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"अविश्वास प्रस्ताव संख्याबल के लिए नहीं, PM के मौनव्रत को तोड़ने के लिए लाए"- गौरव गोगोई

अविश्वास प्रस्ताव पर कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने विपक्ष की तरफ से चर्चा की शुरुआत की.

क्विंट हिंदी
पॉलिटिक्स
Updated:
<div class="paragraphs"><p>Parliament: मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव, गौरव गगोई ने शुरू की चर्चा</p></div>
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Parliament: मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव, गौरव गगोई ने शुरू की चर्चा

(फोटोः क्विंट हिंदी)

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संसद में मोदी सरकार के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने (Gaurav Gogoi) ने विपक्ष की तरफ से चर्चा की शुरुआत की है. मणिपुर पर पीएम मोदी के बयान की मांग करते हुए विपक्षी गठबंधन 'INDIA' की तरफ से कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने संसद में अविश्वास प्रस्ताव रखा है.

दोपहर 12 बजे से चर्चा की शरुआत हुई. गौरव गोगोई ने सरकार से तीन सवाल पूछे.

  • आज तक वो (पीएम मोदी) मणिपुर क्यों नहीं गए?

  • पीएम मोदी ने संवेदना के शब्द क्यों नहीं बोले, आज तक शांति की अपील क्यों नहीं की.

  • पीएम मोदी ने मणिपुर के सीएम को बर्खास्त क्यों नहीं किया?

गौरव गोगोई ने कहा कि पीएम चाहते हैं कि वह मौन रहें, ताकि उनकी राज्य सरकार की छवि धूमिल ना हो.

गौरव गोगोई ने संसद में मणिपुर के हालातों की जानकारी दी. उन्होंने कहा कि राज्य में 5 हजार से ज्यादा हथियार लोगों के हाथों में है. केंद्र का गृह मंत्रालय पूरी तरह से फेल है. उन्होंने सरकार से सवास किया, "6 लाख गोलियां आज मणिपुर के लोगों के बीच है. कहां है राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार. ये गोलियां सुरक्षाबलों पर चलाई जाएंगी. ये गोलियां मणिपुर के निहत्थे लोगों पर चलाई जाएंगी. ये जो हथियार लोगों के बीच हैं, ये युद्ध के हथियार हैं. आप क्या कर रहे हैं?"

गौरव गोगोई ने मणिपुर के सीएम पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा कि पहले मणिपुर के मुख्यमंत्री समाज को दोषी ठहरा रहे थे, लेकिन अब वह असम राइफल और केंद्र को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं.

"आज ऐसी स्थिति हो गई है, असम राफल के जवानों पर मणिपुर की पुलिस सवाल उठा रही है और मणिपुर पुलिस पर असम राइफल के जवान सवाल उठा रहे हैं. कैसी स्थिति हो गई है."

उन्होंने कहा कि गृहमंत्री ने कहा था मैं वापस फिर से 15 दिन बाद मणिपुर आऊंगा, लेकिन गृहमंत्री दोबारा मणिपुर नहीं गए.

केंद्र सरकार पर बरसे गोगोई

गौरव गोगोई ने दावा किया कि UKLF का चेयरमैन एस एस हाओकिप ने एक लीगल बयान में कहा है कि बीजेपी ने साल 2017 और 2021 के चुनावों में एक उग्रवादी संगठन की मदद ली थी. उन्होंने सवाल उठाया कि क्या यही बीजेपी का राष्ट्रवाद है.

नॉर्थ-ईस्ट के मुद्दे पर भी गोगोई ने सरकार को घेरा. उन्होंने कहा कि आपके सारे बड़े वादे नाकाम रहे. उन्होंने कहा, "आप NRC की बात करते हैं, आजतक NRC असम में लागू नहीं हुआ. आप CAA की बात करते हैं. आपने ऐसा माहौल बनाया कि जापान के एक पूर्व पीएम वहां नहीं जा पाए. नागा पीस वर्क को 8 साल हो गए, लेकिन आज तक हमने नहीं देखा कि इसमें आगे क्या हुआ."

मणिपुर पर बोलते हुए गौरव गोगोई ने कहा, "गृहमंत्री आज नागा विधायक से अलग से मिलते हैं, मणिपुर से आए कुकी विधायक से अलग से मिलते हैं. क्यों नहीं आप सबको एक साथ मिलकर बुलाते हैं, ताकि शांति व्यवस्था कायम की जा सके. ये अलग अलग बैठक क्यों. ऐसे नॉर्थ-ईस्ट की समस्या नहीं सुलझेगी."

