के गार्डियन मंत्री के रूप में एनसीपी की अदिति तटकरे की नियुक्ति का विरोध जारी रखा है.

गोगावले ने मंगलवार (11 जुलाई) को मीडिया से बात करते हुए कहा, "कैबिनेट विस्तार कब होगा यह एक अहम सवाल है. हम भी इसका इंतजार कर रहे हैं. हमें खुद भी अभी तक कुछ नहीं पता है. लेकिन आगामी विधानसभा सत्र से पहले विस्तार होना जरूरी है."

किसी भी पार्टी के नाराज होने के दावों को खारिज करते हुए, कैबिनेट मंत्री और शिवसेना नेता उदय सामंत ने मंगलवार को कहा, "जब कोई तीसरी पार्टी गठबंधन सरकार में आती है, तो कुछ विभागों पर समझौता करना पड़ता है. बातचीत चल रही है और तीनों सहयोगियों के बीच सब कुछ ठीक है."

मंत्रालयों का गणित

राज्य की 288 विधानसभा सीटों वाले महाराष्ट्र में कैबिनेट में कुल 43 मंत्रालय हैं. सीएम पद समेत शिवसेना के पास दस मंत्री हैं. जहां बीजेपी के पास डिप्टी सीएम पद सहित दस मंत्री हैं, वहीं एनसीपी के पास नौ मंत्री हैं और अजित पवार डिप्टी सीएम हैं.

NCP के शामिल होने से 29 मंत्री पद पहले ही भरे जा चुके हैं और 14 रिक्त हैं.

केवल दो दलों के मैदान में होने से, शिवसेना को कम से कम दस सीटें मिलने की उम्मीद थी, जो अब स्पष्ट रूप से असंभव लग रही है.

वर्तमान में बीजेपी के पास गृह, वित्त, जल संसाधन, कानून, ऊर्जा, शिक्षा और सार्वजनिक कार्य सहित कई प्रमुख विभाग हैं.

इस बीच, शिवसेना के पास स्वास्थ्य, आईटी, सामाजिक न्याय, पर्यावरण और रोजगार की गारंटी है.

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