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हेराल्ड, राफेल, RSS...राहुल गांधी पर कितने मुकदमे चल रहें, कहां पहुंची सुनवाई?

Rahul Gandhi पर पहले भी उनके बयानों के लिए मानहानि के मुकदमा हुए और उन्हें कोर्ट-कचहरी का सामना करना पड़ा.

मोहम्मद साक़िब मज़ीद
पॉलिटिक्स
Published:
<div class="paragraphs"><p>हेराल्ड, राफेल, RSS...राहुल गांधी पर कितने मुकदमे चल रहें, कहां पहुंची सुनवाई? </p></div>
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हेराल्ड, राफेल, RSS...राहुल गांधी पर कितने मुकदमे चल रहें, कहां पहुंची सुनवाई?

(Photo: Altered by Quint Hindi)

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कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) को गुरुवार, 23 मार्च को सूरत की एक कोर्ट (Surat Court) ने 'मोदी सरनेम' बयान को लेकर दोषी ठहराया और 2 साल की सजा सुनाई. राहुल गांधी को इस मामले में 1 महीने की जमानत भी मिल गई थी लेकिन शुक्रवार, 24 मार्च को राहुल गांधी को बड़ा झटका देते हुए लोकसभा सचिवालय ने उनकी संसद की सदस्यता रद्द कर दी.

इससे पहले भी राहुल गांधी पर कई मुकदमे दायर हुए हैं और उन्हें कोर्ट-कचहरी का सामना करना पड़ा है. इनमें ज्यादातर ऐसे मुकदमे शामिल हैं, जो बीजेपी नेताओं और RSS कार्यकर्ताओं द्वारा दर्ज करवाए गए हैं.

नेशनल हेराल्ड मामले में आरोपी

साल 2012 में बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने पार्टी फंड से राहुल और सोनिया को 90 करोड़ रुपए दिए थे. इसका मकसद एसोसिएट जर्नल्स की 2 हजार करोड़ की संपत्ति हासिल करना था. आरोप लगाया कि इसके लिए गांधी परिवार ने महज 50 लाख रुपए की मामूली रकम दी थी.

इस पर कांग्रेस ने कहा कि AJL को दिया गया उसका लोन अधिनियम के प्रावधानों का उल्लंघन नहीं करता है क्योंकि लोन बिना किसी व्यावसायिक हित के नेशनल हेराल्ड को पुनर्जीवित करने के लिए था.

प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने 03 जुलाई, 2022 को कांग्रेस पार्टी के नेतृत्व वाले नेशनल हेराल्ड अखबार (National Herald newspaper) के कार्यालय में यंग इंडिया (Young India) के परिसर को सील कर दिया और आदेश दिया कि एजेंसी की पूर्व अनुमति के बिना इस एरिया को नहीं खोला जाएगा. इससे पहले इस मामले में ED ने सोनिया गांधी और राहुल गांधी से भी पूछताछ की थी.

कानूनी तौर पर अब तक क्या-क्या हुआ?

  • 1 नवंबर 2012 को दिल्ली कोर्ट में सुब्रमण्यम स्वामी ने केस दर्ज कराया, जिसमें सोनिया-राहुल के अलावा मोतीलाल वोरा, ऑस्कर फर्नांडिस, सुमन दुबे और सैम पित्रोदा आरोपी बनाए गए.

  • 26 जून 2014 को मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट ने सोनिया-राहुल समेत सभी आरोपियों के खिलाफ समन जारी किया.

  • समन में कोर्ट ने कहा था कि लगता है एसोसिएटेड जर्नल्स की 2000 करोड़ रुपए की प्रॉपर्टी का कंट्रोल हासिल करने के मकसद से यंग इंडियन बनाई गई.

  • 1 अगस्त 2014 को ED ने इस मामले में संज्ञान लिया और मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया.

  • मई 2019 में इस केस से जुड़े 64 करोड़ की संपत्ति को ED ने जब्त किया.

  • 19 दिसंबर 2015 को इस केस में सोनिया, राहुल समेत सभी आरोपियों को दिल्ली पटियाला कोर्ट से जमानत मिली.

  • अक्टूबर 2018 में, केंद्र ने एजेएल को हेराल्ड हाउस से बेदखल करने के लिए 56 साल पुराने स्थायी पट्टे को यह कहते हुए समाप्त कर दिया कि इसका उपयोग व्यावसायिक गतिविधियों के लिए किया गया था.

  • मई 2019 को, ईडी ने गुरुग्राम में 64 करोड़ रुपये की नेशनल हेराल्ड संपत्तियों को स्थायी रूप से कुर्क कर दिया.

  • 2020 में मुंबई में 16.38 करोड़ रुपये की संपत्ति भी कुर्क की गई थी.

