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ओपी राजभर (OP Rajbhar) और अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) की दूरियां बढ़ती जा रही हैं. समाजवादी पार्टी (SP) और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (SBSP) के बीच गठबंधन टूटने की खबरों के बीच ओपी राजभर ने NDA की राष्ट्रपति उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को समर्थन देने का ऐलान कर दिया है. जिस प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने ये ऐलान किया, उसमें उन्होंने जो बातें बताईं और जिस अंदाज में SP गठबंधन पर बोले, उससे संकेत मिल रहे हैं कि अखिलेश यादव से उनके रिश्ते तल्ख होते जा रहे हैं.
ओपी राजभर ने बताया कि द्रौपदी मुर्मू के अलावा उनसे यूपी के सीएम योगी ने भी राष्ट्रपति चुनाव में समर्थन मांगा. इतना ही नहीं राजभर ने बताया कि खुद देश के गृहमंत्री अमित शाह ने भी उन्हें फोन किया और द्रौपदी मुर्मू के लिए समर्थन मांगा. राजभर की मानें तो अमित शाह ने उन्हें फिर दिल्ली बुलाया और वो गए भी गृह मंत्री से मिले. इन सबके बाद 15 जुलाई को राजभर ने द्रौपदी मुर्मू को समर्थन देने का ऐलान कर दिया.
इस सवाल पर ओपी राजभर ने हंसते हुए कहा-अभी नहीं. उन्होंने फिर से हंसते हुए दोहराया-''अभी नहीं''. उनके शब्द कुछ और थे और उनका अंदाज कुछ और था. मानो वो मजाक उड़ा रहे हों. जब उनसे पूछा गया कि क्या उन्हें निकाले जाने का इंतजार है तो उन्होंने कहा कि किसी की औकात नहीं है कि उन्हें निकालें.
माना जा रहा है कि पहले विधानसभा चुनाव और फिर उपचुनाव में मिली हार के कारण SBSP और अखिलेश के बीच दूरियां आई हैं. वैसे भी अब राजभर के लिए इस गठबंधन में अगले पांच साल तक कुछ बचा नहीं है.
अमित शाह से मुलाकात और योगी से बात का मतलब निकाला जा रहा है. इसे बीजपी के खेमे की तरह उनके बढ़ते कदम और अखिलेश से दूर होने के तौर पर देखा जा रहा है. कुछ दिन राजभर ने कहा था कि उन्हें अखिलेश से तलाक का इंतजार है. अब लग रहा है इसकी औपचारिकता बाकी रह गई है.
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