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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साफ कर दिया है कि आने वाले दिनों में भारतीय जनता पार्टी के पॉलिटिक्ल एजेंडे का फोकस देश का गरीब ही रहने वाला है. रविवार को बीजेपी के दिल्ली दफ्तर में मनाए गये जीत के जश्न के दौरान पीएम मोदी ने जोर देकर कहा कि
‘मोदी-मोदी’ के गरजते नारों और बरसते फूलों के बीच प्रधानमंत्री का भाषण तीन खास बिंदुओं के इर्दगिर्द रहा-
· गरीब
· न्यू इंडिया
· मिशन 2022
उन्होंने कहा कि पांच राज्यों के चुनाव नतीजों ने एक नए हिंदुस्तान की नींव रखी है और इस ’न्यू इंडिया’ में गरीबों को नए मौके मिलेंगे.
प्रधानमंत्री ने ये भी संदेश दिया कि गरीब वोट को साथ लेकर चलने के चक्कर में वो अपने पारंपरिक वोट बैंक यानी मध्यम वर्ग को अनदेखा नहीं करने वाले. इसीलिए उन्होंने मध्यम वर्ग पर पड़ने वाले टैक्स के आर्थिक बोझ को कम करने की बात तो कही. लेकिन कहा कि ऐसा गरीबों को मजबूत करने से ही मुमकिन होगा. पीएम मोदी ने कहा कि
इससे पहले स्वागत समारोह में बोलते हुए बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने उज्जवला योजना और जनधन अकाउंट जैसी गरीब समर्थक योजनाओं का जिक्र करते हुए दोहराया कि
अमित शाह ने भी करीब 7 बार गरीब शब्द का इस्तेमाल किया.
दरअसल यूपी और उत्तराखंड में बीजेपी को मिले तीन-चौथाई बहुमत के पीछे यही राज माना जा रहा है कि नरेंद्र मोदी ने बीजेपी पर लगा ‘सवर्ण-शहरी’ पार्टी का तमगा हटा दिया है. अब गरीब जाति (दलित और पिछड़े) की सरहद से निकलकर बीजेपी को वोट दे रहे हैं.
नए मिले इस पॉलिटिकल डिविडेंड को बीजेपी आसानी से हाथ से निकलने देना नहीं चाहती. लिहाजा आने वाले दिनों में गरीबों के लिए डायरेक्ट बेनिफिट की योजनाओं का पिटारा केंद्र और यूपी सरकार की तरफ से खुल जाए तो कोई हैरानी नहीं होनी चाहिए.
करीब पैंतीस मिनट भाषण चले भाषण में पीएम मोदी ने कई बार ’न्यू इंडिया’ शब्द का भी इस्तेमाल किया. दरअसल इशारों में वो एलान कर रहे थे कि उत्तर प्रदेश में बीजेपी को मिला बंपर बहुमत देश की पॉलिटिक्स के नए रूप का सबूत है जिसमें विपक्षियों के लिए कोई जगह नहीं है. उन्होंने जोर देकर कहा कि
उत्तर प्रदेश में बीजेपी को मिले दो-तिहाई बहुमत के बाद माना जा रहा है कि अब पार्टी साल 2019 के लोकसभा चुनावों की तरफ कदम बढ़ाएगी. लेकिन आत्मविश्वास से लबरेज पीएम मोदी उससे भी आगे निकल गए.
उन्होंने कहा कि अगले पांच साल यानी 2022 में भारत की आजादी के पचहत्तर साल पूरे हो रहे हैं. तब तक भारत के सपनों को पूरा करने के लिए विकास का आंदोलन पैदा करना है.
प्रधानमंत्री के इस रोडमैप से साफ है कि भले ही ढाई साल बाकि हो लेकिन वो 2019 के लोकसभा चुनावों को अब अपनी झोली में ही मानकर चल रहे हैं.
नतीजों से पहले कई जानकार बीजेपी को पूर्ण बहुमत ना मिलने की दलीलें पेश कर रहे थे. प्रधानमंत्री मोदी ने उन तमाम लोगों पर ताना कसने का मौका भी नहीं छोड़ा. उन्होंने कहा कि भारी मतदान के बाद बीजेपी को मिली भारी जीत पॉलिकल पंडितों को सोचने पर मजबूर कर रही है.
पीएम मोदी ने दोहराया कि बीजेपी का ‘सबका साथ-सबका विकास’ का नारा लोगों को भा रहा है इसीलिए यूपी चुनाव में कोई इमोशनल मुद्दा ना होते हुए भी लोगों ने भारी संख्या में वोटिंग की और बीजेपी को जिताया.
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Published: 12 Mar 2017,10:27 PM IST