मेंबर्स के लिए
lock close icon
Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Politics Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Mandi Election: "जीतीं तो भी यहां नहीं दिखेंगी" कंगना रनौत के गांव की जनता किसके साथ?

Mandi Election: "जीतीं तो भी यहां नहीं दिखेंगी" कंगना रनौत के गांव की जनता किसके साथ?

क्विंट ने कंगना के बारे में जानने के लिए उनके गांव भाबला का दौरा किया और वहां पर कंगना के परिवार और ग्रामीण से बातचीत की है. देखें ये ग्राउंड रिपोर्ट...

फातिमा खान
पॉलिटिक्स
Published:
<div class="paragraphs"><p>क्विंट हिंदी की कंगना रनौत के गांव से ग्राउंड रिपोर्ट</p></div>
i

क्विंट हिंदी की कंगना रनौत के गांव से ग्राउंड रिपोर्ट

फोटो-क्विंट हिंदी

advertisement

हिमाचल प्रदेश की मंडी लोकसभा सीट से इस बार बीजेपी ने बॉलीवुड क्वीन कंगना रनौत को मैदान में उतारा है, तो वहीं, कांग्रेस की तरफ से हिमाचल प्रदेश के पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह के बेटे विक्रमादित्य सिंह हैं. जैसे-जैसे मंडी में कंगना का चुनावी अभियान गति पकड़ रहा है, उनके माता-पिता भी अब इस अभियान में शामिल हो गए हैं. कंगना के माता-पिता कहते हैं कि, फिल्म इंडस्ट्री में करियर बनाने को लेकर उसे सपोर्ट न करने से लेकर अब राजनीति में उनके परिवर्तन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बनने तक एक लंबा सफर तय किया है. क्विंट ने कंगना के बारे में जानने के लिए उनके गांव भाबला का दौरा किया और वहां पर कंगना के परिवार और ग्रामीण से बातचीत की है. देखें ये ग्राउंड रिपोर्ट...

कंगना के माता-पिता बताते हैं कि जब कंगना रनौत ने बॉलीवुड में करियर बनाने के लिए घर छोड़ा था, तो हमने उसे सपोर्ट नहीं किया था. लेकिन उसने वहां जाकर इतना बड़ा जो मुकाम हासिल किया है, वह अपने दम किया है. कंगना के पिता अमरदीप बताते हैं कि उसे कुछ करने का जूनुन सा होता है और अपने दम कर करती है.

"फिल्म इंडस्ट्री, राजनीति से कहीं अधिक कठिन थी"

रनौत की मां आशा बॉलीवुड में उनकी सफलता के बारे में बात करते हुए कहती हैं कि परिवार के समर्थन की कमी के बावजूद - यह सबूत है कि वह "जो कुछ भी ठान लेती है उसे हासिल कर सकती है."

आशा आगे कहती हैं कि राजनीति में उन्हें कोई बड़ी दिक्कत नहीं आ रही है. फिल्म इंडस्ट्री इससे कहीं ज्यादा कठिन थी. यहां उसका गांव है, उसका घर है, उसके लोग हैं. वे सभी उसे बहुत प्यार दे रहे हैं.

कंगना के पिता का कहना है कि कंगना को 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी का टिकट दिया जा रहा था, लेकिन उसने चुनाव लड़ने से मना कर दिया. उस समय कंगना के पास कई सारी फिल्में लाइन में थी, इसलिए उसने बीजेपी के टिकट से चुनाव लड़ने के लिए मना कर दिया. उन्होंने आगे बताया कि कंगना ने उस समय कहा था कि मंडी के लोगों को धोखा देकर मुंबई में नहीं बैठना चाहती.

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

गांव के लोगों का क्या है कहना?

भांबला के लोगों का मानना है कि अगर कंगना चुनाव जीत जाती हैं, तो वह यहां नहीं बल्कि मुंबई में रहेंगी. भांबला के निवासी अंकुश ठाकुर कहते हैं...

"मुझे व्यक्तिगत रूप से लगता है कि अगर वह जीत भी जाती है, तो भी वह यहां नहीं दिखेंगी. वह मुंबई या मनाली में रहेंगी, मुझे संदेह है कि वह यहां आएगी."
अंकुश ठाकुर

इसके परे कंगना के पिता का कहना है कि, “उनके पास फिल्मों की कतार है. जैसे उनकी फिल्म 'इमरजेंसी' जल्द ही रिलीज होने वाली है. मुझे लगता है कि वह ऐसे काम के लिए जा सकती है. मुझे लगता है कि एक सांसद अपने निर्वाचन क्षेत्र में 5-10 दिनों तक अनुपलब्ध रह सकता है. यह कोई बड़ी बात नहीं होगी."

'शरारती छात्र' से 'स्थानीय गौरव' तक

कंगना के स्कूल हिल व्यू स्कूल में शिक्षक आज भी जिद्दी और शरारती बच्ची कंगना को याद करते हैं. स्कूल के शिक्षक राजीव शुक्ला बताते हैं..

'मैंने कंगना को चौथी और पांचवीं कक्षा में अंग्रेजी और गणित पढ़ाया. वह मुझे 'छोटा शुक्ला' नाम से चिढ़ाती थी. उसके मन में जो आता, वह बस कह देती थी. वह कुछ भी नहीं दबाएगी. वह शरारती थी. वह एंकरिंग के लिए हमेशा तैयार रहती थी. वह घूमती-फिरती रहती थी. यहां तक ​​​​कि अगर उन्हें किसी को मंच पर आमंत्रित करना है, तो वह डांस करके बुलाती थी."
राजीव शुक्ला, कंगना के स्कूल के टीचर

वहीं गांव के ग्रामीण कंगना को अपनी आंखों के सामने बड़े होते हुए देखना याद करते हैं. गांव की निवासी भाबरी देवी कहती हैं कि, 'वह हमारी बेटी की तरह है. वह बहुत बुद्धिमान है'.

जब देवी से कंगना के उस बयान के बारे में पूछे जाने पर, जिसमें उन्होंने जनता से मिले प्यार की तुलना अमिताभ बच्चन से मिले प्यार से की थी, तो देवी ने कहा- 'गलतियां होती हैं.' वह हमारी बेटी है, और उसने हमारें गांव का नाम रौशन किया है.

जब देवी से पूछा गया कि अगर कंगना कांग्रेस की तरफ से चुनाव लड़ती तो क्या वह तब कंगना का सर्मथन करतीं, इस पर देवी ने कहा कि नहीं, मैं ऐसा नहीं करती. मैं मोदी का सर्मथन करती हूं. मुझे मोदी चाहिए, यह मोदी लहर है.

एक और ग्रामीण चुन्नी लाल ने कहा कि हम कंगना को बहुत पहले से जानते हैं. मोदी की वजह से उसे सपोर्ट कर रहे हैं.

लोकसभा चुनाव 2024 से जुड़ी क्विंट हिंदी की अन्य तमाम ग्राउंड रिपोर्ट को आप यहां क्लिक कर के पढ़ सकते हैं.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

अनलॉक करने के लिए मेंबर बनें
  • साइट पर सभी पेड कंटेंट का एक्सेस
  • क्विंट पर बिना ऐड के सबकुछ पढ़ें
  • स्पेशल प्रोजेक्ट का सबसे पहला प्रीव्यू
आगे बढ़ें

Published: undefined

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT