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मुलायम सिंह यादव के अनसुने किस्से: जब 120 रुपये महीने की तनख्वाह में पढ़ाते थे

Mulayam Singh Yadav ने आगरा विश्वविद्यालय से राजनीति शास्त्र में एमए भी किया था.

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<div class="paragraphs"><p>जब 120 रुपये महीने की तनख्वाह में पढ़ाते थे मुलायम सिंह यादव</p></div>
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जब 120 रुपये महीने की तनख्वाह में पढ़ाते थे मुलायम सिंह यादव

(फोटो: Accessed by The Quint)

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उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav) का आज 22 नवंबर को जन्मदिन है. मुलायम सिंह यादव का 10 अक्टूबर को निधन हो गया था. उन्होंने गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में आखिरी सांस ली. देश की राजनीति के प्रमुख चेहरों में से एक मुलायम सिंह यादव ने जीवन में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और देश के रक्षा मंत्री का कार्यभार संभाला था. हालांकि, ये बात जानकर आपको भी आश्चर्य होगा कि राजनीति में आने से पहले मुलायम सिंह यादव हिंदी और सामाजिक विज्ञान के शिक्षक हुआ करते थे.

आगरा विश्वविद्यालय से किया था राजनीति शास्त्र का कोर्स

मुलायम सिंह यादव का जन्म 22 नवंबर 1939 को उत्तर प्रदेश के इटावा जिले के सैफई गांव में हुआ था. मुलायम सिंह यादव की शिक्षा राज्य के ही इटावा, फतेहाबाद और आगरा से हुई. मुलायम सिंह यादव ने करहल (मैनपुरी) के जैन इंटर कालेज से पढ़ाई की है. उन्होंने बीटी (बैचलर ऑफ टीचिंग) और बीए की डिग्री प्राप्त की थी. उन्होंने आगरा विश्वविद्यालय से राजनीति शास्त्र में एमए भी किया था.

(फोटो: Accessed by The Quint)

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जिस स्कूल से की पढ़ाई, उसी में बने शिक्षक

राजनीति की दुनिया में आने से पहले मुलायम सिंह यादव बतौर शिक्षक पढ़ाते थे. उन्होंने अपना शैक्षणिक करियर जैन इंटर कॉलेज करहल से शुरू किया था.

दरअसल, 1955 में मुलायम सिंह यादव ने जैन इंटर कॉलेज में कक्षा नौ में प्रवेश लिया था. यहां से 1959 में इंटर करने के बाद 1963 में इसी स्कूल में सहायक अध्यापक के तौर पर पढ़ाना शुरू कर दिया था. क्षेत्रीय जानकार बताते हैं कि उस दौर में उन्हें 120 रुपये मासिक वेतन मिलता था. वो हाईस्कूल में हिंदी और इंटर में सामाजिक विज्ञान पढ़ाया करते थे. उन्होंने कभी किसी छात्र को डांट-फटकार नहीं लगाई.

मैनपुरी के करहल के रहने वाले 70 साल के रामनरेश बताते हैं,

"जब वो हिंदी पढ़ाते थे, उस वक्त मैं दसवीं कक्षा में पढ़ता था. उनके द्वारा हिंदी व्याकरण के अलंकार इत्यादि मुझे आज भी आते हैं. वो स्कूल के अंदर किसी भी विद्यार्थी को डांट-फटकार नहीं लगाते थे, बल्कि उनका मानना था बच्चों पर चिल्लाने से उनका मानसिक विकास रुकता है."

(फोटो: Accessed by The Quint)

'हम सभी बच्चों के फेवरेट थे मुलायम सिंह जी'

करहल के रहने वाले जानकार भगवान सिंह बताते हैं कि मुलायम सिंह यादव के पढ़ाने का अंदाज काफी अलग और रोचक हुआ करता था. वो अन्य शिक्षकों की तरह रटा-रटाया पाठ बच्चों को नहीं पढ़ाते थे. मुलायम सिंह यादव के द्वारा पढ़ाने वाले विषय में रोचकता लाने में माहिर थे.

इनपुट- शुभम श्रीवास्तव

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