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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में अपने भाषण में विपक्षियों पर जमकर निशाना साधा. साथ ही पीएम ने अपने भाषण में नागरिकता कानून, राम मंदिर, आर्टिकल 370 और ट्रिपल तलाक जैसे मुद्दों पर अपनी बात रखी. पीएम मोदी ने पंडित जवाहर लाल नेहरू का जिक्र करते हुए कहा कि नेहरू जी इनते बड़े विचारक थे, फिर उन्होंने उस समय वहां के अल्पसंख्यकों की जगह, वहां के सारे नागरिक को समझौते में शामिल क्यों नहीं किया?जो बात हम आज बता रहे हैं, वही बात नेहरू जी की भी थी. क्या पंडित नेहरू सांप्रदायिक थे?
अब प्रधानमंत्री मोदी के बयान पर अलग-अलग सियासी प्रतिक्रियाएं आ रही हैं. राहुल गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी, जवाहर लाल नेहरू से लेकर पाकिस्तान तक पर बात करके लोगों का ध्यान भटका रहे हैं, रोजगार पर एक शब्द भी नहीं बोलते.
राहुल गांधी ने कहा कि पहले सरकार इकनॉमी, मेक इन इंडिया, 5 ट्रिलियन इकनॉमी जैसी बात करती थी लेकिन अब प्रधानमंत्री मुद्दों पर बात नहीं करते. प्रधानमंत्री और वित्तमंत्री दोनों हीं युवाओं को रोजगार देने में और इकनॉमी को पटरी पर लाने में नाकाम हैं.
टीएमसी सासंद महुआ मित्रा ने पीएम मोदी के भाषण को फेयरी टेल और औसत दर्जे का बताया. मोइत्रा ने कहा कि जब वो कश्मीर की आजादी और संवैधानिक मूल्यों की बात कर रहे थे तो विडंबना थी कि वहां J&K के सबसे पुराने, वरिष्ठ निर्वाचित सदस्य फारूक अब्दुल्ला मौजूद नहीं थे. हम तो ये भी नहीं जानते कि वो कहां हैं. J&K को भाषण में शामिल करना हास्यास्पद लगा.
पीएम मोदी के भाषण पर समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव का कहना है कि दिल्ली में चुनाव है इसलिए पीएम मोदी लंबा भाषण दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि गंगा के बारे में उन्होंने एक शब्द नहीं कहा.
बता दें कि पीएम मोदी ने अपने भाषण के दौरान अपने कार्यकाल की उपलब्धियां भी गिनाईं.
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