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कृषि से जुड़े विधेयकों का पंजाब में काफी विरोध हो रहा है, क्योंकि किसान और व्यापारियों को इससे एपीएमसी मंडियां खत्म होने की आशंका है. यही वजह है कि प्रदेश के प्रमुख राजनीतिक दलों ने कृषि विधेयकों का विरोध किया है. केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने कृषि से जुड़े विधेयकों के विरोध में मोदी कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया है.
हरसिमरत कौर के इस्तीफे पर कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने ट्वीट किया, ‘अकाली दल को प्रतीकात्मक दिखावे से आगे बढ़ सच के साथ खड़े होना चाहिए. जब किसान विरोधी अध्यादेश मंत्रीमंडल में पारित हुए तो हरसिमरत जी ने विरोध क्यों नही किया? आप लोकसभा से इस्तीफा क्यों नही देते? अकाली दल मोदी सरकार से समर्थन वापिस क्यों नही लेता? प्रपंच नही, किसान पक्ष लें’
बीजेपी में आर्थिक मामलों के राष्ट्रीय प्रवक्ता गोपाल कृष्ण अग्रवाल ने बताया
मौजूदा संसद सत्र मोदी सरकार कृषि क्षेत्र से जुड़े तीन प्रमुख बिल लेकर आई है, जिसका विपक्ष विरोध कर रहा है. पहला बिल है अत्यावश्यक वस्तु अधिनियम का. दूसरा, द फार्मर्स प्रोड्यूस ट्रेड एंड कॉमर्स (प्रोमोशन एंड फेसिलिटेशन) नाम का बिल है, इसके जरिये हर किसी को कृषि उत्पाद खरीदने-बेचने की अनुमति देने की मंशा है.
बादल ने बताया कि इस बिल से 20 लाख से ज्यादा किसानों पर असर पड़ेगा, 3 लाख से ज्यादा मंडी मजदूरों पर असर पड़ेगा और 20 लाख खेती मजदूरों पर इस बिल का असर पड़ने वाला है.
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