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संसद के मॉनसून सत्र से पहले कांग्रेस समेत 13 विपक्षी पार्टियों की बैठक में राज्यसभा के उपासभापति के लिए किसी एक नाम पर चर्चा नहीं हो सकी. हालांकि सूत्रों के मुताबिक, विपक्ष साझा उम्मीदवार पर सहमत नजर आया. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद के नेतृत्व वाली इस बैठक में कुल 14 दल बुलाए गए थे, जिसमें से 13 शामिल हुए. बैठक में आम आदमी पार्टी को भी बुलाया गया था, लेकिन पार्टी ने शिरकत नहीं की.
बता दें कि बैठक में शामिल होने वाले 13 दलों के बूते विपक्ष को जीत नहीं मिल सकती है. दरअसल, बैठक में शामिल पार्टियों की राज्यसभा में कुल ताकत 102 सीटों की है लेकिन बहुमत के लिए 123 का आंकड़ा छूना होगा. ऐसे में सूत्र बताते हैं कि बीजेडी और टीआरएस से भी अंदरखाने बात चल रही है और मनाने की कोशिश जारी है.
18 जुलाई से शुरू हो रहे संसद के मॉनसून सत्र से पहले इस बैटक में विपक्षी पार्टियों ने सर्वसम्मति से फैसला किया कि ये सत्र चलना चाहिए. इसमें बेरोजगारी, किसान, दलित, ओबीसी, अल्पसंख्यकों से जुड़े मुद्दों और लिंचिंग की घटनाओं पर चर्चा होनी चाहिए. बैठक के बाद गुलाम नबी आजाद ने कहा,
उन्होंने कहा, अगर सरकार इस पर चर्चा नहीं करती है और फिर गतिरोध पैदा होता है तो इसके लिए विपक्ष जिम्मेदार नहीं होगा. अगर सरकार हमें अपने मुद्दे उठाने देती है और चर्चा करने देती है तो हमें कोई आपत्ति नहीं होगी.
गुलाम नबी आजाद ने इस बात पर जोर दिया कि विपक्षी पार्टियां सदन को चलते हुए देखना चाहती हैं. उन्होंने कहा कि पिछली बार संसद को सत्ताधारी पार्टी के कुछ सहयोगी दलों ने नहीं चलने दिया था.
ऐसे में पिछली बार से सीखकर गुलाम नबी आजाद बार- बार जाहिर करते नजर आए कि विपक्षी पार्टियां संसद को चलने देना चाहती हैं.
कांग्रेस
एनसीपी
AITC
बीएसपी
एसपी
आरजेडी
डीएमके
सीपीआई-एम
सीपीआई
जेडीएस
आरएसपी
केसीएम
आईयूएमलएल
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Published: 16 Jul 2018,10:03 PM IST