मेंबर्स के लिए
lock close icon
Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Politics Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019चुनाव के बाद मोदी-राहुल मिले, लेकिन दुआ- सलाम भी नहीं 

चुनाव के बाद मोदी-राहुल मिले, लेकिन दुआ- सलाम भी नहीं 

दूरी इतनी कम थी कि दोनों एक दूसरे को देख कर एक दूसरे का हाल-चाल ले सकते थे.

क्‍व‍िंट हिंदी
पॉलिटिक्स
Published:
राहुल गांधी और नरेंद्र मोदी के बीच चुनाव के बाद दुआ-सलाम नहीं
i
राहुल गांधी और नरेंद्र मोदी के बीच चुनाव के बाद दुआ-सलाम नहीं
(फोटो: PTI)

advertisement

राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में बीजेपी की हार के बाद पहली बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस अध्यक्ष की आमने-सामने की मुलाकात में एक दूसरे से दुआ सलाम तक नहीं हुई. 13 दिसंबर को संसद पर हमले की बरसी पर श्रद्धांजलि सभा के दौरान दोनों एक दूसरे के बिल्कुल सामने खड़े थे. दूरी इतनी कम थी कि दोनों एक दूसरे को देख कर एक दूसरे का हाल-चाल ले सकते थे. लेकिन न तो मोदी और न ही राहुल ने दिलचस्पी दिखाई.

दोनों का रुख पहले जैसा नहीं

अमूमन मोदी और राहुल आपस में मिलने के दौरान एक दूसरे से हाथ मिलाते देखे गए हैं. संसद में विपक्ष की ओर से लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर राहुल राफेल सौदे पर बोले थे और बहस के अंत में मोदी से गले मिले थे. इसे लेकर खासी चर्चा हुई थी. हाल के दिनों में भी जब मोदी और राहुल का आमना-सामना हुआ है तो दोनों एक दूसरे को नमस्कार करते हुए हाल-चाल लेते दिखे. लेकिन दो दिन पहले पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के बाद गिनती के दिन बीजेपी की हार की तल्खी दोनों के बीच साफ दिखी.

ये भी पढ़ें - मोदी और योगी, दोनों के ये नारे लोगों की जुबान पर नहीं चढ़े

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

पार्लियामेंट पर अटैक की बरसी पर हुए आयोजन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से दुआ-सलाम करते देखा गया. हालांकि केंद्रीय मंत्री विजय गोयल और सामाजिक अधिकारिता मंत्री रामदास अठावले ने राहुल गांधी से हाथ मिलाया. इस मौके पर राज्यसभा चेयरमैन, लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन, बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी और यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी वहां मौजूद थे. उन्होंने पार्लियामेंट अटैक में शहीद हुए लोगों की तस्वीरों पर फूल चढ़ाए.

13 दिसंबर 2001 को 2001 को संसद भवन परिसर में भारी हथियारों से लैस पांच आतंकवादी घुस आए थे औैर उन्होंने अंधाधुंध गोलियां चलानी शुरू क दी थीं. इस हमले में दिल्ली पुलिस के पांच जवान, सीआरपीएफ की एक महिला कांस्टेबल और पार्लियामेंट के वॉच एंड वॉर्ड स्टाफ के पांच कर्मचारी समेत 17 लोग शहीद हो गए थे.

(इनपुट: PTI)

ये भी पढ़ें - वोटिंग में चला NOTA का भी जोर,कई पार्टियों के मंसूबों पर फिरा पानी

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

अनलॉक करने के लिए मेंबर बनें
  • साइट पर सभी पेड कंटेंट का एक्सेस
  • क्विंट पर बिना ऐड के सबकुछ पढ़ें
  • स्पेशल प्रोजेक्ट का सबसे पहला प्रीव्यू
आगे बढ़ें

Published: undefined

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT