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असम के बाद अब देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में भी नेशनल रजिस्टर सिटिजन्स (NRC) लागू हो सकती है. खुद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस बात का खुलासा किया है. उन्होंने कहा है कि अगर जरूरत पड़ी तो हम यूपी में भी NRC लागू करेंगे. इसके अलावा योगी आदित्यनाथ ने असम में एनआरसी के फैसले को काफी जरूरी और साहसिक फैसला बताया.
अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में सीएम योगी ने असम एनआरसी पर अपना रिएक्शन दिया. जिसमें उन्होंने कहा कि अगर जरूरत पड़ती है तो पूरे यूपी में अलग-अलग चरणों में एनआरसी लागू की जा सकती है. उन्होंने कहा कि मैं इस बहादुरी भरे फैसले के लिए पीएम मोदी और गृहमंत्री अमित शाह को बधाई देना चाहता हूं. यूपी में एनआरसी लागू करने पर योगी ने कहा-
योगी आदित्यनाथ पहले बीजेपी नेता नहीं हैं जो अपने राज्य में एनआरसी लागू करने की बात कर रहे हैं. इससे पहले भी कई बीजेपी नेता अपने राज्यों में इसे लागू करने की वकालत कर चुके हैं. दिल्ली बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी ने राजधानी दिल्ली में एनआरसी लागू करने की बात कही थी. उन्होंने कहा था,
"मेरा मानना है कि दिल्ली में एनआरसी का होना काफी जरूरी है. मेरा पूरा विश्वास है कि जो लोग घुसपैठिए आए हैं और दिल्ली में बस रहे हैं, वो पूरे देश में सबसे ज्यादा खतरनाक हैं. उन पर भी एनआरसी की कार्रवाई होनी ही चाहिए. बीजेपी की तरफ से हमारा यही मत है और समय मिलते ही हम इसको करके रहेंगे."
मनोज तिवारी के बाद हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर ने भी एनआरसी लागू करने की बात कही थी. उन्होंने कहा कि हम हरियाणा में भी एनआरसी लागू करेंगे.
एनआरसी की फाइनल लिस्ट में जिन लोगों के नाम नहीं है वो 120 दिनों के भीतर फॉरनर्स ट्रिब्यूनल में दावा कर सकेंगे. इसके बाद भी उनके सामने हाई कोर्ट और फिर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खुला रहेगा. हालांकि बीजेपी के नेताओं ने NRC की प्रक्रिया पर सवाल उठाया है. उनका कहना है कि बड़ी तादाद में यहां के लोगों के नाम इसमें नहीं हैं.
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Published: 16 Sep 2019,10:16 AM IST