  • 2022 में, एजेंसी ने जांच के हिस्से के रूप में मामले के आरोपियों से पूछताछ शुरू की. हालांकि ईडी ने कांग्रेस नेताओं राहुल गांधी और सोनिया गांधी से पूछताछ पूरी कर ली है.

National Herald case क्या है? और इससे जुड़ी पूरी जानकारी के लिए यहां क्लिक करें.

महात्मा गांधी की हत्या से जुड़े कथित बयान पर मानहानि का मुकदमा

आरएसएस के एक सदस्य राजेश कुंटे ने राहुल गांधी पर उनके कथित बयान को लेकर मानहानि का केस दर्ज करवाया था. राहुल गांधी पर आरोप लगा कि उन्होंने महात्मा गांधी की हत्या के लिए आरएसएस को जिम्मेदार बताया था. यह मामला 6 मार्च, 2014 को भिवंडी में हुई एक चुनावी रैली में राहुल गांधी के कथित बयान से जुड़ा है.

महाराष्ट्र के भिवंडी की एक कोर्ट ने इस मामले में राहुल गांधी को जमानत दे दी. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया कि राहुल गांधी को कोर्ट में अपनी बात साबित करने के लिए मुकदमे का सामना करना होगा.

मामले के सुप्रीम कोर्ट में पहुंचने के बाद राहुल गांधी के वकील द्वारा कहा गया कि उनका इरादा पूरे आरएसएस पर मोहनदास महात्मा गांधी की हत्या का आरोप लगाने का नहीं था.

कपिल सिब्बल ने कोर्ट से कहा कि राहुल के बयान से यह निष्कर्ष निकलता है कि उन्होंने कभी भी आरएसएस पर गांधी की हत्या के लिए एक संस्था के रूप में आरोप नहीं लगाया.

India Today की रिपोर्ट के मुताबिक इसके बाद कोर्ट ने कहा कि राहुल ने कभी भी आरएसएस को दोष नहीं दिया.

इस दौरान मानहानि का मुकदमा दायर करने वाले आरएसएस कार्यकर्ता ने राहुल के खिलाफ मामला वापस लेने की पेशकश की थी, अगर राहुल गांधी अपने बयान वापस ले लें.

RSS की छवि खराब करने के आरोप में मानहानि मुकदमा

दिसंबर 2015 में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि आरएसएस के कार्यकर्ताओं ने उन्हें असम के दौरे के दौरान बारपेटा में एक 'मंदिर' में प्रवेश करने से रोक दिया था. उन्होंने कहा था कि यह बीजेपी की राजनीति की स्टाइस है जो 'अस्वीकार्य' है.

Indian Express की रिपोर्ट के मुताबिक राहुल ने कहा था कि

जब मैं असम गया, तो मैं बारपेटा जिले के एक मंदिर में जाना चाहता था. आरएसएस के लोगों ने मुझे मंदिर में प्रवेश करने से रोका. बीजेपी के काम करने का यही तरीका है.

इसपर आरएसएस ने कहा था कि राहुल का आरोप "पूरी तरह निराधार" है.

इसके बाद राहुल गांधी पर भारतीय दंड संहिता की धारा 500 के तहत मानहानि का केस दायर किया गया. इस मामले को लेकर अगस्त 2016 में राहुल गांधी असम की एक मजिस्ट्रेट कोर्ट ने समन भेजा.

यह केस आरएसएस के एक स्वयंसेवक अंजन बोरा ने दायर किया था, जिसमें राहुल गांधी पर आरोप लगा था कि उन्होंने संगठन की छवि खराब की है.

इसके बाद गुवाहाटी की एक कोर्ट ने मामले में राहुल गांधी को जमानत दे दी.

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Rafale विवाद पर बयान को लेकर मानहानि मुकदमा

नवंबर 2018 में, महाराष्ट्र बीजेपी नेता महेश श्रीश्रीमल द्वारा राफेल विवाद के दौरान स्पष्ट रूप से नरेंद्र मोदी पर निर्देशित राहुल की "कमांडर-इन-थीफ" टिप्पणी पर मानहानि का मुकदमा दर्ज करवाया गया था.

Indian Express की रिपोर्ट के मुताबिक उस वक्त श्रीश्रीमल ने कहा था कि राहुल ने पिछले साल एक रैली के दौरान पीएम को चोर-चोर कहकर पीएम मोदी के साथ-साथ बीजेपी कार्यकर्ताओं को भी बदनाम किया है.

राहुल गांधी द्वारा शिकायत को रद्द करने की कोशिश करने के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाने के बाद बॉम्बे हाई कोर्ट ने कार्यवाही पर रोक लगा दी. इस मामले में भी सुनवाई अभी शुरू होनी है.

