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समाजवादी पार्टी सांसद नरेश अग्रवाल पाक की जेल में बंद कुलभूषण जाधव पर बयान देकर फंस गए हैं. एक न्यूज चैनल से उन्होंने कहा कि जाधव को जब भारत ने ही आतंकवादी माना है तो पाकिस्तान तो उसके साथ वही सलूक करेगा, जो आतंकियों के साथ किया जाता है. हालांकि इस बयान पर उनकी आलोचना होने लगी तो वह लीपापोती पर उतर आए और कहा कि उन्होंने तो हमेशा पाक की जेल में बंद भारतीयों के हक में आवाज उठाई है.
जैसे ही कुलभूषण पर नरेश अग्रवाल का बयान आया, उनकी आलोचना होने लगी. इस मामले से खुद को घिरता देख उन्होंने तुरंत सफाई दी और कहा कि पाकिस्तान अपनी जेलों में बंद भारतीयों के साथ क्रूर व्यवहार करता है. लेकिन भारत सरकार ने इस मामले को कभी तवज्जो नहीं दी. उन्होंने इस मामले में राज्यसभा के सभापति को लिखी चिट्ठी भी जारी की.
इस बीच, सुब्रमण्यम स्वामी और गिरिराज सिंह जैसे बीजेपी के कई सांसदों ने नरेश अग्रवाल की राज्यसभा सदस्यता रद्द करने की मांग की. गिरिराज सिंह ने कहा कि नरेश अग्रवाल पाक समर्थक हैं.
हंगामा बढ़ते देख, नरेश अग्रवाल ने कहा कि उन्होंने कभी भी यह नहीं कहा कि कुलभूषण आतंकी है. पाकिस्तान जिस तरह भारतीय कैदियों के साथ व्यवहार कर रहा है हमें भी पाकिस्तान के जासूस या आतंकवादी के साथ व्यवहार करना चाहिए. हम उनके साथ खुली छूट देकर व्यवहार कर रहे हैं. ऐसा नहीं होना चाहिए.
मंगलवार को जब पाकिस्तान में कुलभूषण जाधव से उनकी मां और पत्नी को मिलवाया गया तो उन्हें कई बंदिशों से गुजरना पड़ा. यहां तक जाधव की पत्नी का मंगलसूत्र, चूड़ी और बिंदी तक उतरवा ली गई. पाकिस्तान की ओर से कहा गया गया कि जाधव की पत्नी की जूतियों में जासूसी उपकरण लगे हैं. लिहाजा उन्हें उतरवा दिया गया. भारत में उनसे हुई बदसलूकी में तीखी प्रतिक्रिया हुई है. संसद के बाहर और संसद के भीतर दोनों जगह अग्रवाल के इस बयान पर गुस्सा दिखा.
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