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अगले महीने पंजाब (Punjab) में विधानसभा चुनाव होने वाला है, और सभी राजनीतिक दल अपने-अपने स्तर पर तैयारियां करने में लगे में लगे हुए हैं. इसी बीच कांग्रेस के मुख्यमंत्री पद के चेहरे को लेकर सुर्खियां बनी हुई हैं. सूत्रों के मुताबिक द क्विंट को पता चला है कि चरणजीत सिंह चन्नी को पंजाब में कांग्रेस के मुख्यमंत्री पद के चेहरे के रूप में घोषित किया जा सकता है.
कांग्रेस के एक सूत्र ने द क्विंट को बताया कि यह लगभग तय हो चुका है, लेकिन अभी कुछ औपचारिकता बची हुई हैं, जिन पर काम किया जाना बाकी है.
सूत्रों के मुताबिक पार्टी के लिए मुख्यमंत्री पद का चुनाव चन्नी और सिद्धू के बीच नहीं था, बल्कि चन्नी को अब चेहरा घोषित करने और चुनाव के बाद के फैसले को छोड़ने के बीच था.
लेकिन कहा जा रहा है कि पंजाब यूनिट के कई नेताओं ने अपने पंजाब दौरे के वक्त कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को बताया कि पार्टी के लिए मुख्यमंत्री पद के चेहरे का ऐलान करना बेहद जरूरी है. इसकी वजह यह भी हो सकती है कि हाल ही में आम आदमी पार्टी ने भगवंत मान को सीएम पद के चेहरे के रूप में घोषित किया है.
27 जनवरी को राहुल गांधी के ट्वीट ने साफ कर दिया कि कांग्रेस पार्टी पंजाब के सीएम पद के चेहरे का ऐलान पहले ही कर सकती है.
]राहुल गांधी ने अपने ट्वीट में लिखा कि चन्नी जी, सिद्धू जी, पंजाब की जनता और कांग्रेस कार्यकर्ता चाहते हैं कि हम CM उम्मीदवार का नाम घोषित करें. मेरा वादा है कि जल्द ही आप सभी की पसंद का एक नाम आपके सामने रखेंगे. पंजाब के बाकी सभी नेता और मैं मिलकर नई सरकार को मजबूत करेंगे.
बेशक, इसके अलावा भी कोई हो सकता है, लेकिन ऐसी कई वजहें हैं कि कांग्रेस पार्टी मुख्यमंत्री पद के चेहरे के रूप में चन्नी को चुन सकती है.
1. वह राज्य में अब तक के सबसे लोकप्रिय कांग्रेस नेता हैं. कई जनमत सर्वेक्षणों और पार्टी के अपने आंतरिक सर्वेक्षणों से पता चला है कि चन्नी न सिर्फ अन्य कांग्रेस नेताओं से आगे हैं, बल्कि भगवंत मान और सुखबीर बादल जैसे अन्य दलों के प्रतिद्वंद्वियों से भी मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में आगे हैं.
2. थोड़े ही समय में चन्नी ने कांग्रेस को उस हार से बचाने में मदद की है, जो पार्टी के सामने निश्चित हार के रूप में आई थी, जब एक बेहद अलोकप्रिय नेता कैप्टन अमरिंदर सिंह सत्ता में थे.
3. कांग्रेस में एक डर है कि चन्नी के नाम का ऐलान न करने से दलितों में गलत संदेश जाएगा कि पार्टी के चुनाव जीतने पर उन्हें सीएम नहीं बनाया जा सकता है. आम आदमी पार्टी के चीफ अरविंद केजरीवाल पहले से ही आरोप लगाते रहे हैं कि कांग्रेस ने 2009 में महाराष्ट्र में जो किया था उसे दोहरा सकती है. जब वह एक दलित सीएम सुशील कुमार शिंदे के नेतृत्व में चुनाव में गई थी, लेकिन जीत के बाद, उसने मराठा नेता विलासराव देशमुख को सीएम बना दिया.
4. पार्टी अन्य राज्यों में भी दलितों में अपना पैर जमाने के लिए पंजाब के पहले दलित सीएम की नियुक्ति की है. उत्तराखंड में पार्टी के शीर्ष नेता हरीश रावत चन्नी की मुख्यमंत्री के रूप में नियुक्ति और इस मामले में पंजाब के कांग्रेस प्रभारी के रूप में उनकी अपनी भूमिका पर जोर देते रहे हैं. यह उत्तराखंड में बड़े पैमाने पर दलित वोट के उद्देश्य के रूप में देखा जा सकता है. पार्टी उत्तर प्रदेश में भी इसका फायदा उठाने की कोशिश कर सकती है.
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