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भारतीय संसद में 13 दिसंबर को हुए सुरक्षा चूक मामले (Parliament Security Breach) के तीन दिन बाद, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला (Om Birla) ने संसद के सभी सदस्यों को एक पत्र लिखा है. इसमें उन्होंने कहा है कि सुरक्षा उल्लंघन और निचले सदन से 13 सांसदों के निलंबन के बीच कोई संबंध नहीं है. बता दें कि 13 दिसंबर को, दो व्यक्ति लोकसभा के दर्शक दीर्घा से सदन में कूद गए थे और कलर स्मोक का इस्तेमाल किया था. इसी दिन 2001 संसद हमले की 22वीं बरसी भी थी.
लोकसभा अध्यक्ष ने अपने बयान में कहा कि यह यकीनन दुर्भाग्यपूर्ण है कि कुछ सदस्य और राजनीतिक दल कुछ सदस्यों को सदन की सेवा से निलंबित करने के सदन के फैसले को 13 दिसंबर को हुई घटना से जोड़ रहे हैं. यह अनुचित है.
सभी सांसदों को संबोधित करते हुए अपने पत्र में ओम बिरला ने लिखा कि सदन के अंदर हुई घटना की गहन जांच के लिए एक उच्च स्तरीय जांच समिति का गठन किया गया है. कमेटी ने काम शुरू कर दिया है. इस कमेटी की रिपोर्ट जल्द ही सदन के साथ साझा की जाएगी.
उन्होंने आगे कहा कि
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने संसद सुरक्षा चूक मामले पर मीडिया से बात करते हुए कहा कि सुरक्षा चूक हुई है लेकिन यह क्यों हुई? देश में सबसे बड़ा मुद्दा, बेरोजगारी का मुद्दा है. मोदी जी की पॉलिसी के कारण युवाओं को रोजगार नहीं मिल रहा है. सुरक्षा चूक जरूर हुई है लेकिन इसके पीछे की वजह बेरोजगारी और मंहगाई है.
राहुल गांधी का पलटवार करते हुए बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने कहा कि राहुल गांधी कभी निराश नहीं करते, हमेशा फालतू बातें करते हैं. रिकॉर्ड के लिए, भारत में बेरोजगारी 3.2% है, जो छह वर्षों में सबसे कम है.
उन्होंने आगे कहा कि इसके बजाय राहुल गांधी और INDIA गठबंधन के नेताओं को संसद सुरक्षा उल्लंघन मामले में शामिल लोगों के कांग्रेस, टीएमसी और CPI (M) के साथ घनिष्ठ संबंधों के बारे में बताना चाहिए. विशेष रूप से राहुल गांधी को असीम सरोदे के साथ अपने संबंध को साफ करना चाहिए, जो भारत जोड़ो यात्रा का हिस्सा थे और उन्होंने घुसपैठियों को कानूनी सहायता प्रदान करने की पेशकश की थी.
बता दें कि दिल्ली पुलिस ने छठवे आरोपी महेश कुमावत को 16 दिसंबर को गिरफ्तार किए. इसके बाद पटियाला हाउस कोर्ट में उसे पेश किया गया. कोर्ट ने आरोपीय कुमावत को सात दिनों की पुलिस कस्टडी में भेज दिया है.
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