गौरी लंकेश हत्या केस पर बयान को लेकर मानहानि मुकदमा

फरवरी 2019 में, पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या से कथित तौर पर संघ को जोड़ने के आरोप में महाराष्ट्र के आरएसएस कार्यकर्ता और वकील ध्रुतिमान जोशी द्वारा राहुल गांधी और सीपीआई (एम) के महासचिव सीताराम येचुरी के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया गया था. जोशी ने अपनी याचिका में कहा कि लंकेश की मौत के 24 घंटे के भीतर राहुल ने अपने बयान में कहा कि जो कोई भी बीजेपी और आरएसएस की विचारधारा के खिलाफ बोलता है, उस पर दबाव डाला जाता है, पीटा जाता है, हमला किया जाता है और यहां तक कि उसे मार दिया जाता है.

शिकायत में आगे आरोप लगाया गया कि येचुरी ने भी कहा कि

यह आरएसएस की विचारधारा और आरएसएस के लोग थे जिन्होंने "लंकेश की हत्या की", जो दक्षिणपंथी राजनीति की तीखी आलोचना के लिए जाने जाते थे.

उसी साल नवंबर में, मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट पी आई मोकाशी की अध्यक्षता वाली मुंबई की एक कोर्ट ने मानहानि की शिकायत को खारिज करने की मांग वाली राहुल और येचुरी दोनों की याचिकाओं को खारिज कर दिया था. मामले में सुनवाई अभी शुरू होनी है.

नोटबंदी से जुड़े Tweet को लेकर अहमदाबाद की बैंक द्वारा मानहानि मुकदमा

अहमदाबाद जिला सहकारी बैंक (ADCB) और उसके अध्यक्ष अजय पटेल ने अगस्त 2018 में कांग्रेस नेता राहुल गांधी और पार्टी प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला के खिलाफ दो अलग-अलग आपराधिक मानहानि के मामले दर्ज किया.

Indian Express की रिपोर्ट के मुताबिक 22 जून 2018 को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए, सुरजेवाला ने एक आरटीआई जवाब का हवाला देते हुए दावा किया था कि बैंक ने 2016 में नोटबंदी की घोषणा के बाद सिर्फ पांच दिनों में 745.58 करोड़ रुपये के प्रतिबंधित नोटों को बदल दिया था.

राहुल गांधी के खिलाफ 22 जून, 2018 के एक ट्वीट के आधार पर मामला दर्ज किया गया था, जिसमें #ShahZyadaKhaGaya हैशटैग के साथ राहुल गांधी ने लिखा था कि बधाई अमित शाह जी, अहमदाबाद जिला सहकारी बैंक के निदेशक, आपके बैंक ने पुराने नोटों को नई दौड़ में बदलने में प्रथम पुरस्कार जीता है. पांच दिन में 750 करोड़ रूपए. नोटबंदी से तबाह हुए करोड़ों भारतीय आपकी उपलब्धि को सलाम करते हैं!

राहुल गांधी के ट्वीट के लगभग 10 महीने बाद बैंक और उसके अध्यक्ष अजय पटेल ने अहमदाबाद की एक कोर्ट में आपराधिक मानहानि का मुकदमा दायर किया.

जुलाई 2019 में राहुल को मामले में जमानत मिल गई थी. शिकायतकर्ताओं के वकील अजीत जडेजा ने कहा कि मौजूदा वक्त में दोनों मामलों में वादी गवाहों की जांच की जा रही है और अगली सुनवाई 1 जुलाई को है.

'मोदी सरनेम टिप्पणी' पर सुशील मोदी द्वारा मानहानि मुकदमा

भारतीय जनता पार्टी के सीनियर लीडर सुशील कुमार मोदी ने अप्रैल 2019 में पटना में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की कोर्ट में मुकदमा दायर किया था, जिसमें कर्नाटक के कोलार जिले में एक चुनावी रैली में राहुल गांधी द्वारा की गई टिप्पणी पर आपत्ति जताई गई थी.

Outlook की रिपोर्ट के मुताबिक कथित तौर पर इस दौरान राहुल गांधी ने कहा था कि सभी चोरों का उपनाम मोदी है. इस दौरान उन्होंने नरेंद्र मोदी, बैंक-धोखाधड़ी के आरोपी नीरव मोदी और आईपीएल के पूर्व आयुक्त ललित मोदी का जिक्र किया था.

इस मामले में 6 जुलाई 2019 को पटना की एक कोर्ट ने राहुल गांधी को जमानत दे दी थी.

जमानत मिलने के बाद राहुल गांधी ने कहा था कि मोदी सरकार और बीजेपी-आरएसएस के खिलाफ जो भी आवाज उठाए उस पर अदालती मुकदमे ठोंके जा रहे हैं.

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