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चुनाव आयोग (Election Commission) ने अजित पवार (Ajit Panwar) के गुट वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) को 'असली NCP' करार दिया है. आयोग ने सुनवाई पूरी करने के लिए 6 महीने से ज्यादा का समय लिया 10 से अधिक सुनवाई की है. अजित पवार के पक्ष में फैसला आने बाद महाराष्ट्र (Maharashtra) के नेताओं की प्रतिक्रियाएं आ रही हैं, कोई इसका स्वागत कर रहा है तो कोई इसे संविधान के खिलाफ बता रहा है.
NCP प्रमुख और महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने कहा कि चुनाव आयोग ने हमारे वकीलों की दलीलें सुनने के बाद हमारे पक्ष में फैसला सुनाया है. हम इसका विनम्रतापूर्वक स्वागत करते हैं.
एनसीपी (अजित गुट) के कार्यकारी अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल ने कहा, "...हम चुनाव आयोग के फैसले का स्वागत करते हैं... किसी भी राजनीतिक पार्टी के लिए चुनाव चिह्न महत्वपूर्ण होता है... हो सकता है कि कल इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट, हाई कोर्ट में चुनौती दी जाए. इसमें हमें कुछ कहना नहीं है... हम चुनाव आयोग के फैसले का स्वागत करते हैं."
NCP के नाम और चुनाव चिह्न के मामले में चुनाव आयोग द्वारा अजीत पवार के पक्ष में फैसला सुनाए जाने पर शिवसेना (यूबीटी) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा, "मैं बिल्कुल भी आश्चर्यचकित नहीं हूं. एक व्यक्ति जिस पर 70,000 करोड़ रुपए के भ्रष्टाचार का आरोप लगाया गया था...आज वह बीजेपी के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा है...अजीत पवार महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री हैं...यह संविधान की अनुसूची 10 की भावना के खिलाफ है..."
शिवसेना (यूबीटी) के प्रवक्ता आनंद दुबे ने कहा, ''पहले चुनाव आयोग ने कहा कि शिवसेना एकनाथ शिंदे की है... अब उन्होंने कहा है कि एनसीपी अजित पवार की है... देश की जानता जानती है कि एनसीपी की स्थापना 1999 में शरद पवार ने की थी... हमें पहले से पता था कि ऐसा होगा... शरद पवार सुप्रीम कोर्ट जाएंगे... इस देश में लोकतंत्र खत्म हो गया है..."
महाराष्ट्र बीजेपी प्रमुख चन्द्रशेखर बावनकुले ने कहा कि, ''मैं अजित पवार को चुनाव चिह्न और नाम मिलने पर बधाई देना चाहता हूं...उन्हें विधायकों और सांसदों का बहुमत समर्थन प्राप्त है...मुझे यकीन है कि वह एनसीपी को आगे ले जाएंगे. विरोध करें...उन्हें बोलने दीजिए लेकिन EC पर टिप्पणी करना अच्छा नहीं है...EC कभी गलत निर्णय नहीं लेता. वे कई सबूतों की जांच करने के बाद आदेश देते हैं."
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