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"PM मोदी-अमित शाह के दूरदर्शी विचार..", मिलिंद देवरा ने बताया क्यों छोड़ी कांग्रेस?

Milind Deora महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की मौजूदगी में शिवसेना में शामिल हुए.

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<div class="paragraphs"><p>राहुल गांधी के साथ मिलिंद देवरा</p></div>
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राहुल गांधी के साथ मिलिंद देवरा

(फाइल फोटो- पीटीआई)

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महाराष्ट्र कांग्रेस (Maharashtra Congress) नेता मिलिंद देवरा (Milind Deora) ने पार्टी से इस्तीफा देने का बाद शिवसेना का दामन थाम लिया है. मुंबई में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की (Eknath Shinde) मौजूदगी में वो शिवसेना में शामिल हुए. उन्होंने एक खुले पत्र के जरिए पार्टी छोड़ने की वजह बताई है. इस पत्र को उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर भी शेयर किया है.

"कांग्रेस में ईमानदारी का अभाव"

मिलिंद देवरा ने अपने पत्र में लिखा, "अफसोस की बात है कि कांग्रेस की वर्तमान स्थिति अब उस पार्टी से मेल नहीं खाती है जिसमें मेरे पिता मुरलीभाई और मैं क्रमशः 1968 और 2004 में शामिल हुए थे. यह अपनी वैचारिक और संगठनात्मक जड़ों से भटक गयी है, इसमें ईमानदारी और रचनात्मक आलोचना की सराहना का अभाव है."

"यह भारत की विविध संस्कृति और धर्मों का जश्न मनाने से भटक कर, जाति के आधार पर उत्तर-दक्षिण मे विभाजन पैदा कर रही है. न केवल सत्ता हासिल करने में बल्कि केंद्र में रचनात्मक विपक्ष के रूप में प्रभावी ढंग से काम करने में भी असफल हो रही है."
लेटर में मिलिंद देवरा

"UBT के साथ गठबंधन का विरोध किया था"

देवरा ने अपने पत्र में लिखा, "2014 और 2019 के लोकसभा चुनावों में कांग्रेस की हार के बाद, मैंने हमेशा बड़े सुधारों और जवाबदेही की बात की. 2019 के चुनाव में हमारी पार्टी की हार के लिए मैंने मुंबई कांग्रेस के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया, भले ही मुझे चुनाव से सिर्फ एक महीने पहले ही इस पद पर नियुक्त किया गया था. मेरा मानना था कि अगर मैं त्याग कर सकता हूं, तो मुझे इसे मांगने का भी अधिकार है."

उन्होंने आगे लिखा,

"2019 में महाराष्ट्र में MVA की स्थापना के दौरान, मैंने UBT के साथ गठबंधन का विरोध किया था, क्योंकि मुझे लगा कि इससे कांग्रेस पर विपरीत असर पड़ेगा. गठबंधन के बाद भी चार साल तक मैंने पार्टी को हमेशा सावधानी बरतने की सलाह दी."

कांग्रेस और गांधी परिवार के साथ अपने रिश्तों को लेकर मिलिंद देवरा अपने पत्र के जरिए कहते हैं, "दरकिनार किए जाने के बावजूद, गांधी परिवार और पार्टी के साथ मेरे परिवार के स्थायी रिश्ते को बनाये रखने में मेरी प्रतिबद्धता दृढ़ रही. दस सालों तक, मैंने व्यक्तिगत पद या सत्ता की इच्छा किए बिना विभिन्न भूमिकाओं में पार्टी के लिए हर संभव प्रयास किए."

इसके साथ ही वो कहते हैं,

"कांग्रेस के साथ मेरे परिवार के 55 साल से राजनैतिक रिश्तों के बाद, अलग होने का मेरा फैसला बहुत ही भावुक करने वाला है."
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पीएम मोदी और शिंदे की तारीफ

मिलिंद देवरा ने प्रधानमंत्री मोदी और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की तारीफ करते हुए कहा, "आज हम देख रहे हैं कि एक साधारण चाय बेचने वाला दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र का प्रधानमंत्री है और एक ऑटोरिक्शा चालक देश के दूसरे सबसे बड़े राज्य का मुख्यमंत्री है. यह बदलाव भारत की राजनीति को और बेहतर बना रहा है, और हमारे समतावादी मूल्यों की पुष्टि करता है. एकनाथ शिंदे जी देश के सबसे मेहनती और सुलभ मुख्यमंत्रियों में से एक हैं. महाराष्ट्र के वंचित वर्गों के बारे में उनकी समझ और शासन एवं इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार के लिए किए जा रहे उनके प्रयास सराहनीय हैं."

"नरेंद्र मोदी जी और अमित शाह जी के भारत के लिए दूरदर्शी विचार मुझे योगदान देने के लिए प्रेरित करते हैं."
मिलिंद देवरा

इसके साथ ही उन्होंने कहा, "बालासाहेब ठाकरे जी की विचारधारा से प्रेरित होकर और एकनाथ शिंदे जी के नेतृत्व वाली शिवसेना के जरिए, मैं मुंबई के लोगों और सभी भारतीयों का प्रतिनिधित्व करने एवं सभी के लिए तरक्की और सबको साथ लेकर चलने वाली राजनीति करने का संकल्प लेता हूं."

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