advertisement
संसद के विशेष सत्र (Parliament Special Session) की शुरुआत हो चुकी है. पीएम मोदी के संबोधन के साथ संसद के इस सत्र की शुरुआत हुई. उन्होंने परंपरा के अनुसार, सत्र शुरू होने से पहले संसद के बाहर अपना संबोधन दिया और इसके बाद 11 बजे से सदन की कार्यवाही भी उनके भाषण से ही शुरू हुई.
उन्होंने संसद की पुरानी इमारत पर बोलते हुए कहा, "आजादी से पहले ये सदन इंपिरियल लेजिस्लेटिव काउंसिल का स्थान था, आजादी के बाद इसे संसद भवन के रूप में पहचान मिली. इसे निर्माण करने का फैसला विदेशी शासकों का था, लेकिन इसके निर्माण में पसीना, परिश्रम और पैसे देश के लोगों के लगे थे."
पुरानी संसद से पीएम मोदी ने जवाहर लाल नेहरू से लाल बहादुर शास्त्री, इंदिरा गांधी, मनमोहन सिंह और अटल बिहारी वाजपेयी सरकार की उपलब्धियों का भी जिक्र किया. पीएम मोदी ने पुराने भवन में 50 मिनट की आखिरी स्पीच दी. इस दौरान उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्रियों को याद करते हुए कहा,
उन्होंने कहा कि हम नए संसद में जाएंगे, लेकिन पुराना भवन भी आने वाली पीढ़ियों को हमेशा प्रेरणा देता रहेगा. पीएम मोदी ने कहा कि चारों तरफ भारत के उपलब्धियों की चर्चा गौरव के साथ हो रही है. ये हमारे 75 सालों के सामुहिक प्रयास है.
पीएम मोदी ने कहा कि G20 की सफलता किसी व्यक्ति या दल की सफलता नहीं है, ब्लकि 140 करोड़ लोगों की सफलता है.
उन्होंने कहा, मैं उस इमोशनल पल को भूल नहीं सकता, जब अफ्रीकन यूनियन के अध्यक्ष ने एक इंटरव्यू में कहा कि मैं अपने जीवन में ऐसी उपलब्धि हासिल नहीं कर पाता.
पीएम मोदी ने कहा, "इस सदन से विदाई लेना भावुक पल हैं. परिवार भी अगर पुराना घर छोड़कर नए घर में जाता है तो कई यादें उन्हें झकझोर देती हैं. इस संसद को छोड़ते वक्त हमारा मन भी बहुत से यादों से भरा है... ये हम सब की साझी विरासत है इसलिए इसका गौरव भी हम सब का साझा है."
उन्होंने आगे कहा- मैं पहली बार सांसद बना तो संसद भवन को झुककर नमन किया. वो पल मेरे लिए भावनाओं के भरे थे. मैं कल्पना नहीं कर सकता था. ये भारत की ताकत है कि रेलवे प्लेटफॉर्म पर गुजारा करने वाला एक गरीब बच्चा संसद तक पहुंच गया.
पीएम मोदी ने कहा कि, अनेक ऐतिहासिक निर्णय और दशकों से लंबित विषय का स्थाई समाधान भी इसी सदन में हुआ. अनुच्छेद 370 भी इसी सदन में हुआ. वन रैंक वन पेंशन, वन नेशन वन टैक्स, GST का निर्णय, गरीबों के लिए 10% आरक्षण भी इसी सदन में हुआ.
उन्होंने कहा कि, वर्तमान सांसदों के लिए यह विशेष सौभाग्य का विषय है और वह इसलिए क्योंकि हमें इतिहास और भविष्य दोनों की कड़ी का हिस्सा होने का अवसर मिला है. हम नए संसद में जाएंगे तो एक नए विश्वास के साथ जाएंगे. मैं सभी सदस्यों और अन्य के द्वारा दिए गए अपने योगदान के लिए धन्यवाद करता हूं.
जब आतंकी (संसद भवन पर) हमला हुआ यह आतंकी हमला किसी इमारत पर नहीं बल्कि एक प्रकार से लोकतंत्र की जननी, हमारी जीवित आत्मा पर हमला था. उस घटना को देश कभी नहीं भूल सकता. मैं उन लोगों को भी नमन करता हूं जिन्होंने आतंकवादियों से लड़ते हुए संसद और उसके सभी सदस्यों की रक्षा के लिए अपने सीने पर गोलियां खाईं.
पीएम मोदी ने संसद में अपने भाषण में देश के पूर्व प्रधानमंत्रियों को याद किया. उन्होंने कहा,
पीएम मोदी ने पुरानी संसद के अपने आखिरी भाषण में विपक्ष पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा, "बहुत सी बातें ऐसी थी जो सदन में हर किसी की तालियों की हकदार थी. लेकिन शायद उसमें भी राजनीति आगे आ गई. नेहरू जी का गुणगान अगर इस सदन में होगा, तो कौन सदस्य होगा जो उस पर ताली नहीं बजाएगा."
संसद के विशेष सत्र की शुरुआत से पहले पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा है कि अब सभी फैसले नए संसद भवन में होंगे. उन्होंने चंद्रयान की सफलता पर बात करते हुए कहा, 'चंद्रयान-3 ने हमारा तिरंगा फहरा दिया है, शिव शक्ति प्वाइंट प्रेरणा का नया केंद्र बन गया है, तिरंगा प्वाइंट हमें गर्व से भर रहा है.' जब ऐसी कोई उपलब्धि हासिल होती है तो दुनिया उसे आधुनिकता, विज्ञान और तकनीक से जोड़कर देखती है.
उन्होंने कहा कि ये सत्र अनेक प्रकार से महत्वपूर्ण है. सभी सांसदों से आग्रह है कि उनका ज्यादा से ज्यादा समय मिले. उन्होंने विपक्ष के सहयोग की उम्मीद जताते हुए कहा, "उमंग - उत्साह के वातावरण में मिले. रोने- धोने के लिए बहुत समय होता है, करते रहिए."
उन्होंने आगे कहा, "कल गणेश चतुर्थी पर हम नई संसद में जाएंगे. भगवान गणेश को 'विघ्नहर्ता' भी कहा जाता है, अब देश के विकास में कोई बाधा नहीं आएगी... निर्विघ्न रूप से सारे सपने, सारे संकल्प भारत परिपूर्ण करेगा...संसद का यह सत्र भले ही छोटा हो, लेकिन इसका दायरा ऐतिहासिक है"
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)
Published: 18 Sep 2023,11:30 AM IST