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अजित पवार या शरद पवार, महराष्ट्र में NCP पर किसका अधिकार होगा? अब ये सवाल चुनाव आयोग के दरवाजे तक और विधायक होटल तक पहुंच चुके हैं.
बुधवार, 4 जुलाई को NCP के नाम और सिंबल पर अपने अधिकार का दावा करते हुए, अजित पवार के गुट ने चुनाव आयोग के सामने याचिका दाखिल की है.
4 जुलाई को महाराष्ट्र में बैठकों का दौर रहा, अजित पवार, शरद पवार, उद्धव ठाकरे, एकनाथ शिंदे सबने अपने-अपने गुट और पार्टी की बैठक बुलाई. अजित पवार और शरद पवार की बैठक पर खास तौर पर सबकी निगाहें थीं, क्योंकि यहां विधायकों की संख्या से ही NCP के आगे का भविष्य तय होना था.
आज यानी 7 जुलाई को शरद पवार ने दिल्ली में NCP की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाई गई है.
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने 40 विधायकों, MLC और सांसदों के समर्थन के साथ, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नाम और चिन्ह के लिए चुनाव आयोग के सामने दावा पेश कर दिया है.
अजित पवार गुट के सभी विधायकों को मुंबई के एक होटल में रखा गया है और उनके हस्ताक्षरित हलफनामे चुनाव आयोग को सौंपे गए हैं. इस हलफनामें में लिखा है कि वे अजित पवार के खेमे का समर्थन करते हैं.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, 30 जून को ही अजित पवार गुट की तरफ से चुनाव आयोग को पत्र लिखकर कहा गया था कि शरद पवार अब पार्टी अध्यक्ष नहीं हैं और अजित पवार ही नए पार्टी अध्यक्ष नामित किए गए हैं.
अपने भाषण के दौरान, अजीत पवार ने कहा कि वह मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं. उन्होंने शरद पवार से भी अपने भाषण के दौरान तंज भरे अंदाज में पूछा कि वे कब रिटायर होने के बारे में सोच रहे हैं. उन्होंने कहा, "अन्य पार्टियों में नेता एक उम्र के बाद रिटायर हो जाते हैं. बीजेपी में नेता 75 साल में रिटायर हो जाते हैं, आप कब रुकने वाले हैं? आपको नए लोगों को भी मौका देना चाहिए. अगर हम गलती करते हैं तो हमें बताएं. आपकी उम्र 83 साल है, क्या आप ऐसा करेंगे कभी रुकोगे या नहीं?”
एनसीपी के दोनों गुटों ने बुधवार को मुंबई में अलग-अलग बैठकें कीं. कहा जा रहा है कि शरद पवार की बैठक में पार्टी के केवल 14 विधायक शामिल हुए, जबकि अजित पवार की बैठक में 30 के लगभग विधायक पहुंचे थे. NCP के कुल विधायकों की संख्या 53 है.
महाराष्ट्र में बीजेपी-शिंदे सरकार में उपमुख्यमंत्री के रूप में अजित पवार की एंट्री के बाद NCP में फूट पड़ गई है. शरद पवार और अजित पवार दोनों NCP पर अपना-अपना दावा कर रहे हैं.
NCP (अजित पवार गुट) के सरकार में शामिल होने से शिंदे गुट के विधायकों में गहरा असंतोष देखा जा रहा है. उन्हें डर है कि अब उन्हें सरकार में पूरा हक नहीं मिल पाएगा. एकनाथ शिंदे ने इसे लेकर विधायकों के साथ बैठक भी की.
एकनाथ शिंदे के विधायकों का कहना है कि जिस NCP का विरोध करके हम सरकार में आए आज उन्हीं से हाथ मिला रहे हैं. उनका कहना है कि बाल ठाकरे कभी भी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के साथ नहीं जुड़ते. इसके अलावा सरकार पूरी बहुमत वाली थी तो NCP को साथ लाने की क्या जरूरत थी. मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे अब स्थिती संभालने में जुटे हैं.
छगन भुजवल ने कहा है कि चुनाव आयोग को पत्र लिखकर अजित पवार के NCP का राष्ट्रीय अध्यक्ष होने का दावा हमने पहले ही पेश कर दिया था. उन्होंने कहा, "हमने सरकार में आने से पहले ही ये तय कर लिया था और तुरंत इसके लिए कागजी कार्रवाई शुरू कर दी थी."
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