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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ( PM Narendra Modi) द्वारा तीनों कृषि कानूनों को वापस लिए जाने की घोषणा के बाद से विपक्ष की बयानबाजी तेज हो गई है. इस बीच प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है.
प्रियंका ने प्रधानमंत्री से अपील की है कि वे लखनऊ में ऑल इंडिया डीजी-आईजीपी कॉन्फ्रेंस में शामिल ना हों, क्योंकि वहां लखीमपुर घटना के आरोपी आशीष मिश्रा के पिता और केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा 'टेनी' भी शामिल हो रहे हैं.
प्रियंका गांधी ने खत में लिखा है कि प्रधानमंत्री को उनके साथ मंच साझा करने के बजाए, उन्हें बर्खास्त करना होगा.
वो आगे लिखती हैं, "मैं लखीमपुर के शहीद किसानों के परिजनों से मिली हूं. वे असहनीय पीड़ा मे हैं. सभी परिवारों को सिर्फ अपने शहीद परिजनों के लिए न्याय चाहिए और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री के पद पर बने रहते हुए उन्हें न्याय की कोई आस नहीं है."
वे लिखती हैं "लखीमपुर किसान नरसंहार मामले में जांच की हालिया स्थिति उन परिवारों की आशंका को सही साबित करती है. देश की कानून व्यवस्था के जिम्मेदार गृहमंत्री अमित शाह और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आपके उसी मंत्री के साथ मंच साझा कर रहे हैं."
प्रधानमंत्री को लिखे गए पत्र में प्रियंका ने कहा "आप देश के किसानों के प्रति अपनी जिम्मेदारी अच्छी तरह से समझते होंगे. हर देशवासी के लिए न्याय सुनिश्चित करना प्रधानमंत्री का कर्तव्य ही नहीं, उनका नैतिक दायित्व होता है."
उन्होंने आगे कहा, "केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी अभी भी आपके मंत्रिमंडल में अपने पद पर बने हुए हैं. यदि आप इस कॉन्फ्रेंस में आरोपी के पिता के साथ मंच साझा करते हैं तो पीड़ित परिवारों को स्पष्ट संदेश जाएगा कि आप अभी भी कातिलों का संरक्षण करने वालों के साथ खड़े हैं. यह किसान सत्याग्रह में शहीद 700 से अधिक किसानों का घोर अपमान होगा."
पत्र के आखिर में उन्होंने कहा "देशभर में किसानों पर हुए मुकदमों को वापस लीजिए और सभी शहीद किसानों के परिवारों को आर्थिक अनुदान दीजिए".
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