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पंजाब (Punjab) में 28 सितंबर को कांग्रेस (Congress) प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) के इस्तीफे से दिन भर सियासी भूचाल मचा रहा.
नवजोत सिंह सिद्धू ने कैबिनेट विस्तार के बाद अचानक कांग्रेस अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखकर अपने प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया. किसी को इस बात की कानो कान खबर नहीं थी कि सिद्धू इस्तीफा देने जा रहे हैं, ऐसे में खुद कांग्रेस के लिए भी ये बड़ा झटका था.
8 घटनाओं के जरिए समझते हैं कि दिन भर पंजाब कांग्रेस में सिद्धू के इस्तीफे के बाद क्या-क्या हुआ...
पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के मंत्रिमंडल के पहले विस्तार, विभागों के आवंटन और महाधिवक्ता सहित महत्वपूर्ण पदों पर नियुक्तियों से नाखुश, राज्य कांग्रेस प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया. वह इस पद पर मात्र 71 दिन रहे.
पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को लिखे पत्र में, सिद्धू ने लिखा, "एक आदमी के चरित्र का पतन समझौता कर लेने से होता है, मैं पंजाब के भविष्य और पंजाब के कल्याण के एजेंडे से कभी समझौता नहीं कर सकता."
मैं पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देता हूं. कांग्रेस की सेवा करना जारी रखूंगा.
पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता अमरिंदर सिंह, सिद्धू के इस्तीफे के बाद काफी खुश नजर आए उन्होंने सिद्धू की मजेदार अंदाज में चुटकी लेते हुए ट्विटर पर लिखा कि,
सिद्धू के इस्तीफे पर बयानबाजी से आम आदमी पार्टी भी पीछे नहीं रही. आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता राघव चड्ढा ने ट्वीट कर कांग्रेस सरकार पर हमला बोला, उन्होंने लिखा,
पंजाब 'आप' ने ट्वीट कर लिखा, कांग्रेस "भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस" नहीं है यह "भारतीय राष्ट्रीय सर्कस" बन गया है "
सिद्धू के प्रदेश अध्यक्ष का पद छोड़ने के बाद से उनके समर्थकों ने भी इस्तीफा देना शुरू कर दिया. सिद्धू के पद छोड़ने के कुछ घंटों बाद रजिया सुल्ताना ने कैबिनेट मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया उन्होंने चरणजीत सिंह चन्नी को भेजे पत्र में लिखा कि वह सिद्धू के साथ एकजुटता दिखाते हुए इस्तीफा दे रही हैं.
इसके अलावा पंजाब कांग्रेस के महासचिव (प्रभारी प्रशिक्षण) गौतम सेठ ने भी अपने पद से इस्तीफा दे दिया.
इन सबके बीच अटकलबाजी शुरू हुई कि पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह दिल्ली में गृहमंत्री अमित शाह और बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात करने वाले हैं. उनके बीजेपी में शामिल होने के भी कयास लगाए जाने लगे.
जब कैप्टन अमरिंदर सिंह की बीजेपी नेताओं से मुलाकात की अटकलें जोर पकड़ने लगी तो कैप्टन खुद सामने आये और इस पर सफाई दी.
उन्होंने कहा कि पंजाब के हालात पर मेरी पूरी नजर है. जल्द बड़ा फैसला लूंगा. वहीं बीजेपी में शामिल होने को लेकर चल रही अटकलों पर कैप्टन ने कहा कि "मैं दिल्ली में किसी से मिलने नहीं बल्कि अपना घर खाली कराने आया हूं"
अमरिंदर सिंह ने ये भी कहा कि सिद्धू चरणजीत सिंह चन्नी पर हावी होना चाहते थे, कोई भी मुख्यमंत्री इसे सहन नहीं कर सकता.
दिन भर हाई वोल्टेज सियासी ड्रामा चलने के बाद शाम होते-होते ऐसी भी खबरें आने लगी कि सिद्धू का इस्तीफा कांग्रेस आलाकमान ने अभी मंजूर नहीं किया है.
पार्टी विधायकों ने कहा कि राज्य स्तर पर इस विवाद को सुलझाने के निर्देश दिए हैं. इसके बाद ही सिद्धू के इस्तीफे पर कोई फैसला होगा. कांग्रेस विधायक सुखपाल सिंह खैरा ने कहा कि, हम नवजोत सिंह सिद्धू से अनुरोध करेंगे कि वो अपना इस्तीफा वापस लें. इसके साथ ही हम पार्टी हाईकमान से उम्मीद करते हैं कि एक अच्छा नेता हमें पंजाब में मिला है,आप इनकी शिकायतों का निवारण करें.
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