गौरव गोगोई ने आगे कहा कि ऐसा हम पहली बार देख रहे हैं कि नॉर्थ-ईस्ट के दो राज्य असम और मिजोरम के पुलिसबल एक दूसरे पर गोली चला रहे हैं. ये आपकी राष्ट्रीय सुरक्षा की नीति है.

पीएम मोदी के मणिपुर पर मौन रहने के गौरव गोगोई ने तीन कारण बताए हैं-

  • पहला- राज्य सरकार विफल रही.

  • दूसरा- गृह विभाग और उनके सुरक्षा सलाहकार विफल रहे.

  • तीसरा- पीएम अपनी भूल कबूल करना नहीं चाहते हैं.

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पीएम मोदी का मौन रहना ये पहली बार नहीं है- गौरव गोगोई

गौरव गोगोई ने मणिपुर को लेकर पीएम मोदी की चुप्पी पर कई सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी का मौन रहना ये पहली बार नहीं है. उन्होंने एक-एक कर कई मुद्दे गिनाए जिनपर पीएम मोदी मौन रहे. उन्होंने कहा कि

  • इससे पहले जब गोल्ड मेडल लाने वाली महिला पहलवान, उनके एक सांसद की खिलाफ सड़क पर विरोध कर रहीं थीं, तब भी वह मौन थे.

  • जब किसान आंदोलन के दौरान 750 किसानों ने अपनी बलिदान दिया तब भी वह मौन थे.

  • जब साल 2020 में दिल्ली में दंगे हुए तब भी प्रधानमंत्री मौन थे.

  • जब अडानी पर इसी सदन में राहुल गांधी जी ने सवाल किया तो तब भी पीएम मोदी मौन थे.

  • जब हमने चीन पर सवाल किया कि चीन हमारी सीमा के कितने अंदर आया है, तो पीएम मोदी मौन रहे.

गौरव गोगोई ने कहा, "बाली में हुआ G-20 सम्मेलन में पीएम मोदी ने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से बात की थी. इस बात को भी वह छुपाना चाहते थे, लेकिन जब चीन के विदेश मंत्रालय की तरफ से बयान आया तो इन्होंने कहा कि हां पीएम मोदी, शी जिनपिंग से मिले थे. उन्होंने संवेदनशील मुद्दा उठाया था, लेकिन क्या पीएम मोदी बताएंगे कि उन्होंने ऐसी क्या बात की. इन्होंने उस बात का कभी उजागर नहीं किया."

गौरव गोगोई ने कहा, "जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल ने जब पुलवामा हमले को लेकर सुरक्षाबलों की सुरक्षा पर पीएम मोदी से बात की थी, तो उन्हें चुप रहने की सलाह दी गई थी. पूर्व राज्यपाल ने कहा था कि हमने पुलवामा के जवानों के लिए सुरक्षा मांगी थी, लेकिन हमें कोई सुरक्षा नहीं मिली. उस समय भी पीएम मोदी चुप रहे."

उन्होंने कहा कि जब कोविड के दौरान लोगों को संक्रमण फैल रहा था और लोगों को ऑक्सीजन की जरूरत थी, तब पीएम मोदी बंगाल में वोट मांग रहे थे. जब मणिपुर में महिलाओं पर अत्याचार हो रहा था तब पीएम मोदी कर्नाटक में वोट मांग रहे थे. ये कैसा राष्ट्रवाद है, जो देश से ऊपर अपनी सत्ता को महत्व देता है.

हमें सत्ता नहीं हमें शांति चाहिए- गौरव गोगोई

गौरव गोगोई ने नॉर्थ ईस्ट पर विस्तार से अपनी बात रखी. उन्होंने कहा, "इस देश के इतिहास में हमने दूसरे प्रधानमंत्री भी देखे. हमने ऐसे भी प्रधानमंत्री देखें हैं, जिन्होंने नॉर्थ-ईस्ट और भारत की संवेदना को समझा. मैं उदाहरण देना चाहता हूं. जब असम में हमारा असम समझौता हुआ 1985 में उस दौरान असम में हमारी कांग्रेस की सरकार थी. लेकिन, शांति की पहल के लिए उस समय के तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने कहा था कि कांग्रेस की सरकार बर्खास्त होनी चाहिए, हम एक निर्वाचन लाना चाहते हैं, ताकि शांति आगे बढ़े."

उन्होंने आगे कहा कि ये हमारा राष्ट्रवाद है कि दल से ऊपर देश हो. जब मिजो समझौता हुआ 1986 में तब मिजोरम में हमारी सरकार थी. लेकिन, राजीव गांधी जी ने लालडेंगा जी के साथ समझौता करके मिजो समझौता किया 1986 में निर्वाचित मुख्यमंत्री बने. ये है राष्ट्रवाद. हमें सत्ता नहीं हमें शांति चाहिए.

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Published: 08 Aug 2023,12:00 PM IST

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